यूट्यूब अल्गोरिथम | यूट्यूब अल्गोरिथम कैसे काम करती है? | यूट्यूब अल्गोरिथम एक्सप्लेन्ड
यूट्यूब आज की डेट में सबसे बड़ा वीडियो प्लेटफ़ॉर्म है, और अगर आप यूट्यूब पर सक्सेस पाना चाहते हैं, तो आपको इसके अल्गोरिथम को समझना बहुत जरूरी है। यह अल्गोरिथम वही चीज़ है जो डिसाइड करती है कि किसका वीडियो पॉपुलर होगा और किसका नहीं। तो चलिए जानते हैं कि यूट्यूब का अल्गोरिथम कैसे काम करता है और किन फैक्टर्स पर फोकस करता है।
1. रिलेटेड वीडियो और रिकमंडेशन
यूट्यूब का मेन गोल यही होता है कि वह यूज़र्स को ज़्यादा से ज़्यादा टाइम तक अपने प्लेटफॉर्म पर रोके। इसका एक बहुत बड़ा पार्ट है “रिकमंडेशन सिस्टम”। जब आप कोई वीडियो देखते हो, तो यूट्यूब आपको रिलेटेड वीडियो दिखाता है, ताकि आप और ज्यादा वीडियो देखो। इसके लिए अल्गोरिथम आपके हिस्ट्री और वॉच पैटर्न को अनालाइज करता है।
फैक्टर्स जो इन्फ्लुएंस करते हैं:
- वॉच हिस्ट्री: आपने कौन-कौन से वीडियो देखे हैं।
- सर्च हिस्ट्री: आपने किन टॉपिक्स पर सर्च किया है।
- इंगेजमेंट रेट: लाइक, कमेंट और शेयर कितने हुए हैं।
- वॉच टाइम: आपने कितने टाइम तक वीडियो देखा है।
2. क्लिक-थ्रू रेट (CTR)
जब आप यूट्यूब पर कोई वीडियो सर्च करते हैं, तो आपको बहुत सारे थंबनेल और टाइटल्स दिखते हैं। अब यूट्यूब देखता है कि कितने लोग किसी स्पेसिफिक वीडियो के थंबनेल पर क्लिक कर रहे हैं। इसे कहा जाता है क्लिक-थ्रू रेट (CTR)। अगर किसी वीडियो का CTR हाई है, तो यूट्यूब उसे ज्यादा प्रमोट करता है।
कैसे सुधारें CTR:
- थंबनेल: एट्रैक्टिव और क्लियर थंबनेल यूज़ करें।
- टाइटल: टाइटल कैची और क्लियर होनी चाहिए।
- डेस्क्रिप्शन: डेस्क्रिप्शन भी इन्फॉर्मेटिव होनी चाहिए, ताकि यूट्यूब समझ सके कि वीडियो किस बारे में है।
3. वॉच टाइम और इंगेजमेंट
यूट्यूब सिर्फ यह नहीं देखता कि कितने लोग वीडियो देख रहे हैं, बल्कि यह भी देखता है कि लोग कितने टाइम तक वीडियो देख रहे हैं। इसे कहा जाता है वॉच टाइम। अगर लोग आपका वीडियो पूरा देख रहे हैं या ज्यादातर हिस्सा देख रहे हैं, तो इसका मतलब है कि वीडियो एंगेजिंग है।
इंगेजमेंट को इम्प्रूव करने के लिए:
- क्वालिटी कंटेंट: वीडियो का कंटेंट ऐसा हो जो लोगों को शुरू से अंत तक एंगेज रखे।
- कॉल टू एक्शन (CTA): वीडियो के अंदर लाइक, कमेंट, और शेयर करने के लिए एनकरेज करें।
- वीडियो लेंथ: सही वीडियो लेंथ को चुनें। बहुत लंबा या बहुत छोटा वीडियो दोनों ही नुकसान कर सकते हैं।
4. यूज़र सेशन टाइम
यूट्यूब का एक और अहम मेट्रिक है “यूज़र सेशन टाइम।” यूट्यूब यह देखता है कि एक यूज़र एक सेशन में कितने टाइम तक यूट्यूब पर रहता है। अगर आपका वीडियो किसी यूज़र को यूट्यूब पर ज्यादा टाइम तक रोके रखता है, तो यूट्यूब उसे और ज्यादा लोगों को दिखाएगा।
कैसे इम्प्रूव करें:
- सीरीज़ वीडियो: वीडियो सीरीज़ बनाएं, ताकि लोग एक के बाद एक वीडियो देखते रहें।
- प्लेलिस्ट: अपनी वीडियो को प्लेलिस्ट में एड करें। इससे ऑटोमेटिकली अगला वीडियो प्ले होगा।
- एंड स्क्रीन और कार्ड्स: वीडियो के एंड में दूसरे रिलेटेड वीडियो के लिंक दें, ताकि यूज़र और वीडियो देखें।
5. सर्च रैंकिंग
यूट्यूब एक सर्च इंजन भी है, और जब आप कोई कीवर्ड सर्च करते हैं, तो आपको रिजल्ट्स दिखते हैं। इन रिजल्ट्स को डिटरमाइन करने के लिए यूट्यूब का सर्च अल्गोरिथम काम करता है।
फैक्टर्स जो सर्च रैंकिंग को इम्पैक्ट करते हैं:
- कीवर्ड ऑप्टिमाइजेशन: वीडियो का टाइटल, डेस्क्रिप्शन, और टैग्स में सही कीवर्ड्स का यूज़ करें।
- रिलेटेड कंटेंट: आपका कंटेंट सर्च किए गए कीवर्ड से कितना रिलेटेड है।
- एंगेजमेंट रेट: लोग आपके वीडियो के साथ कितना इंटरेक्ट कर रहे हैं।
6. फ्रेशनेस और वाइरल ट्रेंड्स
यूट्यूब फ्रेश और ट्रेंडिंग कंटेंट को ज्यादा प्रमोट करता है। अगर आपका वीडियो किसी वाइरल ट्रेंड से जुड़ा है या किसी नए टॉपिक पर है, तो यूट्यूब उसे जल्दी प्रमोट करेगा।
कैसे अप्लाई करें:
- ट्रेंडिंग टॉपिक्स: हमेशा ट्रेंडिंग टॉपिक्स पर वीडियो बनाएं।
- कंटेंट अपग्रेड करें: अगर आपका पुराना वीडियो ट्रेंड से रिलेटेड है, तो उसे नए तरीके से प्रेजेंट करें।
7. ऑडियंस रिटेंशन
ऑडियंस रिटेंशन का मतलब है कि कितने प्रतिशत लोग आपके वीडियो को पूरा देख रहे हैं। अगर लोग आपके वीडियो का बड़ा हिस्सा देख रहे हैं, तो यह एक अच्छा सिग्नल है।
इम्प्रूव करने के तरीके:
- इंट्रोडक्शन: वीडियो की शुरुआत एंगेजिंग और इंट्रेस्टिंग होनी चाहिए।
- मिड-रोल हुक्स: बीच-बीच में कुछ ऐसे मोमेंट्स एड करें जो लोगों को वीडियो छोड़ने ना दें।
- क्वालिटी एडिटिंग: वीडियो एडिटिंग स्मूद और प्रोफेशनल होनी चाहिए, ताकि लोग जुड़े रहें।
8. नोटिफिकेशन और सब्सक्रिप्शन
यूट्यूब का अल्गोरिथम यह भी देखता है कि कितने लोग आपके चैनल को सब्सक्राइब कर रहे हैं और कितने लोग आपकी नोटिफिकेशन बेल को ऑन कर रहे हैं। जितने ज्यादा लोग सब्सक्राइब करेंगे और नोटिफिकेशन ऑन करेंगे, उतनी ही जल्दी आपके वीडियो रैंक होंगे।
बढ़ाने के तरीके:
- कॉल टू एक्शन: हर वीडियो के एंड में लोगों से सब्सक्राइब करने के लिए कहें।
- रिवार्ड सिस्टम: सब्सक्राइबर के लिए एक्सक्लूसिव कॉन्टेंट का ऑफर दें।
- नोटिफिकेशन अलर्ट: लोगों को नोटिफिकेशन ऑन करने के लिए मोटिवेट करें।
यूट्यूब का अल्गोरिथम समझने के बाद, आप अपनी वीडियो स्ट्रेटेजी को बेहतर तरीके से प्लान कर सकते हैं। अब आपको सिर्फ अच्छे कंटेंट पर ही नहीं, बल्कि उन फैक्टर्स पर भी ध्यान देना होगा जो यूट्यूब को इम्प्रेस कर सके।
9. कीवर्ड ऑप्टिमाइजेशन
जैसे कि हम पहले डिस्कस कर चुके हैं, यूट्यूब सर्च इंजन की तरह भी काम करता है, और अगर आप चाहते हैं कि आपके वीडियो ज्यादा से ज्यादा सर्च रिजल्ट्स में आएं, तो आपको कीवर्ड ऑप्टिमाइजेशन पर ध्यान देना होगा।
कीवर्ड ऑप्टिमाइजेशन कैसे करें:
- वीडियो टाइटल: टाइटल में मेन कीवर्ड जरूर शामिल करें। लेकिन ध्यान रखें कि टाइटल नैचुरल लगे, ना कि ओवर-ऑप्टिमाइज्ड।
- डेस्क्रिप्शन: डेस्क्रिप्शन में भी कीवर्ड्स का सही इस्तेमाल करें। डेस्क्रिप्शन के पहले कुछ लाइनें खासतौर पर इम्पोर्टेंट होती हैं, क्योंकि यूट्यूब वही कंटेंट सबसे पहले इंडेक्स करता है।
- टैग्स: टैग्स में भी रिलेटेड कीवर्ड्स डालें, लेकिन यहां भी ओवर-ऑप्टिमाइजेशन से बचें। यूट्यूब टैग्स को एक सपोर्टिव मेट्रिक की तरह देखता है, मेन नहीं।
- कीवर्ड रिसर्च: टूल्स जैसे कि Google Trends और TubeBuddy का यूज़ करें, ताकि आपको पता चले कि कौनसे कीवर्ड ट्रेंड में हैं।
10. रिटेंशन एनालिटिक्स
यूट्यूब एनालिटिक्स एक पावरफुल टूल है जो आपको आपके वीडियो के परफॉर्मेंस का डीप एनालिसिस देता है। इससे आप यह समझ सकते हैं कि आपके कौन से वीडियो अच्छे परफॉर्म कर रहे हैं और क्यों। इसके अलावा, यह भी पता कर सकते हैं कि कहां इंप्रूवमेंट की जरूरत है।
क्या देखें:
- व्यूअर ड्रॉप-ऑफ रेट: यह आपको बताता है कि लोग किस पार्ट पर आपका वीडियो छोड़ रहे हैं। अगर किसी स्पेसिफिक पॉइंट पर ड्रॉप-ऑफ ज्यादा हो रहा है, तो शायद उस पार्ट में कुछ प्रॉब्लम है।
- हाई इंगेजमेंट मोमेंट्स: यह वो मोमेंट्स हैं जहां लोग ज्यादा रिएक्ट कर रहे हैं या वीडियो ज्यादा एंगेजिंग बन रहा है। इन मोमेंट्स का यूज़ करके आप अगली वीडियो में भी ऐसी स्ट्रेटेजी अप्लाई कर सकते हैं।
- अवरेज वॉच ड्यूरेशन: ये आपको बताता है कि आपका वीडियो औसतन कितने टाइम तक देखा गया। अगर वॉच टाइम हाई है, तो यूट्यूब उसे प्रमोट करने की ज्यादा चांसेस रखता है।
11. वीडियो का क्वालिटी और प्रोडक्शन
आजकल यूट्यूब पर कॉम्पटीशन बहुत बढ़ चुका है, और अगर आपके वीडियो का प्रोडक्शन क्वालिटी अच्छा नहीं है, तो लोग आपके वीडियो को जल्दी छोड़ सकते हैं। यूट्यूब का अल्गोरिथम यह देखता है कि आपके वीडियो में विजुअल और ऑडियो क्वालिटी कितनी अच्छी है।
कैसे इंप्रूव करें:
- विजुअल क्वालिटी: वीडियो HD या उससे बेहतर क्वालिटी में शूट करें। वीडियो क्लियर और विजुअली एट्रैक्टिव होनी चाहिए।
- ऑडियो क्वालिटी: ऑडियो क्लियर और नॉइज़-फ्री होनी चाहिए। अगर आपका ऑडियो अच्छा नहीं है, तो लोग वीडियो जल्दी बंद कर देंगे।
- एडिटिंग: वीडियो की एडिटिंग स्मूद होनी चाहिए। बैकग्राउंड म्यूजिक और ट्रांजिशन को सही तरीके से यूज़ करें, ताकि वीडियो एंगेजिंग लगे।
12. कंटेंट कंसिस्टेंसी
यूट्यूब का अल्गोरिथम यह भी देखता है कि आप कितनी कंसिस्टेंसी से वीडियो पोस्ट कर रहे हैं। अगर आप रेगुलर वीडियो पोस्ट करते हैं, तो आपके चैनल के सक्सेस के चांसेस बढ़ जाते हैं। कंसिस्टेंसी बनाए रखने से आपकी ऑडियंस के साथ इंगेजमेंट भी मजबूत होती है, और यूट्यूब आपका कंटेंट ज्यादा प्रमोट करता है।
कैसे बनाए रखें कंसिस्टेंसी:
- कंटेंट कैलेंडर: एक कंटेंट कैलेंडर बनाएं और उसके हिसाब से वीडियो पोस्ट करें। इससे आप प्लानिंग कर पाएंगे और वीडियो की क्वालिटी भी मेनटेन कर पाएंगे।
- वीडियो बैचिंग: एक साथ कई वीडियो शूट करें और उन्हें समय-समय पर पोस्ट करें। इससे आपका वर्कलोड भी कम होगा और कंसिस्टेंसी भी बनी रहेगी।
- अपलोड शेड्यूल: एक फिक्स्ड शेड्यूल पर वीडियो अपलोड करें, ताकि आपकी ऑडियंस को पता हो कि कब नया वीडियो आएगा।
13. कम्युनिटी टैब और स्टोरीज
यूट्यूब का कम्युनिटी टैब और स्टोरीज फीचर भी बहुत इंपोर्टेंट हैं, खासतौर पर ऑडियंस इंगेजमेंट के लिए। इनका सही इस्तेमाल करके आप अपने चैनल की ऑडियंस को एक्टिव रख सकते हैं और उन्हें अपने कंटेंट से जुड़े रख सकते हैं।
कैसे करें यूज़:
- कम्युनिटी पोस्ट्स: पोल्स, अपडेट्स, और क्वेश्चन-आंसर सेशन्स करके आप अपनी ऑडियंस के साथ डायरेक्ट इंगेजमेंट कर सकते हैं।
- स्टोरीज: यूट्यूब स्टोरीज फीचर का यूज़ करके आप अपने ऑडियंस को बिहाइंड-द-सीन एक्सेस दे सकते हैं। इससे आपकी ऑडियंस के साथ पर्सनल कनेक्शन बनता है।
- प्रोमोशन: कम्युनिटी टैब का यूज़ करके अपने नए वीडियो या आने वाले प्रोजेक्ट्स का प्रोमोशन भी कर सकते हैं।
14. इन्फ्लुएंसर कोलैबोरेशन और क्रॉस-प्रमोशन
यूट्यूब पर ग्रो करने के लिए कोलैबोरेशन एक बहुत ही अच्छा तरीका है। जब आप दूसरे यूट्यूबर्स या इन्फ्लुएंसर्स के साथ कोलैबोरेट करते हैं, तो उनकी ऑडियंस भी आपके चैनल पर आती है। इससे आपकी रीच और सब्सक्राइबर बेस बढ़ सकता है।
कैसे करें इफेक्टिव कोलैबोरेशन:
- रिलेटेड चैनल्स के साथ कोलैब करें: ऐसे यूट्यूबर्स को चुनें जिनका कंटेंट आपके कंटेंट से मेल खाता हो।
- क्रॉस-प्रमोशन: आप एक-दूसरे के वीडियो में मेंशन कर सकते हैं या एक-दूसरे के चैनल्स को प्रोमोट कर सकते हैं।
- जॉइंट लाइव सेशन्स: लाइव स्ट्रीमिंग सेशन्स करें जिसमें आप और दूसरे क्रिएटर्स मिलकर बातचीत करें। इससे इंगेजमेंट भी बढ़ती है और ऑडियंस भी बढ़ती है।
15. मोनेटाइजेशन के लिए फ्रेंडली कंटेंट
अगर आप यूट्यूब से पैसे कमाना चाहते हैं, तो आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आपका कंटेंट एडवरटाइजर फ्रेंडली हो। यूट्यूब के अल्गोरिथम को यह देखना होता है कि आपका वीडियो ऐड लगाने के लिए सेफ है या नहीं।
टिप्स:
- फैमिली-फ्रेंडली कंटेंट: वीडियो में कोई ऐसा कंटेंट न डालें जो ऑफेंसिव या इनअपरोप्रिएट हो।
- कॉपिराइट फ्री म्यूजिक: म्यूजिक और इमेजेस के लिए हमेशा कॉपीराइट-फ्री सोर्सेस का यूज़ करें।
- वॉयस और टोन: वीडियो का टोन प्रोफेशनल और पॉलिटिकल-न्यूट्रल होना चाहिए, ताकि सभी टाइप की ऑडियंस के लिए फ्रेंडली हो।
16. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का यूज़
यूट्यूब का अल्गोरिथम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर बेस्ड होता है, जो लगातार यूज़र बिहेवियर से सीखता रहता है। यह अल्गोरिथम हर दिन इंप्रूव होता है और यूज़र्स के प्रेफरेंसेस के हिसाब से रिजल्ट्स को ऑप्टिमाइज करता है।
कैसे होता है असर:
- वीडियो रिकमेंडेशन: AI आपकी वॉच हिस्ट्री और इंगेजमेंट पैटर्न को ट्रैक करता है और उसी के हिसाब से वीडियो सजेस्ट करता है।
- सर्च रिजल्ट्स: मशीन लर्निंग मॉडल्स यह डिसाइड करते हैं कि किस वीडियो को किस सर्च रिजल्ट में दिखाया जाए, और इसे समय के साथ अपग्रेड किया जाता है।
- ट्रेंडिंग सेक्शन: ट्रेंडिंग सेक्शन में वही वीडियो आते हैं जो बहुत तेजी से इंगेजमेंट पा रहे होते हैं, और यह भी AI की मदद से होता है।
17. आने वाले बदलाव और ट्रेंड्स
यूट्यूब का अल्गोरिथम हर साल कुछ ना कुछ बदलाव करता रहता है। इसीलिए आपको हमेशा अपडेट रहना चाहिए कि नए ट्रेंड्स और अपडेट्स क्या हैं।
आने वाले कुछ बड़े ट्रेंड्स:
- शॉर्ट-फॉर्म वीडियो: यूट्यूब शॉर्ट्स का ग्रोथ काफी तेजी से हो रहा है। अगर आप शॉर्ट-फॉर्म कंटेंट क्रिएट करते हैं, तो यूट्यूब उसे प्रमोट करने में ज्यादा रुचि दिखा सकता है।
- AI-जनरेटेड कंटेंट: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड वीडियो क्रिएशन और एडिटिंग का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है। आप भी इस नए ट्रेंड का फायदा उठा सकते हैं।
- इंटरएक्टिव वीडियो: यूट्यूब इंटरएक्टिव वीडियो और पर्सनलाइज्ड कंटेंट पर ज्यादा फोकस कर सकता है, इसलिए इस दिशा में भी सोचें।
निष्कर्ष
यूट्यूब का अल्गोरिथम एक कॉम्प्लेक्स सिस्टम है, लेकिन इसे सही तरीके से समझने और अप्लाई करने से आपके चैनल की ग्रोथ पक्की हो सकती है। जरूरी है कि आप कंटेंट क्वालिटी, इंगेजमेंट, और रेगुलर अपलोडिंग पर ध्यान दें। जितना ज्यादा आप यूट्यूब के अल्गोरिथम के हिसाब से काम करेंगे, उतनी ही जल्दी आप सक्सेस पा सकते हैं।
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