ईमेल मार्केटिंग से एफिलिएट लिंक्स का प्रमोशन करना - एफिलिएट मार्केटिंग

एफिलिएट लिंक प्रमोशन - ईमेल मार्केटिंग

आजकल के डिजिटल युग में एफिलिएट मार्केटिंग एक बेहद पॉपुलर और प्रभावी तरीका बन चुका है पैसे कमाने का। इसमें आप किसी कंपनी या प्रोडक्ट का प्रमोशन करके कमीशन कमा सकते हैं। एफिलिएट मार्केटिंग में आपको एक यूनिक एफिलिएट लिंक मिलता है, जिसे शेयर करके आप कमीशन अर्जित कर सकते हैं। पर सवाल ये है कि इस एफिलिएट लिंक को प्रमोट कैसे किया जाए? इसका सबसे पावरफुल तरीका है - ईमेल मार्केटिंग।

ईमेल मार्केटिंग क्यों है ज़रूरी? समझें 

ईमेल मार्केटिंग एक ऐसा टूल है जिसके ज़रिए आप सीधे अपने ऑडियंस तक पहुंच सकते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स जैसे Facebook, Instagram, या YouTube पर आप जितने लोगों तक पहुंचते हैं, उसमें काफी लिमिटेशंस होती हैं। इन प्लेटफ़ॉर्म्स पर आपका कंटेंट एल्गोरिदम पर डिपेंड होता है, लेकिन ईमेल मार्केटिंग में आपके पास ऑडियंस की ईमेल लिस्ट होती है, जो आपको डायरेक्ट एक्सेस देती है।

ईमेल मार्केटिंग से एफिलिएट लिंक्स को प्रमोट करने के फायदें:

  • टारगेटेड ऑडियंस: ईमेल मार्केटिंग में आप अपनी ऑडियंस को सेगमेंट कर सकते हैं। इससे आप उन लोगों को अपने ईमेल भेज सकते हैं जो आपकी ऑफरिंग में इंट्रेस्टेड हों, जिससे कन्वर्जन रेट बढ़ता है।
  • कस्टमाइजेशन: ईमेल्स में आप पर्सनलाइजेशन का फायदा उठा सकते हैं। जैसे, हर ईमेल में रिसीवर का नाम डालना, उनके प्रेफरेंस के मुताबिक कंटेंट भेजना, आदि। इससे यूज़र का इंगेजमेंट बढ़ता है।
  • कंट्रोल और एनालिटिक्स: ईमेल मार्केटिंग के ज़रिए आप हर ईमेल की परफॉर्मेंस को ट्रैक कर सकते हैं। ओपन रेट, क्लिक-थ्रू रेट (CTR), और कन्वर्जन रेट को मॉनिटर करके आप अपनी स्ट्रेटेजी को और बेहतर बना सकते हैं।

ईमेल लिस्ट बनाना सीखें 

ईमेल मार्केटिंग के लिए सबसे पहला स्टेप होता है ईमेल लिस्ट बनाना। आपके पास जितनी ज़्यादा कस्टमर की ईमेल्स होंगी, उतना ही आपके ईमेल मार्केटिंग के ज़रिए एफिलिएट लिंक्स से कमीशन कमाने का चांस बढ़ता है।

  • लैंडिंग पेज और लीड मैग्नेट: लीड मैग्नेट का मतलब है कि आप अपनी वेबसाइट या ब्लॉग पर कुछ वैल्यूऐबल कंटेंट ऑफर करें जैसे की एक ई-बुक, फ्री कोर्स, या डिस्काउंट कूपन। बदले में यूज़र आपको अपनी ईमेल आईडी देगा। इससे आप ईमेल लिस्ट बना सकते हैं।
  • पॉप-अप्स और साइन-अप फॉर्म्स: आपकी वेबसाइट पर पॉप-अप्स या साइडबार में साइन-अप फॉर्म डालें, जिसमें लोग अपनी ईमेल देकर आपके न्यूज़लेटर के लिए सब्सक्राइब कर सकें।
  • सोशल मीडिया प्रमोशन: अपने सोशल मीडिया चैनल्स पर भी ईमेल लिस्ट के लिए प्रमोशन करें। एक छोटा पोस्ट या स्टोरी शेयर करें जिसमें लोग आपको ईमेल देकर आपकी ऑफरिंग्स का लाभ उठा सकते हैं।

ईमेल सीरीज और ऑटोमेशन करें 

ईमेल मार्केटिंग में एफिलिएट लिंक्स को प्रमोट करने के लिए आपको एक स्ट्रेटेजिक अप्रोच की ज़रूरत होती है। इसके लिए आप ईमेल सीरीज या ऑटोमेशन का सहारा ले सकते हैं।

  • वेलकम सीरीज: जब कोई नया सब्सक्राइबर आपकी ईमेल लिस्ट में आता है, तो सबसे पहले उसे एक वेलकम ईमेल भेजें। इस ईमेल में आप उसे इंट्रोड्यूस कर सकते हैं अपनी सर्विसेज़ से और धीरे-धीरे अपनी एफिलिएट प्रोडक्ट्स की जानकारी भी दे सकते हैं।
  • डिप-सीलिंग सीरीज: ये ईमेल्स उन कस्टमर्स के लिए होती हैं जो आपकी ऑफरिंग में थोड़ी सी दिलचस्पी दिखा चुके होते हैं। जैसे कि किसी ने आपके एफिलिएट लिंक पर क्लिक किया, लेकिन खरीदारी नहीं की। अब आप उन्हें कुछ और ईमेल्स के ज़रिए इस प्रोडक्ट की खासियतें और यूज़र्स के रिव्यूज़ दिखा सकते हैं।
  • फॉलो-अप ईमेल्स: कई बार कस्टमर्स ईमेल खोलते हैं लेकिन खरीदारी नहीं करते। ऐसे में आप कुछ फॉलो-अप ईमेल्स भेज सकते हैं जिसमें आप उन्हें एक खास ऑफर या लिमिटेड टाइम डिस्काउंट दे सकते हैं ताकि वे कन्वर्ट हो जाएं।

ईमेल कंटेंट कैसा हो? समझें 

ईमेल में आपको ध्यान रखना है कि आपका कंटेंट ना सिर्फ़ इन्फॉर्मेटिव हो, बल्कि इंगेजिंग भी हो। यहां कुछ टिप्स दिए जा रहे हैं:

  • कैची सब्जेक्ट लाइन: आपकी ईमेल की सब्जेक्ट लाइन बहुत महत्वपूर्ण होती है। इसे इतना आकर्षक बनाएं कि रिसीवर ईमेल को ओपन करने के लिए मजबूर हो जाए। जैसे, "Exclusive Offer Just for You!" या "Don't Miss This Amazing Deal!"
  • क्लियर कॉल-टू-एक्शन (CTA): आपकी ईमेल में एक स्पष्ट CTA होना चाहिए। जैसे "Shop Now," "Get 20% Off," या "Learn More." इससे यूज़र को पता चलता है कि उसे क्या करना है।
  • शॉर्ट और सिंपल: ईमेल को छोटा और सिंपल रखें। ज्यादा टेक्स्ट डालने से यूज़र बोर हो सकता है। इसके बजाय इन्फॉर्मेशनल और इंगेजिंग पॉइंट्स पर फोकस करें।

विजुअल्स और इमेजेस: सिर्फ़ टेक्स्ट नहीं, बल्कि इमेजेस और विजुअल्स का भी इस्तेमाल करें। इससे ईमेल ज़्यादा आकर्षक बनता है और प्रोडक्ट की जानकारी ज़्यादा इफेक्टिव तरीके से पहुंचाई जा सकती है।

ईमेल मार्केटिंग ऑटोमेशन करें 

ईमेल मार्केटिंग से एफिलिएट लिंक्स को प्रमोट करने का एक अहम हिस्सा है ऑटोमेशन। इससे आपको बार-बार मैन्युअली ईमेल भेजने की ज़रूरत नहीं पड़ती, और सही समय पर सही ऑडियंस तक आपकी ईमेल पहुँचती है। ऑटोमेशन की मदद से आप ट्रिगर बेस्ड ईमेल्स भेज सकते हैं, जिससे आपकी एफिलिएट मार्केटिंग स्ट्रेटेजी और भी मजबूत बनती है।

1. ट्रिगर बेस्ड ईमेल्स

ट्रिगर बेस्ड ईमेल्स का मतलब होता है कि जब कोई यूज़र एक खास ऐक्शन करता है, तो उसके बाद एक ईमेल ऑटोमेटिकली भेजा जाता है। जैसे, अगर किसी यूज़र ने आपके एफिलिएट लिंक पर क्लिक किया, लेकिन कोई खरीदारी नहीं की, तो आप एक "Abandoned Cart" ईमेल भेज सकते हैं। इसमें आप यूज़र को प्रोडक्ट के बारे में याद दिला सकते हैं और उन्हें एक डिस्काउंट ऑफर कर सकते हैं।

2. सीक्वेंस्ड ईमेल्स

ऑटोमेशन का एक और फायदेमंद तरीका है सीक्वेंस्ड ईमेल्स। इसमें आप एक सीरीज बना सकते हैं जो एक टाइमफ्रेम के अंदर भेजी जाती हैं। जैसे, अगर आप किसी एफिलिएट प्रोडक्ट का प्रमोशन कर रहे हैं, तो आप यूज़र को पहले एक इंट्रोडक्टरी ईमेल भेज सकते हैं, फिर कुछ दिन बाद एक डिटेल्ड ईमेल और आखिर में एक फ़ाइनल रिमाइंडर।

3. लाइफसाइकिल मार्केटिंग

लाइफसाइकिल मार्केटिंग एक बहुत ही स्मार्ट तरीका है ईमेल ऑटोमेशन का, जिसमें आप यूज़र की जर्नी को ट्रैक करते हैं और उसी के हिसाब से उन्हें ईमेल्स भेजते हैं। जैसे, अगर कोई नया सब्सक्राइबर है, तो आप उसे वेलकम ईमेल भेजते हैं। अगर कोई बार-बार आपके ईमेल्स ओपन करता है लेकिन एफिलिएट लिंक पर क्लिक नहीं करता, तो आप उसे एक आकर्षक ऑफर के साथ ईमेल भेज सकते हैं।

एनालिटिक्स और ऑप्टिमाइज़ेशन करें 

ईमेल मार्केटिंग में एनालिटिक्स और डेटा ट्रैकिंग का बहुत बड़ा रोल होता है। आप यह देख सकते हैं कि कौन सी ईमेल्स अच्छा परफॉर्म कर रही हैं और कौन सी नहीं। इसके लिए कुछ खास मेट्रिक्स होते हैं जिनका ध्यान रखना जरूरी है:

1. ओपन रेट:

ओपन रेट बताता है कि कितने लोगों ने आपकी ईमेल को ओपन किया है। अगर आपका ओपन रेट कम है, तो आपको अपनी सब्जेक्ट लाइन्स पर ध्यान देना चाहिए। कोशिश करें कि आपकी सब्जेक्ट लाइन एट्रैक्टिव और एंगेजिंग हो, ताकि यूज़र उसे ओपन करने के लिए प्रेरित हो।

2. क्लिक-थ्रू रेट (CTR):

CTR बताता है कि कितने लोगों ने आपकी ईमेल में दिए गए लिंक पर क्लिक किया। अगर आपका CTR कम है, तो आपको अपने ईमेल कंटेंट और CTA पर काम करने की जरूरत है। आपकी ईमेल में ऐसा ऑफर होना चाहिए जो यूज़र को एफिलिएट लिंक पर क्लिक करने के लिए प्रेरित करे।

3. कन्वर्जन रेट:

कन्वर्जन रेट दिखाता है कि कितने लोगों ने आपकी ईमेल के ज़रिए खरीदारी की। अगर आपका कन्वर्जन रेट कम है, तो आपको अपने ऑफर या प्रोडक्ट प्रेजेंटेशन पर काम करना होगा। हो सकता है कि आपको एक लिमिटेड टाइम डिस्काउंट या एक खास बंडल ऑफर देना पड़े जिससे यूज़र को खरीदारी करने का इंट्रेस्ट पैदा हो।

4. अनसब्सक्राइब रेट:

अगर आपका अनसब्सक्राइब रेट बढ़ रहा है, तो इसका मतलब है कि आपके सब्सक्राइबर्स आपकी ईमेल से खुश नहीं हैं। इसके लिए आपको अपने कंटेंट और फ्रीक्वेंसी पर ध्यान देना होगा। कोशिश करें कि आप स्पैम की तरह फील न करें और ईमेल्स का टाइमिंग सही हो।

बेस्ट प्रैक्टिसेज़ इन ईमेल मार्केटिंग सीखें 

एफिलिएट लिंक्स प्रमोट करने के लिए ईमेल मार्केटिंग को सही तरीके से इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है। यहां कुछ बेस्ट प्रैक्टिसेज़ दी गई हैं जिनसे आप अपनी एफिलिएट मार्केटिंग को ऑप्टिमाइज़ कर सकते हैं:

1. ईमेल्स को मोबाइल-फ्रेंडली बनाएं

आजकल ज्यादातर लोग अपने स्मार्टफोन पर ईमेल्स चेक करते हैं। इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आपकी ईमेल्स मोबाइल-फ्रेंडली हों। आपके ईमेल का डिज़ाइन, टेक्स्ट और बटन मोबाइल पर भी अच्छे से दिखने चाहिए। इसके लिए आप एक रेस्पॉन्सिव डिज़ाइन का इस्तेमाल कर सकते हैं।

2. कंटेंट को वैल्यू-ऐड करें

ईमेल्स में सिर्फ एफिलिएट लिंक डालना ही काफी नहीं है। आपको ऐसा कंटेंट देना होगा जो यूज़र को कुछ वैल्यू दे। जैसे, अगर आप किसी प्रोडक्ट का प्रमोशन कर रहे हैं, तो उसके फायदे, यूज़ करने के तरीके और यूज़र रिव्यूज को हाईलाइट करें। इससे यूज़र को ईमेल पढ़ने में इंट्रेस्ट आएगा और वह आपके एफिलिएट लिंक पर क्लिक करेगा।

3. एफिलिएट लिंक को नैचुरल तरीके से एंबेड करें

कई बार ईमेल्स में एफिलिएट लिंक को जबरदस्ती फिट किया जाता है, जिससे यूज़र को लगेगा कि आप सिर्फ पैसे कमाने के लिए ये कर रहे हैं। इसके बजाय, एफिलिएट लिंक को एक नैचुरल तरीके से अपने कंटेंट में शामिल करें। जैसे, अगर आप किसी प्रोडक्ट का रिव्यू लिख रहे हैं, तो उसके बीच में लिंक डालें, ताकि यूज़र को लगे कि यह उनके लिए एक अच्छा सुझाव है।

4. A/B टेस्टिंग करें

A/B टेस्टिंग एक बहुत ही पावरफुल तरीका है यह जानने का कि आपकी ईमेल्स कितनी इफेक्टिव हैं। आप एक ही ईमेल के दो वेरिएंट बना सकते हैं और देख सकते हैं कि कौन सा बेहतर परफॉर्म कर रहा है। जैसे, आप सब्जेक्ट लाइन, CTA, इमेजेस, या डिस्काउंट ऑफर्स का टेस्ट कर सकते हैं।

5. सब्सक्राइबर्स की फ्रीक्वेंसी को एडजस्ट करें

हर सब्सक्राइबर का अलग इंट्रेस्ट और इंगेजमेंट लेवल होता है। कोई यूज़र हफ्ते में कई ईमेल्स देखना पसंद करता है, तो कोई महीने में एक बार। इसलिए आप अपनी ईमेल लिस्ट को सेगमेंट कर सकते हैं और फ्रीक्वेंसी को उनके हिसाब से एडजस्ट कर सकते हैं।

रेगुलर एनगेजमेंट बनाए रखें

ईमेल मार्केटिंग में एफिलिएट लिंक्स को प्रमोट करते समय यह बहुत ज़रूरी है कि आप रेगुलरली अपने सब्सक्राइबर्स से जुड़ें रहें। अगर आप बहुत लंबे समय तक ईमेल नहीं भेजते हैं, तो यूज़र आपके ब्रांड को भूल सकते हैं। वहीं अगर आप बहुत ज्यादा ईमेल्स भेजते हैं, तो यह स्पैम की तरह लग सकता है। इसलिए एक बैलेंस बनाए रखना ज़रूरी है।

1. फॉलो-अप ईमेल्स

अगर कोई यूज़र आपके एफिलिएट लिंक पर क्लिक तो करता है लेकिन खरीदारी नहीं करता, तो आप फॉलो-अप ईमेल्स भेज सकते हैं। इसमें आप यूज़र को रिमाइंड कर सकते हैं कि वह प्रोडक्ट अब भी उपलब्ध है और शायद आप एक छोटा डिस्काउंट भी ऑफर कर सकते हैं।

2. सीजनल या इवेंट बेस्ड ईमेल्स

सीजनल सेल्स या इवेंट बेस्ड ईमेल्स भी आपके एफिलिएट लिंक्स प्रमोट करने का एक बेहतरीन तरीका है। जैसे, ब्लैक फ्राइडे, साइबर मंडे, या न्यू ईयर के समय पर स्पेशल ऑफर्स के साथ ईमेल भेजना यूज़र्स का ध्यान खींच सकता है।

3. एंगेजमेंट-ड्रिवन ईमेल्स

इंगेजमेंट बनाए रखने के लिए आप अपने ईमेल्स में इंटरेक्टिव कंटेंट भी डाल सकते हैं। जैसे, क्विज़, सर्वे, या पोल्स। इससे यूज़र सिर्फ ईमेल पढ़ेगा ही नहीं, बल्कि उससे इंगेज भी होगा, जो आपके एफिलिएट लिंक्स पर क्लिक करने के चांसेस को बढ़ा देता है।

कन्क्लूज़न

ईमेल मार्केटिंग से एफिलिएट लिंक्स को प्रमोट करना एक बेहद प्रभावी तरीका है अगर इसे सही ढंग से इस्तेमाल किया जाए। एक सही स्ट्रेटेजी, पर्सनलाइजेशन, और ऑटोमेशन के साथ आप अपने एफिलिएट मार्केटिंग से बेहतर रिजल्ट्स पा सकते हैं।

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Table of Contents

  1. एफिलिएट मार्केटिंग क्या है? में कैसे शुरू कर सकता हूँ? 
  2. एफिलिएट मार्केटिंग की हिस्ट्री और एवोलुशन 
  3. बेनिफिट्स एंड पोटेंशियल ऑफ़ एफिलिएट मार्केटिंग 
  4. एफिलिएट मार्केटिंग की प्लेयर्स 
  5. पेमेंट मॉडल्स इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  6. टाइप्स ऑफ़ एफिलिएट प्रोग्राम्स - फिजिकल प्रोडक्ट्स 
  7. टाइप्स ऑफ़ एफिलिएट प्रोग्राम्स - डिजिटल प्रोडक्ट्स 
  8. टाइप्स ऑफ़ एफिलिएट प्रोग्राम्स - सर्विसेज 
  9. इम्पोर्टेंस ऑफ़ Niche सिलेक्शन इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  10. एफिलिएट मार्केटिंग के लिए प्रॉफिटेबल नीचेस (niches) कैसे चुने? 
  11. मार्केट रिसर्च - टूल्स एंड टेक्निक्स फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  12. मार्केट रिसर्च - एनलाइज़िंग कॉम्पिटिटर्स इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  13. सेटिंग अप योर प्लेटफार्म - ब्लॉगस, वेबसाइटस एंड सोशल मीडिया चैनल्स फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  14. सेटिंग अप योर प्लेटफार्म - डोमेन एंड होस्टिंग एसेंशियल फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  15. पॉपुलर एफिलिएट नेटवर्क्स - अमेज़न एसोसिएट, शेयर ए सेल, क्लिक बैंक 
  16. एफिलिएट प्रोग्राम्स में कमीशन रेट क्या है? 
  17. एफिलिएट मार्केटिंग में कुकी डूरेशन क्यों महत्वपूर्ण है? 
  18. सपोर्ट एंड रिसोर्सेज फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  19. टाइप्स ऑफ़ कंटेंट- ब्लोग्स, वीडियोस एंड पोडकास्टस फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  20. कंटेंट स्ट्रेटेजी फॉर डिफरेंट प्लेटफॉर्म्स फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  21. कीवर्ड रिसर्च फॉर एफिलिएट मार्केटिंग - बेसिक एसईओ 
  22. ऑन पेज एंड ऑफ पेज एसईओ फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  23. कंटेंट मार्केटिंग स्ट्रेटेजीज - ब्लॉगिंग, व्लॉगिंग, सोशल मीडिया 
  24. एफिलिएट लिंक प्रमोशन - ईमेल मार्केटिंग 
  25. एफिलिएट लिंक प्रमोशन - सोशल मीडिया मार्केटिंग 
  26. एफिलिएट लिंक प्रमोशन - पेड एडवरटाइजिंग 
  27. बिल्डिंग ऑडियंस - एंगेजिंग विथ योर ऑडियंस - एफिलिएट मार्केटिंग 
  28. बिल्डिंग ऑडियंस - ट्रस्ट एंड क्रेडिबिलिटी - एफिलिएट मार्केटिंग 
  29. ट्रैकिंग परफॉरमेंस इन एफिलिएट मार्केटिंग - सीटीआर, कन्वर्शन रेट, आरओआई 
  30. एफिलिएट मार्केटिंग में परफॉरमेंस ट्रैकिंग और एनालिसिस के लिए टूल्स 
  31. ए/बी टेस्टिंग से एफिलिएट मार्केटिंग कैंपेन को ऑप्टिमाइज़ करना 
  32. एफिलिएट मार्केटिंग में कन्वर्शन रेट सुधारने के तरीके 
  33. एफिलिएट प्रोग्राम पॉलिसीज़ का पालन करना 
  34. एफ टी सी गाइडलाइन्स एंड डिस्क्लोज़रस इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  35. बिल्डिंग ट्रांसपेरेंसी एंड ट्रस्ट इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  36. ऑटोमेटिंग प्रोसेसेस इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  37. आउट सोर्सिंग टास्कस इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  38. इनक्रीज योर एफिलिएट इनकम बाय जोइनिंग मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स 
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