प्रोसेस को ऑटोमेट करना - एफिलिएट मार्केटिंग
एफिलिएट मार्केटिंग में सफलता प्राप्त करने के लिए समय और एफर्ट की जरूरत होती है, लेकिन जैसे-जैसे आपका बिजनेस बढ़ता है, आपके काम का बोझ भी बढ़ता जाता है। एफिलिएट मार्केटिंग में कई टास्क्स ऐसे होते हैं, जो बार-बार दोहराए जाते हैं, जैसे कि कंटेंट अपलोड करना, ईमेल मार्केटिंग, एनालिटिक्स चेक करना और सोशल मीडिया पोस्टिंग। अगर आप इन सभी टास्क्स को मैन्युअली करने की कोशिश करेंगे, तो आपका बहुत सारा समय और ऊर्जा खर्च हो जाएगी। इसीलिए प्रोसेस को ऑटोमेट करना (स्वचालन) एक स्मार्ट स्ट्रेटेजी हो सकती है।
ऑटोमेशन से आप न केवल समय की बचत कर सकते हैं बल्कि काम की गुणवत्ता भी बनाए रख सकते हैं। इस पोस्ट में हम यह जानेंगे कि एफिलिएट मार्केटिंग में कौन-कौन से प्रोसेस ऑटोमेट किए जा सकते हैं और इसका क्या महत्व है।
1. ऑटोमेशन का महत्व समझें
ऑटोमेशन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आपके समय को बचाता है। आप जिन टास्क्स को बार-बार करते हैं, उन्हें अगर ऑटोमेट कर दें, तो वह काम बिना आपकी इन्वॉल्वमेंट के खुद हो जाएगा। इससे आप अपने बिजनेस के अन्य महत्वपूर्ण एरियाज पर ध्यान दे सकते हैं, जैसे कि नई मार्केटिंग स्ट्रेटेजी बनाना, एफिलिएट प्रोडक्ट्स को प्रमोट करना या अपने ऑडियंस से एंगेज होना।
इसके अलावा, ऑटोमेशन से आपका काम अधिक कुशल (efficient) हो जाता है। मैन्युअल प्रोसेसेज में गलतियों की संभावना अधिक होती है, जबकि ऑटोमेशन इन गलतियों को कम करता है और प्रोसेस को स्मूथ बनाता है।
2. एफिलिएट मार्केटिंग में कौन से प्रोसेस ऑटोमेट किए जा सकते हैं?
एफिलिएट मार्केटिंग में कई प्रोसेस ऐसे होते हैं जिन्हें ऑटोमेट किया जा सकता है। आइए इन प्रोसेसेज पर नज़र डालते हैं:
a) कंटेंट पब्लिशिंग
कंटेंट पब्लिशिंग एफिलिएट मार्केटिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। नियमित कंटेंट पब्लिश करने से आपकी वेबसाइट की SEO रैंकिंग बेहतर होती है और आपकी ऑडियंस भी ज्यादा एंगेज रहती है। हालांकि, मैन्युअली कंटेंट पब्लिश करने में समय और एफर्ट लगता है। इसके लिए आप ऑटोमेशन टूल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे कि:
- वर्डप्रेस शेड्यूलिंग: अगर आप वर्डप्रेस का इस्तेमाल करते हैं, तो आप अपने ब्लॉग पोस्ट्स को पहले से शेड्यूल कर सकते हैं। इससे आपको हर दिन मैन्युअली पोस्ट करने की जरूरत नहीं होगी, और आपके पोस्ट्स अपने तय समय पर अपने आप पब्लिश हो जाएंगे।
- सोशल मीडिया कंटेंट शेड्यूलिंग: आप सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स जैसे Facebook, Instagram, और Twitter पर भी अपने पोस्ट्स को ऑटोमेट कर सकते हैं। इसके लिए टूल्स जैसे Hootsuite या Buffer का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह टूल्स आपकी पोस्ट्स को पहले से शेड्यूल करके समय पर पब्लिश कर देंगे।
b) ईमेल मार्केटिंग ऑटोमेशन
ईमेल मार्केटिंग एफिलिएट मार्केटिंग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सही समय पर सही ईमेल भेजना आपकी एफिलिएट सेल्स को बढ़ा सकता है। लेकिन मैन्युअली हर सब्सक्राइबर को ईमेल भेजना मुश्किल हो सकता है। यहां ऑटोमेशन काम आता है:
- ऑटोमेटेड ईमेल कैम्पेन: आप ऐसे ईमेल कैम्पेन सेट कर सकते हैं जो किसी खास ट्रिगर पर ऑटोमेटिकली सब्सक्राइबर्स को भेजे जाएं। उदाहरण के लिए, जब कोई आपके न्यूज़लेटर के लिए साइन अप करता है, तो उसे ऑटोमेटेड वेलकम ईमेल भेजा जा सकता है। इसके अलावा, ईमेल कैम्पेन को टाइम-ड्रिप्स के साथ शेड्यूल किया जा सकता है, ताकि सब्सक्राइबर्स को नियमित समय पर ईमेल मिलते रहें।
- ईमेल फनल्स: आप अपने एफिलिएट मार्केटिंग के लिए ईमेल फनल्स बना सकते हैं। फनल्स में यूज़र्स को एक सटीक रास्ते पर गाइड किया जाता है, जो उन्हें एफिलिएट प्रोडक्ट खरीदने की दिशा में ले जाता है। यह पूरी प्रक्रिया ऑटोमेटेड होती है, जिससे आप मैन्युअल इंटरवेंशन के बिना अधिक सेल्स प्राप्त कर सकते हैं।
c) एनालिटिक्स और रिपोर्टिंग
एफिलिएट मार्केटिंग में सफलता पाने के लिए आपके पास सही एनालिटिक्स और रिपोर्ट्स का होना बेहद जरूरी है। लेकिन हर दिन या हर हफ्ते एनालिटिक्स मैन्युअली चेक करना समय लेने वाला हो सकता है। आप इन कार्यों को भी ऑटोमेट कर सकते हैं:
- Google Analytics अलर्ट्स: आप Google Analytics में कस्टम अलर्ट्स सेट कर सकते हैं। यह अलर्ट्स आपको तब मिलेंगे जब आपकी वेबसाइट पर कोई खास एक्टिविटी होगी, जैसे कि ट्रैफिक में अचानक उछाल या गिरावट। इससे आपको हर बार मैन्युअली एनालिटिक्स चेक करने की जरूरत नहीं होगी।
- रिपोर्टिंग टूल्स: आप विभिन्न रिपोर्टिंग टूल्स जैसे कि SEMrush, Ahrefs, या Google Data Studio का उपयोग कर सकते हैं। ये टूल्स आपको ऑटोमेटेड रिपोर्ट्स भेजते हैं, जिनमें आपकी वेबसाइट की परफॉर्मेंस, बैकलिंक्स, और कीवर्ड्स की रैंकिंग जैसी जानकारी होती है।
d) सोशल मीडिया पोस्टिंग
सोशल मीडिया आपके एफिलिएट प्रोडक्ट्स को प्रमोट करने का एक महत्वपूर्ण प्लेटफ़ॉर्म है। लेकिन हर दिन हर प्लेटफ़ॉर्म पर मैन्युअली पोस्ट करना एक थकाने वाला काम हो सकता है। इसलिए, आप सोशल मीडिया पोस्ट्स को भी ऑटोमेट कर सकते हैं:
- Hootsuite, Buffer, या Sprout Social: ये टूल्स आपको एक साथ कई सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर पोस्ट शेड्यूल करने की सुविधा देते हैं। आप एक बार में कई पोस्ट्स शेड्यूल कर सकते हैं, जो अलग-अलग समय पर अपने-आप पब्लिश हो जाएंगे।
- IFTTT (If This Then That): IFTTT एक शानदार टूल है जो आपके सोशल मीडिया प्रोफाइल्स को ऑटोमेट करने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, अगर आप किसी खास वेबसाइट पर ब्लॉग पोस्ट पब्लिश करते हैं, तो IFTTT ऑटोमेटिकली उसे आपके सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर कर सकता है।
3. एफिलिएट मार्केटिंग में ऑटोमेशन के फायदे जानें
a) समय की बचत करें
ऑटोमेशन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आपके समय को बचाता है। आपको हर छोटे-बड़े टास्क को मैन्युअली करने की जरूरत नहीं होती। एक बार जब आप ऑटोमेशन सेट कर देते हैं, तो वह टास्क बिना आपकी इन्वॉल्वमेंट के पूरा हो जाता है। इससे आपको अपने बिजनेस के अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों पर ध्यान केंद्रित करने का समय मिलता है।
b) ग्रोथ के अवसर पाएं
जब आपका एफिलिएट मार्केटिंग बिजनेस ग्रो करने लगता है, तो आपके पास समय की कमी हो सकती है। आप हर चीज़ को खुद मैन्युअली नहीं कर सकते। इसलिए, ऑटोमेशन आपको अपने बिजनेस को स्केल करने में मदद करता है। आप नए एफिलिएट प्रोडक्ट्स पर फोकस कर सकते हैं, नई मार्केटिंग स्ट्रेटेजी बना सकते हैं, और अपनी ऑडियंस के साथ बेहतर एंगेजमेंट बना सकते हैं।
c) कंसिस्टेंसी बनायें
ऑटोमेशन से आपको कंसिस्टेंसी मिलती है। मैन्युअली काम करने में कभी-कभी इंसानी गलतियाँ हो जाती हैं या हम किसी काम को भूल सकते हैं। लेकिन ऑटोमेशन के साथ ऐसा नहीं होता। एक बार जब प्रोसेस ऑटोमेट हो जाता है, तो वह कंसिस्टेंटली काम करता है, जिससे आपके बिजनेस की परफॉर्मेंस भी स्थिर रहती है।
d) रिपीटेड टास्क्स से राहत पाएं
एफिलिएट मार्केटिंग में कई ऐसे टास्क्स होते हैं जो बार-बार करने पड़ते हैं, जैसे कि कंटेंट पब्लिश करना, सोशल मीडिया पोस्ट करना, और ईमेल भेजना। ये सभी टास्क्स अगर मैन्युअली किए जाएं, तो समय और ऊर्जा दोनों खर्च होते हैं। ऑटोमेशन से आप इन रिपीटेड टास्क्स से राहत पा सकते हैं, जिससे आप ज्यादा प्रोडक्टिव हो सकते हैं।
4. ऑटोमेशन सेटअप करने के लिए टिप्स जानें
a) सही टूल्स का चयन करें
ऑटोमेशन के लिए सबसे जरूरी है कि आप सही टूल्स का चयन करें। हर एफिलिएट मार्केटर के पास अलग-अलग जरूरतें होती हैं, इसलिए आपके लिए कौन से टूल्स सही हैं, इसका चयन समझदारी से करें।
5. सही टूल्स का चयन कैसे करें?
ऑटोमेशन के लिए सही टूल्स का चयन करना बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि गलत टूल्स का उपयोग आपके काम को धीमा कर सकता है या परिणामस्वरूप आपके बिजनेस पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। जब आप टूल्स चुनते हैं, तो आपको कुछ प्रमुख बातों का ध्यान रखना चाहिए:
a) अपनी आवश्यकताओं को समझें
सबसे पहले, आपको अपनी जरूरतों को स्पष्ट रूप से समझना होगा। हर एफिलिएट मार्केटर के पास अलग-अलग चुनौतियाँ और प्राथमिकताएँ होती हैं। कुछ लोगों के लिए कंटेंट ऑटोमेशन सबसे महत्वपूर्ण हो सकता है, जबकि अन्य के लिए ईमेल मार्केटिंग या सोशल मीडिया मैनेजमेंट प्राथमिकता हो सकती है। अपनी आवश्यकताओं के आधार पर सही टूल का चयन करें।
b) यूजर-फ्रेंडली टूल्स का चयन करें
कई ऑटोमेशन टूल्स बहुत ही जटिल हो सकते हैं। यदि आप तकनीकी विशेषज्ञ नहीं हैं, तो ऐसे टूल्स का चयन करें जो यूजर-फ्रेंडली हों और जिनका इंटरफ़ेस आपको आसानी से समझ में आ सके। टूल्स का सही उपयोग तभी हो सकता है, जब आप उन्हें आसानी से नेविगेट कर सकें और उनका सही सेटअप कर पाएं।
c) फ्री ट्रायल का उपयोग करें
बाजार में कई टूल्स फ्री ट्रायल देते हैं। जब भी संभव हो, इन ट्रायल्स का उपयोग करें ताकि आप यह जांच सकें कि टूल आपके लिए सही है या नहीं। यह आपको बिना पैसे खर्च किए यह समझने में मदद करेगा कि क्या टूल आपके काम का है और क्या यह आपके वर्कफ़्लो के अनुकूल है।
d) इंटिग्रेशन के बारे में सोचें
अधिकतर टूल्स को आपके मौजूदा सिस्टम्स या प्लेटफ़ॉर्म्स के साथ इंटीग्रेट करना पड़ता है। इसलिए, जब आप कोई टूल चुनते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि वह आपके इस्तेमाल में आने वाले अन्य टूल्स (जैसे कि वर्डप्रेस, Shopify, Google Analytics आदि) के साथ इंटीग्रेट हो सकता है।
e) ग्राहक समर्थन (Customer Support)
सही टूल्स का चयन करते समय ग्राहक समर्थन भी एक अहम फैक्टर होता है। कुछ टूल्स में तकनीकी समस्याएं आ सकती हैं या आपको किसी फीचर को समझने में दिक्कत हो सकती है। इसलिए यह देख लें कि जिस टूल को आप चुन रहे हैं, उसमें ग्राहक समर्थन की अच्छी सुविधा हो। लाइव चैट, ईमेल सपोर्ट, और हेल्पडेस्क जैसी सुविधाएँ अच्छी ग्राहक सेवा का हिस्सा होती हैं।
6. एफिलिएट मार्केटिंग में ऑटोमेशन के विभिन्न प्रकार जानें
ऑटोमेशन को कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। यह आपकी एफिलिएट मार्केटिंग स्ट्रेटेजी के विभिन्न हिस्सों को कवर कर सकता है। आइए देखें कि आप किन किन हिस्सों में ऑटोमेशन का उपयोग कर सकते हैं:
a) ईमेल मार्केटिंग ऑटोमेशन
ईमेल मार्केटिंग एफिलिएट मार्केटिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सही ईमेल ऑटोमेशन से आप अपने सब्सक्राइबर्स के साथ लगातार एंगेज रह सकते हैं, और उन्हें एफिलिएट प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। इसके लिए आप निम्नलिखित तरीके अपना सकते हैं:
- वेलकम सीरीज़: जब कोई व्यक्ति आपकी वेबसाइट पर साइन अप करता है, तो आप उसे ऑटोमेटेड वेलकम ईमेल भेज सकते हैं। इसमें उन्हें एफिलिएट प्रोडक्ट्स के बारे में जानकारी दी जा सकती है या आपके ब्लॉग की सबसे पॉपुलर पोस्ट्स के लिंक दिए जा सकते हैं।
- न्यूज़लेटर ऑटोमेशन: आप हफ्ते या महीने में एक बार न्यूज़लेटर शेड्यूल कर सकते हैं, जिसमें नए एफिलिएट प्रोडक्ट्स, डील्स, और ऑफर्स की जानकारी दी जा सकती है।
- ड्रिप ईमेल कैम्पेन: यह एक शृंखलाबद्ध ईमेल सीरीज़ होती है, जो किसी खास एक्टिविटी पर आधारित होती है। उदाहरण के लिए, अगर कोई यूजर आपकी वेबसाइट पर बार-बार आता है लेकिन कुछ खरीदता नहीं है, तो आप उसे खास ऑफर के साथ ईमेल भेज सकते हैं।
b) SEO ऑटोमेशन
सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन (SEO) आपकी एफिलिएट मार्केटिंग की सफलता में एक बड़ी भूमिका निभाता है। SEO ऑटोमेशन टूल्स की मदद से आप अपनी वेबसाइट की परफॉर्मेंस को बेहतर कर सकते हैं:
- कीवर्ड रिसर्च ऑटोमेशन: आप कीवर्ड रिसर्च को ऑटोमेट करने के लिए टूल्स जैसे Ahrefs, SEMrush या Ubersuggest का उपयोग कर सकते हैं। ये टूल्स आपको न केवल कीवर्ड्स की जानकारी देते हैं बल्कि आपके प्रतियोगियों की रणनीतियों के बारे में भी बताते हैं।
- रैंकिंग ट्रैकिंग: यह टूल्स आपकी वेबसाइट के पेजों की सर्च इंजन रैंकिंग को ऑटोमेटिकली ट्रैक करते हैं और आपको बताते हैं कि कौन से पेज बेहतर परफॉर्म कर रहे हैं और कौन से नहीं।
- बैकलिंक मॉनिटरिंग: बैकलिंक्स आपकी वेबसाइट की SEO रैंकिंग को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इसके लिए आप ऑटोमेटेड टूल्स का उपयोग कर सकते हैं, जो आपके बैकलिंक्स को मॉनिटर करते हैं और आपको जानकारी देते हैं कि किस पेज को कितने बैकलिंक्स मिल रहे हैं।
c) सोशल मीडिया ऑटोमेशन
सोशल मीडिया एफिलिएट मार्केटिंग का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा है। सही तरीके से सोशल मीडिया ऑटोमेशन का उपयोग करके आप अपने एफिलिएट प्रोडक्ट्स को प्रमोट कर सकते हैं और अपनी ऑडियंस के साथ लगातार एंगेज रह सकते हैं:
- कंटेंट शेड्यूलिंग: जैसा कि पहले भी बताया गया है, आप सोशल मीडिया पोस्ट्स को पहले से शेड्यूल कर सकते हैं। इसके लिए Hootsuite, Buffer या Later जैसे टूल्स का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- सोशल मीडिया मॉनिटरिंग: आप ऑटोमेटेड टूल्स की मदद से सोशल मीडिया पर अपनी ब्रांड मेंशन, हैशटैग्स और कीवर्ड्स को ट्रैक कर सकते हैं। इससे आप जान सकते हैं कि लोग आपके एफिलिएट प्रोडक्ट्स के बारे में क्या कह रहे हैं।
- सोशल मीडिया एनालिटिक्स: सोशल मीडिया एनालिटिक्स टूल्स आपकी पोस्ट्स की परफॉर्मेंस को ट्रैक करते हैं और आपको बताते हैं कि कौन से पोस्ट्स सबसे ज्यादा एंगेजमेंट ला रहे हैं।
d) कंटेंट मार्केटिंग ऑटोमेशन
एफिलिएट मार्केटिंग में कंटेंट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऑटोमेशन के जरिए आप अपने कंटेंट मार्केटिंग प्रोसेस को और भी आसान बना सकते हैं:
- कंटेंट प्लानिंग और कैलेंडर: आप Trello, Asana या Notion जैसे टूल्स का उपयोग करके अपने कंटेंट को प्लान और ऑर्गनाइज़ कर सकते हैं। इससे आपके पास एक क्लियर प्लान होगा कि कब और कौन सा कंटेंट पब्लिश करना है।
- कंटेंट शेड्यूलिंग: आप वर्डप्रेस या अन्य CMS प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट को पहले से शेड्यूल कर सकते हैं। इससे आपके ब्लॉग पोस्ट्स अपने-आप पब्लिश हो जाएंगे, चाहे आप मैन्युअली उन्हें पोस्ट करें या नहीं।
e) एफिलिएट लिंक मैनेजमेंट
एफिलिएट मार्केटिंग में एफिलिएट लिंक का सही तरीके से मैनेजमेंट बेहद जरूरी है। गलत या एक्सपायर हुए लिंक से आपको नुकसान हो सकता है। इसके लिए भी ऑटोमेशन की मदद ली जा सकती है:
- लिंक मैनेजमेंट टूल्स: ThirstyAffiliates और Pretty Links जैसे प्लगइन्स आपको अपने एफिलिएट लिंक को ऑटोमेटिकली मैनेज करने की सुविधा देते हैं। ये टूल्स आपके लिंक को क्लीन और शॉर्ट बनाते हैं, जिससे उनका ट्रैकिंग आसान हो जाता है।
- लिंक मॉनिटरिंग: आप ऑटोमेटेड टूल्स का इस्तेमाल करके यह मॉनिटर कर सकते हैं कि कौन से एफिलिएट लिंक काम कर रहे हैं और कौन से नहीं। इससे आप अपने लिंक को सही समय पर अपडेट कर सकते हैं और कमाई में बढ़ोतरी कर सकते हैं।
7. ऑटोमेशन की चुनौतियाँ और उनसे निपटने के उपाय सीखें
हालांकि ऑटोमेशन एफिलिएट मार्केटिंग को आसान और प्रभावी बनाता है, लेकिन इसके साथ कुछ चुनौतियाँ भी होती हैं। आइए जानते हैं कि आप इन चुनौतियों से कैसे निपट सकते हैं:
a) टूल्स की जटिलता
कुछ ऑटोमेशन टूल्स काफी जटिल हो सकते हैं, जिनका सही से इस्तेमाल करना कठिन हो सकता है। इससे निपटने के लिए आपको यूजर-फ्रेंडली टूल्स का चयन करना चाहिए। इसके अलावा, टूल्स के डॉक्युमेंटेशन और ट्यूटोरियल्स को ध्यान से पढ़ें।
b) डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा
ऑटोमेशन टूल्स का इस्तेमाल करते समय डेटा की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आप सुनिश्चित करें कि आप जिन टूल्स का उपयोग कर रहे हैं, वे सुरक्षित हों और आपके ग्राहकों का डेटा लीक न हो।
c) ओवर-ऑटोमेशन से बचें
ऑटोमेशन के फायदे हैं, लेकिन ओवर-ऑटोमेशन से आपको नुकसान भी हो सकता है। जब आप हर चीज़ को ऑटोमेट कर देते हैं, तो आप अपने ग्राहकों से मानवीय कनेक्शन खो सकते हैं। इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आपके प्रोसेसेज में एक व्यक्तिगत टच भी हो।
8. निष्कर्ष
एफिलिएट मार्केटिंग में ऑटोमेशन एक बेहद प्रभावी रणनीति हो सकती है, जो आपके समय को बचाती है, आपके काम को कुशल बनाती है, और आपके बिजनेस को ग्रो करने में मदद करती है।
Table of Contents
- एफिलिएट मार्केटिंग क्या है? में कैसे शुरू कर सकता हूँ?
- एफिलिएट मार्केटिंग की हिस्ट्री और एवोलुशन
- बेनिफिट्स एंड पोटेंशियल ऑफ़ एफिलिएट मार्केटिंग
- एफिलिएट मार्केटिंग की प्लेयर्स
- पेमेंट मॉडल्स इन एफिलिएट मार्केटिंग
- टाइप्स ऑफ़ एफिलिएट प्रोग्राम्स - फिजिकल प्रोडक्ट्स
- टाइप्स ऑफ़ एफिलिएट प्रोग्राम्स - डिजिटल प्रोडक्ट्स
- टाइप्स ऑफ़ एफिलिएट प्रोग्राम्स - सर्विसेज
- इम्पोर्टेंस ऑफ़ Niche सिलेक्शन इन एफिलिएट मार्केटिंग
- एफिलिएट मार्केटिंग के लिए प्रॉफिटेबल नीचेस (niches) कैसे चुने?
- मार्केट रिसर्च - टूल्स एंड टेक्निक्स फॉर एफिलिएट मार्केटिंग
- मार्केट रिसर्च - एनलाइज़िंग कॉम्पिटिटर्स इन एफिलिएट मार्केटिंग
- सेटिंग अप योर प्लेटफार्म - ब्लॉगस, वेबसाइटस एंड सोशल मीडिया चैनल्स फॉर एफिलिएट मार्केटिंग
- सेटिंग अप योर प्लेटफार्म - डोमेन एंड होस्टिंग एसेंशियल फॉर एफिलिएट मार्केटिंग
- पॉपुलर एफिलिएट नेटवर्क्स - अमेज़न एसोसिएट, शेयर ए सेल, क्लिक बैंक
- एफिलिएट प्रोग्राम्स में कमीशन रेट क्या है?
- एफिलिएट मार्केटिंग में कुकी डूरेशन क्यों महत्वपूर्ण है?
- सपोर्ट एंड रिसोर्सेज फॉर एफिलिएट मार्केटिंग
- टाइप्स ऑफ़ कंटेंट- ब्लोग्स, वीडियोस एंड पोडकास्टस फॉर एफिलिएट मार्केटिंग
- कंटेंट स्ट्रेटेजी फॉर डिफरेंट प्लेटफॉर्म्स फॉर एफिलिएट मार्केटिंग
- कीवर्ड रिसर्च फॉर एफिलिएट मार्केटिंग - बेसिक एसईओ
- ऑन पेज एंड ऑफ पेज एसईओ फॉर एफिलिएट मार्केटिंग
- कंटेंट मार्केटिंग स्ट्रेटेजीज - ब्लॉगिंग, व्लॉगिंग, सोशल मीडिया
- एफिलिएट लिंक प्रमोशन - ईमेल मार्केटिंग
- एफिलिएट लिंक प्रमोशन - सोशल मीडिया मार्केटिंग
- एफिलिएट लिंक प्रमोशन - पेड एडवरटाइजिंग
- बिल्डिंग ऑडियंस - एंगेजिंग विथ योर ऑडियंस - एफिलिएट मार्केटिंग
- बिल्डिंग ऑडियंस - ट्रस्ट एंड क्रेडिबिलिटी - एफिलिएट मार्केटिंग
- ट्रैकिंग परफॉरमेंस इन एफिलिएट मार्केटिंग - सीटीआर, कन्वर्शन रेट, आरओआई
- एफिलिएट मार्केटिंग में परफॉरमेंस ट्रैकिंग और एनालिसिस के लिए टूल्स
- ए/बी टेस्टिंग से एफिलिएट मार्केटिंग कैंपेन को ऑप्टिमाइज़ करना
- एफिलिएट मार्केटिंग में कन्वर्शन रेट सुधारने के तरीके
- एफिलिएट प्रोग्राम पॉलिसीज़ का पालन करना
- एफ टी सी गाइडलाइन्स एंड डिस्क्लोज़रस इन एफिलिएट मार्केटिंग
- बिल्डिंग ट्रांसपेरेंसी एंड ट्रस्ट इन एफिलिएट मार्केटिंग
- ऑटोमेटिंग प्रोसेसेस इन एफिलिएट मार्केटिंग
- आउट सोर्सिंग टास्कस इन एफिलिएट मार्केटिंग
- इनक्रीज योर एफिलिएट इनकम बाय जोइनिंग मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स