मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स ज्वाइन करके इनकम बढ़ाना - एफिलिएट मार्केटिंग

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मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स ज्वाइन करके इनकम बढ़ाना इन एफिलिएट मार्केटिंग एक पॉपुलर और एफेक्टिव तरीका है एक्स्ट्रा इनकम जनरेट करने का। अगर आप डिजिटल मार्केटिंग, ब्लॉगिंग, या किसी भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़े हैं, तो एफिलिएट मार्केटिंग आपके लिए एक बेस्ट ऑप्शन हो सकता है।

एफिलिएट मार्केटिंग क्या है? समझें 

एफिलिएट मार्केटिंग एक ऐसा मॉडल है जिसमें आप किसी दूसरे के प्रोडक्ट्स या सर्विसेज को प्रमोट करके कमीशन अर्न करते हैं। जब कोई आपके लिंक से प्रोडक्ट खरीदता है, तो आपको उसकी सेल्स पर एक परसेंट कमीशन मिलता है। यह ऑनलाइन इनकम जनरेट करने का एक पॉपुलर मॉडल बन गया है, क्योंकि इसके लिए ज्यादा इन्वेस्टमेंट की जरूरत नहीं होती और आप इसे पार्ट-टाइम या फुल-टाइम भी कर सकते हैं।

मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स क्यों ज्वाइन करें? जानें 

सिर्फ एक एफिलिएट प्रोग्राम पर डिपेंड रहना कभी-कभी आपके इनकम को लिमिट कर सकता है। अगर आप मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स ज्वाइन करते हैं, तो आपके पास ज्यादा चॉइसेज होंगी प्रमोट करने के लिए और आपकी इनकम भी मल्टीप्ल सोर्सेस से आने लगेगी। इससे आपका रिस्क भी कम हो जाता है, क्योंकि अगर किसी एक प्रोग्राम से इनकम कम होती है, तो दूसरे से उसकी भरपाई की जा सकती है।

  • डाइवर्सिटी ऑफ प्रोडक्ट्स: मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स आपको डिफरेंट कैटेगरीज के प्रोडक्ट्स और सर्विसेज प्रमोट करने का मौका देते हैं। अगर आप एक ही कैटेगरी पर फोकस करते हैं, तो आपकी ऑडियंस भी लिमिटेड हो जाएगी। लेकिन अगर आप डिफरेंट कैटेगरीज कवर करते हैं, जैसे फैशन, टेक्नोलॉजी, फिटनेस, या फाइनेंस, तो आप एक ब्रॉड ऑडियंस तक पहुंच सकते हैं।
  • फ्लेक्सिबिलिटी: मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स ज्वाइन करने से आपको यह फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है कि आप अलग-अलग ऑडियंस के लिए डिफरेंट प्रोडक्ट्स प्रमोट कर सकें। उदाहरण के लिए, अगर आपकी ऑडियंस टेक्नोलॉजी और फैशन दोनों में इंटरेस्टेड है, तो आप दोनों कैटेगरीज के एफिलिएट प्रोग्राम्स ज्वाइन कर सकते हैं।
  • हायर इनकम पोटेंशियल: एक एफिलिएट प्रोग्राम से होने वाली इनकम कभी-कभी लिमिटेड हो सकती है। अगर आप मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स ज्वाइन करते हैं, तो आपके पास ज्यादा ऑप्शंस होंगे ज्यादा सेल्स जनरेट करने के। इसके अलावा, हर प्रोग्राम के कमीशन स्ट्रक्चर भी अलग हो सकते हैं, तो आपको डिफरेंट कमीशन रेट्स का भी फायदा मिलेगा।
  • कम रिस्क: अगर आप सिर्फ एक एफिलिएट प्रोग्राम पर डिपेंड रहते हैं और किसी वजह से वह प्रोग्राम बंद हो जाता है या उसकी पॉलिसीज बदल जाती हैं, तो आपकी इनकम भी रुक सकती है। मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स ज्वाइन करने से आप इस रिस्क को कम कर सकते हैं, क्योंकि आपके पास ऑल्टरनेटिव सोर्सेज ऑफ इनकम होंगे।

मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स कैसे ज्वाइन करें? सीखें 

अब बात आती है कि आप मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स कैसे ज्वाइन करें और किस तरह से इनकम बढ़ा सकते हैं। इसके लिए कुछ स्टेप्स फॉलो करें:

  • रिसर्च: सबसे पहले रिसर्च करें कि कौन-कौन से एफिलिएट प्रोग्राम्स आपके ब्लॉग, वेबसाइट या ऑडियंस के लिए बेस्ट हो सकते हैं। कोशिश करें कि आप ऐसे प्रोग्राम्स ज्वाइन करें जो आपकी निच के हिसाब से रिलेटेड हों।
  • एफिलिएट नेटवर्क्स पर रजिस्टर करें: कई बड़े एफिलिएट नेटवर्क्स हैं, जैसे Amazon Associates, ShareASale, CJ Affiliate, आदि, जो आपको मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स तक एक्सेस देते हैं। इन नेटवर्क्स पर रजिस्टर करके आप एक ही प्लेटफॉर्म से डिफरेंट ब्रांड्स और प्रोडक्ट्स को प्रमोट कर सकते हैं।
  • डायरेक्ट एफिलिएट प्रोग्राम्स: कई कंपनियां डायरेक्ट एफिलिएट प्रोग्राम्स भी ऑफर करती हैं, जिन्हें आप उनके वेबसाइट्स पर जाकर ज्वाइन कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, Shopify, Bluehost, और HostGator जैसे प्लेटफॉर्म्स के खुद के एफिलिएट प्रोग्राम्स होते हैं।
  • रेगुलर मॉनिटरिंग: एफिलिएट मार्केटिंग में सफलता पाने के लिए यह जरूरी है कि आप अपने परफॉर्मेंस को रेगुलर मॉनिटर करें। देखिए कि कौन से प्रोडक्ट्स बेस्ट परफॉर्म कर रहे हैं और कौन से एफिलिएट प्रोग्राम्स आपको ज्यादा कमीशन दे रहे हैं। इससे आप अपनी स्ट्रैटेजी को अप्टिमाइज कर सकते हैं।

बेस्ट प्रैक्टिसेज फॉर मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स अपनाएं 

  • ट्रांसपैरेंसी मेंटेन करें: हमेशा अपनी ऑडियंस को बताएं कि आप एफिलिएट लिंक्स यूज कर रहे हैं। ट्रांसपैरेंसी से आपका ट्रस्ट बिल्ड होता है और लोग ज्यादा चांस लेते हैं आपके लिंक से खरीदने का।
  • रिलेटेड कंटेंट प्रमोट करें: ऐसा कंटेंट प्रमोट करें जो आपकी ऑडियंस के लिए वैल्यू प्रोवाइड करे। अगर आप ऐसा प्रोडक्ट प्रमोट करेंगे जो आपकी ऑडियंस से रिलेटेड नहीं है, तो उससे ना सिर्फ आपकी सेल्स कम होंगी बल्कि आपकी क्रेडिबिलिटी भी कम हो सकती है।
  • वैल्यू बेस्ड अप्रोच: सिर्फ सेल्स जनरेट करने के मकसद से प्रमोट करने के बजाय, आपकी अप्रोच वैल्यू प्रोवाइड करने वाली होनी चाहिए। अगर आपकी ऑडियंस को लगेगा कि आप उन्हें हेल्प कर रहे हैं, तो वे ज्यादा लम्बे समय तक आपके कंटेंट से जुड़े रहेंगे।

कंपीटिशन और चैलेंजेस को समझें 

मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स ज्वाइन करना जितना फायदेमंद हो सकता है, उतना ही इसमें कुछ चैलेंजेस भी होते हैं:

  • कंपीटिशन: एफिलिएट मार्केटिंग एक बहुत ही कंपीटिटिव फील्ड है। अगर आप ज्यादा एफिलिएट प्रोग्राम्स ज्वाइन करते हैं, तो आपको काफी कंपीटिशन का सामना करना पड़ सकता है, खासकर अगर आप पॉपुलर कैटेगरीज में काम कर रहे हैं।
  • मैनेजमेंट: मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स को मैनेज करना भी एक चैलेंज हो सकता है। आपको हर प्रोग्राम की पॉलिसीज, कमीशन स्ट्रक्चर और परफॉर्मेंस को ध्यान में रखना होता है। इसके लिए एक अच्छी स्ट्रैटेजी और टाइम मैनेजमेंट की जरूरत होती है।
  • कंटेंट क्वालिटी: जितने ज्यादा एफिलिएट प्रोग्राम्स होंगे, उतना ही आपको अपने कंटेंट की क्वालिटी को मेंटेन करना पड़ेगा।

मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स मैनेज करने के टिप्स जानें 

मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स मैनेज करना एक चैलेंज हो सकता है, लेकिन कुछ स्ट्रैटेजीज अपनाकर आप इसे आसानी से हैंडल कर सकते हैं। यहां कुछ जरूरी टिप्स दिए गए हैं जो आपको इस प्रोसेस को और भी स्मूथ बना सकते हैं:

  • ट्रैकिंग टूल्स का इस्तेमाल करें: जब आप मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स ज्वाइन करते हैं, तो आपको अपने परफॉर्मेंस और कमीशन को ट्रैक करना जरूरी हो जाता है। इसके लिए आप कई ट्रैकिंग टूल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे कि Google Analytics, Pretty Links, या ThirstyAffiliates जैसे प्लगइन्स। ये टूल्स आपको यह ट्रैक करने में मदद करेंगे कि किस एफिलिएट लिंक से कितनी इनकम हो रही है और कौन से प्रोडक्ट्स सबसे ज्यादा परफॉर्म कर रहे हैं।
  • एफिलिएट कंटेंट कैलेंडर बनाएं: मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स को हैंडल करने के लिए आपको एक स्ट्रक्चर्ड अप्रोच की जरूरत होती है। आप एक कंटेंट कैलेंडर बना सकते हैं, जिसमें आप प्लान कर सकें कि कब, किस प्रोडक्ट को प्रमोट करना है। इससे आपको यह भी सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि आप रेगुलर बेसिस पर अपना कंटेंट अपडेट कर रहे हैं और किसी प्रोग्राम को इग्नोर नहीं कर रहे हैं।
  • कस्टमर्स की जरूरतों पर फोकस करें: चाहे आप कितने भी एफिलिएट प्रोग्राम्स ज्वाइन करें, हमेशा ध्यान रखें कि आपका फोकस आपकी ऑडियंस की जरूरतों पर होना चाहिए। यह समझना जरूरी है कि आपकी ऑडियंस किस तरह के प्रोडक्ट्स और सर्विसेज में इंटरेस्टेड है। अगर आप उनकी जरूरतों के हिसाब से प्रोडक्ट्स प्रमोट करेंगे, तो आपके एफिलिएट लिंक्स से सेल्स बढ़ने के चांस भी ज्यादा होंगे।
  • एफिलिएट ऑफर्स को टेस्ट करें: यह भी जरूरी है कि आप समय-समय पर डिफरेंट एफिलिएट ऑफर्स को टेस्ट करें। हर एफिलिएट प्रोग्राम या ऑफर एक जैसा परफॉर्म नहीं करता, इसलिए आपको यह देखना होगा कि कौन सा ऑफर आपकी ऑडियंस के लिए बेस्ट काम कर रहा है। इसके लिए A/B टेस्टिंग का सहारा लिया जा सकता है। इससे आप यह जान सकते हैं कि किस तरह के ऑफर्स और लैंडिंग पेजेज ज्यादा कनवर्ट हो रहे हैं।
  • न्यू एफिलिएट प्रोग्राम्स एक्सप्लोर करें: एफिलिएट मार्केटिंग इंडस्ट्री लगातार बदल रही है, और हर समय नए एफिलिएट प्रोग्राम्स और ऑफर्स आते रहते हैं। इसलिए, आप हमेशा न्यू एफिलिएट प्रोग्राम्स को एक्सप्लोर करते रहें और देखें कि क्या नए प्रोडक्ट्स आपकी ऑडियंस के लिए वैल्यू प्रोवाइड कर सकते हैं। इस तरीके से आप अपने एफिलिएट पोर्टफोलियो को फ्रेश और अप-टू-डेट रख सकते हैं।
  • कंसीस्टेंसी मेंटेन करें: कंसीस्टेंसी किसी भी एफिलिएट मार्केटर के लिए सबसे अहम फैक्टर होता है। अगर आप रेगुलर बेसिस पर नए एफिलिएट ऑफर्स प्रमोट करते रहेंगे और कंटेंट अपलोड करते रहेंगे, तो आपकी ऑडियंस भी इंगेज्ड रहेगी और आपके एफिलिएट लिंक से खरीदारी करने की संभावना बढ़ जाएगी।

मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स के फायदे और नुकसान समझें 

अब तक आपने जाना कि मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स ज्वाइन करके आप अपनी इनकम कैसे बढ़ा सकते हैं। हालांकि, इसके कुछ फायदे और नुकसान भी हैं, जिनके बारे में आपको जानकारी होना जरूरी है।

फायदे:

  • इनकम सोर्स का डायवर्सिफिकेशन: जैसा कि पहले बताया गया, मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स से आप अपने इनकम सोर्स को डायवर्सिफाई कर सकते हैं। एक से ज्यादा प्रोग्राम्स से इनकम आना हमेशा सेफ और फायदेमंद होता है।
  • ऑडियंस का विस्तार: अगर आप अलग-अलग कैटेगरीज के प्रोडक्ट्स प्रमोट करते हैं, तो आप एक ब्रॉड ऑडियंस को टारगेट कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आप टेक और हेल्थ दोनों इंडस्ट्रीज के प्रोडक्ट्स प्रमोट करते हैं, तो आपको दोनों कैटेगरीज की ऑडियंस से ट्रैफिक मिलेगा।
  • अधिक कमीशन अवसर: हर एफिलिएट प्रोग्राम का कमीशन स्ट्रक्चर अलग होता है। कुछ प्रोग्राम्स में हाई-टिकट प्रोडक्ट्स होते हैं जिनसे ज्यादा कमीशन मिल सकता है। मल्टीप्ल प्रोग्राम्स में होने से आपके पास हमेशा हाई-कमीशन प्रोडक्ट्स प्रमोट करने का मौका रहेगा।
  • एफिलिएट मार्केटिंग में लर्निंग: मल्टीप्ल प्रोग्राम्स के साथ काम करने से आपको अलग-अलग इंडस्ट्रीज और मार्केट्स के बारे में समझ भी मिलती है। आप यह जान पाते हैं कि किस तरह की स्ट्रैटेजीज कौन सी इंडस्ट्री में बेहतर काम करती हैं।

नुकसान:

  • टाइम और मैनेजमेंट: मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स को मैनेज करना बहुत समय लेने वाला हो सकता है। आपको हर प्रोग्राम की पॉलिसीज, रिपोर्ट्स, और परफॉर्मेंस को ध्यान में रखना पड़ता है, जो कभी-कभी बहुत कॉम्प्लिकेटेड हो सकता है।
  • कंफ्यूजन: अगर आप बहुत सारे एफिलिएट प्रोग्राम्स में इन्वॉल्व हो जाते हैं, तो यह आपकी ऑडियंस के लिए कंफ्यूजिंग हो सकता है। अगर आप एक ही जगह कई सारे प्रोडक्ट्स प्रमोट करते हैं, तो यह हो सकता है कि लोग आपके कंटेंट से डिसकनेक्ट हो जाएं।
  • लो क्वालिटी कंटेंट का रिस्क: ज्यादा एफिलिएट प्रोग्राम्स के साथ काम करने का मतलब है कि आपको ज्यादा कंटेंट बनाना पड़ेगा। इस प्रोसेस में कभी-कभी कंटेंट की क्वालिटी से समझौता हो सकता है, जो आपकी क्रेडिबिलिटी को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • एफिलिएट पॉलिसी चेंजेस: हर एफिलिएट प्रोग्राम की अपनी पॉलिसीज होती हैं, और ये पॉलिसीज समय के साथ बदल भी सकती हैं। कई बार ऐसा हो सकता है कि किसी एफिलिएट प्रोग्राम की पॉलिसीज आपके फेवर में ना हों, और इससे आपकी इनकम पर असर पड़ सकता है।

एफिलिएट मार्केटिंग में लॉन्ग-टर्म सक्सेस के लिए स्ट्रैटेजीज अपनाएं 

मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स ज्वाइन करना और इन्हें मैनेज करना सिर्फ शुरुआत है। अगर आप लॉन्ग-टर्म सक्सेस चाहते हैं, तो आपको कुछ खास स्ट्रैटेजीज अपनानी होंगी:

  • बिल्ड अ स्ट्रॉन्ग ब्रांड: अपनी ऑडियंस के साथ एक स्ट्रॉन्ग ब्रांड कनेक्शन बनाना बेहद जरूरी है। अगर आपकी ऑडियंस आप पर ट्रस्ट करेगी, तो वे आपके एफिलिएट लिंक से खरीदने में ज्यादा सहज महसूस करेंगे। एक ब्रांड बिल्ड करने के लिए आपको रेगुलर कंटेंट पोस्ट करना होगा, जिसमें वैल्यू हो और जो ऑडियंस की प्रॉब्लम्स सॉल्व कर सके।
  • ईमेल मार्केटिंग का इस्तेमाल करें: ईमेल मार्केटिंग एफिलिएट मार्केटिंग के लिए एक पावरफुल टूल है। अगर आप अपनी ऑडियंस की ईमेल लिस्ट बिल्ड करते हैं, तो आप उन्हें रेगुलर बेसिस पर न्यू प्रोडक्ट्स और ऑफर्स के बारे में बता सकते हैं। इससे आपकी एफिलिएट सेल्स बढ़ने के चांस भी ज्यादा होते हैं।
  • नॉलेज मेंटेन करें: एफिलिएट मार्केटिंग इंडस्ट्री में हमेशा कुछ नया सीखने का स्कोप होता है। चाहे वह नए मार्केटिंग टूल्स हों, कंज्यूमर बिहेवियर में बदलाव, या एफिलिएट प्रोग्राम्स की नई पॉलिसीज। इसलिए, हमेशा अपडेटेड रहें और नए ट्रेंड्स के बारे में जानने की कोशिश करें।
  • लॉन्ग-फॉर्म कंटेंट बनाएं: आजकल शॉर्ट-फॉर्म कंटेंट के साथ-साथ लॉन्ग-फॉर्म कंटेंट भी काफी पॉपुलर हो रहा है। अगर आप एफिलिएट प्रोडक्ट्स के बारे में डिटेल्ड गाइड्स, रिव्यूज, या ट्यूटोरियल्स लिखते हैं, तो यह आपकी ऑडियंस के लिए ज्यादा वैल्यूएबल होगा। लॉन्ग-फॉर्म कंटेंट से आपकी ऑडियंस की एंगेजमेंट भी बढ़ती है और सर्च इंजन में आपकी रैंकिंग भी इंप्रूव होती है।
  • एफिलिएट प्रोडक्ट्स के साथ अपना एक्सपीरियंस शेयर करें: जब आप किसी एफिलिएट प्रोडक्ट को प्रमोट कर रहे होते हैं, तो अगर आपने खुद उसे यूज किया हो, तो उसका एक्सपीरियंस शेयर करना बहुत इम्पैक्टफुल हो सकता है। इससे आपकी ऑडियंस को लगेगा कि आप उन्हें सिर्फ सेल करने के लिए नहीं, बल्कि सच में वैल्यू प्रोवाइड करने के लिए प्रोडक्ट्स रिकमेंड कर रहे हैं।

Table of Contents

  1. एफिलिएट मार्केटिंग क्या है? में कैसे शुरू कर सकता हूँ? 
  2. एफिलिएट मार्केटिंग की हिस्ट्री और एवोलुशन 
  3. बेनिफिट्स एंड पोटेंशियल ऑफ़ एफिलिएट मार्केटिंग 
  4. एफिलिएट मार्केटिंग की प्लेयर्स 
  5. पेमेंट मॉडल्स इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  6. टाइप्स ऑफ़ एफिलिएट प्रोग्राम्स - फिजिकल प्रोडक्ट्स 
  7. टाइप्स ऑफ़ एफिलिएट प्रोग्राम्स - डिजिटल प्रोडक्ट्स 
  8. टाइप्स ऑफ़ एफिलिएट प्रोग्राम्स - सर्विसेज 
  9. इम्पोर्टेंस ऑफ़ Niche सिलेक्शन इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  10. एफिलिएट मार्केटिंग के लिए प्रॉफिटेबल नीचेस (niches) कैसे चुने? 
  11. मार्केट रिसर्च - टूल्स एंड टेक्निक्स फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  12. मार्केट रिसर्च - एनलाइज़िंग कॉम्पिटिटर्स इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  13. सेटिंग अप योर प्लेटफार्म - ब्लॉगस, वेबसाइटस एंड सोशल मीडिया चैनल्स फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  14. सेटिंग अप योर प्लेटफार्म - डोमेन एंड होस्टिंग एसेंशियल फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  15. पॉपुलर एफिलिएट नेटवर्क्स - अमेज़न एसोसिएट, शेयर ए सेल, क्लिक बैंक 
  16. एफिलिएट प्रोग्राम्स में कमीशन रेट क्या है? 
  17. एफिलिएट मार्केटिंग में कुकी डूरेशन क्यों महत्वपूर्ण है? 
  18. सपोर्ट एंड रिसोर्सेज फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  19. टाइप्स ऑफ़ कंटेंट- ब्लोग्स, वीडियोस एंड पोडकास्टस फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  20. कंटेंट स्ट्रेटेजी फॉर डिफरेंट प्लेटफॉर्म्स फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  21. कीवर्ड रिसर्च फॉर एफिलिएट मार्केटिंग - बेसिक एसईओ 
  22. ऑन पेज एंड ऑफ पेज एसईओ फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  23. कंटेंट मार्केटिंग स्ट्रेटेजीज - ब्लॉगिंग, व्लॉगिंग, सोशल मीडिया 
  24. एफिलिएट लिंक प्रमोशन - ईमेल मार्केटिंग 
  25. एफिलिएट लिंक प्रमोशन - सोशल मीडिया मार्केटिंग 
  26. एफिलिएट लिंक प्रमोशन - पेड एडवरटाइजिंग 
  27. बिल्डिंग ऑडियंस - एंगेजिंग विथ योर ऑडियंस - एफिलिएट मार्केटिंग 
  28. बिल्डिंग ऑडियंस - ट्रस्ट एंड क्रेडिबिलिटी - एफिलिएट मार्केटिंग 
  29. ट्रैकिंग परफॉरमेंस इन एफिलिएट मार्केटिंग - सीटीआर, कन्वर्शन रेट, आरओआई 
  30. एफिलिएट मार्केटिंग में परफॉरमेंस ट्रैकिंग और एनालिसिस के लिए टूल्स 
  31. ए/बी टेस्टिंग से एफिलिएट मार्केटिंग कैंपेन को ऑप्टिमाइज़ करना 
  32. एफिलिएट मार्केटिंग में कन्वर्शन रेट सुधारने के तरीके 
  33. एफिलिएट प्रोग्राम पॉलिसीज़ का पालन करना 
  34. एफ टी सी गाइडलाइन्स एंड डिस्क्लोज़रस इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  35. बिल्डिंग ट्रांसपेरेंसी एंड ट्रस्ट इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  36. ऑटोमेटिंग प्रोसेसेस इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  37. आउट सोर्सिंग टास्कस इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  38. इनक्रीज योर एफिलिएट इनकम बाय जोइनिंग मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स 
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