एफ टी सी गाइडलाइन्स क्या है? - एफिलिएट मार्केटिंग

एफ टी सी गाइडलाइन्स एंड डिस्क्लोज़रस इन एफिलिएट मार्केटिंग

एफिलिएट मार्केटिंग एक पावरफुल टूल है जिससे एफिलिएट्स ब्रांड्स और प्रोडक्ट्स प्रमोट करते हैं और कमीशन कमाते हैं। लेकिन इसके साथ ट्रांसपेरेंसी और एथिक्स को मेंटेन करना भी बेहद ज़रूरी है। कंज्यूमर्स को ये जानने का हक है कि उन्हें कौन सी जानकारी प्रमोशनल है और कौन सी नहीं। यही वजह है कि Federal Trade Commission (FTC) ने कुछ गाइडलाइन्स सेट की हैं ताकि एफिलिएट मार्केटिंग में ट्रांसपेरेंसी बनी रहे।

एफटीसी की ये गाइडलाइन्स एफिलिएट्स के लिए अनिवार्य करती हैं कि वे अपनी प्रमोशनल एक्टिविटीज में कस्टमर्स को पूरी तरह से जानकारी दें कि उन्हें कमीशन मिल रहा है। इस पोस्ट में हम जानेंगे कि एफटीसी गाइडलाइन्स क्या हैं, उनका पालन कैसे करना चाहिए और एफिलिएट मार्केटर्स के लिए ये क्यों ज़रूरी हैं।

1. एफटीसी (FTC) क्या है? जानें 

FTC, यानी Federal Trade Commission, एक अमेरिकी एजेंसी है जो कंज्यूमर प्रोटेक्शन और एंटी-ट्रस्ट लॉज़ को लागू करती है। इसका मुख्य उद्देश्य है कंज्यूमर्स को फ्रॉड और गलत जानकारी से बचाना और मार्केटिंग एक्टिविटीज़ को फेयर और ट्रांसपेरेंट बनाना। एफिलिएट मार्केटिंग में, FTC ये सुनिश्चित करता है कि एफिलिएट्स अपने प्रमोशनल एक्टिविटीज में पूरी तरह से ट्रांसपेरेंसी रखें ताकि कस्टमर्स को ये पता रहे कि जो कंटेंट वो देख रहे हैं, वो प्रमोशनल है या नहीं।

2. एफटीसी गाइडलाइन्स की ज़रूरत क्यों है? समझें 

आजकल एफिलिएट मार्केटिंग के जरिए कंज्यूमर्स को काफी सारे प्रोडक्ट्स और सर्विसेस प्रमोट किए जाते हैं। लेकिन जब एफिलिएट्स अपनी ऑडियंस को ये नहीं बताते कि वे एफिलिएट लिंक यूज़ कर रहे हैं, तो कंज्यूमर्स के लिए सही डिसीज़न लेना मुश्किल हो सकता है।

एफटीसी गाइडलाइन्स की ज़रूरत इसलिए पड़ी ताकि:

  • ट्रांसपेरेंसी बनी रहे: कंज्यूमर्स को सही और पूरी जानकारी मिल सके, और वो ये समझ पाएं कि जो रिव्यू या सिफारिश उन्हें मिल रही है, वो प्रमोशनल है।
  • एथिकल मार्केटिंग प्रैक्टिसेस को बढ़ावा मिले: मार्केटिंग एक्टिविटीज में ईमानदारी और ट्रांसपेरेंसी का पालन हो।
  • कंज्यूमर्स को धोखा न मिले: कई बार एफिलिएट्स बिना डिस्क्लोज़ किए प्रोडक्ट्स प्रमोट करते हैं, जिससे कंज्यूमर्स को सही जानकारी नहीं मिलती। एफटीसी गाइडलाइन्स इसे रोकने का काम करती हैं।

3. एफटीसी गाइडलाइन्स एफिलिएट मार्केटिंग में अपनाएं 

एफटीसी की गाइडलाइन्स के मुताबिक, अगर कोई एफिलिएट किसी प्रोडक्ट को प्रमोट कर रहा है और उसे उस प्रमोशन से कमीशन या किसी अन्य तरह का बेनिफिट मिल रहा है, तो उसे ये बात अपने ऑडियंस को डिस्क्लोज़ करनी चाहिए। ये डिस्क्लोज़र हर उस प्लेटफॉर्म पर होना चाहिए जहां एफिलिएट मार्केटिंग की जा रही है, चाहे वो ब्लॉग हो, सोशल मीडिया हो या फिर यूट्यूब वीडियो।

एफटीसी गाइडलाइन्स के कुछ मुख्य पॉइंट्स:

  • क्लियर और विज़िबल डिस्क्लोज़र: आपको अपनी ऑडियंस को साफ़ और स्पष्ट रूप से बताना होगा कि आप एफिलिएट लिंक का उपयोग कर रहे हैं और आपको कमीशन मिलेगा। ये जानकारी ऐसे तरीके से दी जानी चाहिए कि कंज्यूमर उसे आसानी से समझ सके।
  • प्रोमिनेंट प्लेसमेंट: डिस्क्लोज़र को ऐसी जगह रखा जाना चाहिए जहां उसे लोग आसानी से देख सकें। पोस्ट के अंत में या छोटे टेक्स्ट में डिस्क्लोज़र देना पर्याप्त नहीं है।
  • आसान भाषा में डिस्क्लोज़र: एफटीसी की गाइडलाइन्स ये कहती हैं कि डिस्क्लोज़र सिंपल और ऐसी भाषा में होना चाहिए जिसे आम कंज्यूमर समझ सके।
  • सोशल मीडिया पर डिस्क्लोज़र: जब आप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एफिलिएट लिंक या प्रमोशनल कंटेंट पोस्ट कर रहे हैं, तो डिस्क्लोज़र करना अनिवार्य है। उदाहरण के लिए, इंस्टाग्राम पोस्ट्स में हैशटैग #Ad, #Sponsored का उपयोग किया जा सकता है।

4. एफिलिएट डिस्क्लोज़र कैसा होना चाहिए? सीखें 

एफटीसी गाइडलाइन्स के अनुसार, एफिलिएट डिस्क्लोज़र को आसान और क्लियर तरीके से प्रेज़ेंट किया जाना चाहिए। इसका मतलब ये नहीं कि आपको हर जगह टेक्निकल भाषा का उपयोग करना है, बल्कि आपको सिर्फ इतना बताना है कि आपको प्रमोट किए गए प्रोडक्ट से कमीशन मिल सकता है।

उदाहरण:

“इस पोस्ट में एफिलिएट लिंक हैं। अगर आप इन लिंक के ज़रिए कुछ खरीदते हैं, तो मुझे बिना किसी एक्स्ट्रा कॉस्ट के कमीशन मिल सकता है।”

“मैं इस प्रोडक्ट का एफिलिएट हूं और अगर आप इस लिंक के ज़रिए खरीदते हैं, तो मुझे कमीशन मिलेगा।”

सोशल मीडिया पर डिस्क्लोज़र का उदाहरण:

  • इंस्टाग्राम/ट्विटर पोस्ट्स: पोस्ट के टेक्स्ट में या कैप्शन में #Ad, #Sponsored या #Affiliate का उपयोग करना ज़रूरी है।
  • यूट्यूब या वीडियो कंटेंट में डिस्क्लोज़र: अगर आप वीडियो के ज़रिए एफिलिएट प्रमोशन कर रहे हैं, तो डिस्क्लोज़र को वीडियो की शुरुआत में ही क्लियर कर देना चाहिए। साथ ही, डिस्क्लोज़र को वीडियो डिस्क्रिप्शन में भी शामिल किया जाना चाहिए।

5. एफटीसी गाइडलाइन्स का पालन न करने पर क्या होता है? जानें 

अगर कोई एफिलिएट एफटीसी की गाइडलाइन्स का पालन नहीं करता है, तो उसे लीगल इश्यूज़ का सामना करना पड़ सकता है। FTC ने कुछ पब्लिक फिगर्स और इन्फ्लुएंसर्स पर भी जुर्माना लगाया है जो एफिलिएट डिस्क्लोज़र को सही तरीके से नहीं कर रहे थे।

गाइडलाइन्स का पालन न करने के परिणाम:

  • फाइन और पेनल्टी: अगर एफिलिएट्स या ब्रांड्स एफटीसी की गाइडलाइन्स का पालन नहीं करते हैं, तो उन पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
  • कंज्यूमर ट्रस्ट का नुकसान: अगर आपकी ऑडियंस को ये लगता है कि आप उनसे जानकारी छिपा रहे हैं या उन्हें गुमराह कर रहे हैं, तो उनका आप पर से ट्रस्ट खत्म हो सकता है।
  • ब्रांड्स के साथ रिलेशनशिप का नुकसान: अगर ब्रांड्स को ये पता चलता है कि आप गाइडलाइन्स का पालन नहीं कर रहे हैं, तो वो आपके साथ अपनी एफिलिएट पार्टनरशिप खत्म कर सकते हैं।

6. एफटीसी गाइडलाइन्स फॉलो करने के फायदे जानें 

एफटीसी की गाइडलाइन्स को फॉलो करने से कई फायदे होते हैं। सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे आपके और आपके ऑडियंस के बीच ट्रस्ट और ट्रांसपेरेंसी बनी रहती है। इसके अलावा, एफटीसी की गाइडलाइन्स का पालन करने से आप लीगल इश्यूज़ से बच सकते हैं और अपनी एफिलिएट मार्केटिंग की साख को बनाए रख सकते हैं।

एफटीसी गाइडलाइन्स को फॉलो करने के प्रमुख फायदे:

  • ट्रस्ट बिल्डिंग: जब आप अपने ऑडियंस के साथ ट्रांसपेरेंट रहते हैं और उन्हें यह बताते हैं कि आपको एफिलिएट लिंक से कमीशन मिलेगा, तो उनका आप पर विश्वास बढ़ता है। इससे आपका लॉन्ग-टर्म रिलेशनशिप स्ट्रॉन्ग होता है।
  • लीगल प्रोटेक्शन: अगर आप गाइडलाइन्स को फॉलो करते हैं, तो आप FTC के किसी भी लीगल एक्शन से बच सकते हैं। इससे आप लीगल कॉम्प्लायंस में रहेंगे और आपको फाइन या पेनल्टी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
  • कंज्यूमर सैटिस्फैक्शन: ट्रांसपेरेंसी से कंज्यूमर्स को यह महसूस होता है कि आप उनके इंटरेस्ट्स को महत्व देते हैं। जब वे जानते हैं कि आपको प्रमोट किए गए प्रोडक्ट से फायदा हो रहा है, तो वे आपके रिकमेंडेशन पर भरोसा करेंगे।
  • ब्रांड रिलेशनशिप: जब आप एफटीसी गाइडलाइन्स का पालन करते हैं, तो ब्रांड्स को भी आप पर भरोसा रहता है। इससे आपकी एफिलिएट पार्टनरशिप्स लॉन्ग-लास्टिंग और फायदेमंद हो सकती हैं।

7. एफटीसी गाइडलाइन्स के तहत डिस्क्लोज़र के सही तरीके सीखें 

एफटीसी गाइडलाइन्स का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है सही तरीके से डिस्क्लोज़र करना। आइए देखते हैं कि अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर एफिलिएट मार्केटिंग में डिस्क्लोज़र कैसे किया जा सकता है।

1. ब्लॉग पोस्ट में डिस्क्लोज़र

अगर आप ब्लॉग पोस्ट के जरिए एफिलिएट मार्केटिंग कर रहे हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि डिस्क्लोज़र साफ और विज़िबल हो। यह डिस्क्लोज़र पोस्ट की शुरुआत में होना चाहिए ताकि कंज्यूमर्स को तुरंत पता चल जाए कि यह एक प्रमोटेड कंटेंट है। पोस्ट के अंत में डिस्क्लोज़र करना या छोटे टेक्स्ट में लिखना सही तरीका नहीं माना जाता।

उदाहरण:

"इस ब्लॉग पोस्ट में एफिलिएट लिंक शामिल हैं। अगर आप इन लिंक के ज़रिए कुछ खरीदते हैं, तो मुझे बिना किसी एक्स्ट्रा कॉस्ट के कमीशन मिल सकता है।"

2. सोशल मीडिया पर डिस्क्लोज़र

सोशल मीडिया पर पोस्ट्स अक्सर शॉर्ट और क्विक होती हैं, इसलिए यहां डिस्क्लोज़र का तरीका भी सिंपल और क्लियर होना चाहिए। उदाहरण के लिए, ट्विटर या इंस्टाग्राम जैसी प्लेटफॉर्म्स पर हैशटैग्स का उपयोग किया जा सकता है जैसे #Ad, #Sponsored, #Affiliate, ताकि ऑडियंस को तुरंत पता चले कि यह एक प्रमोशनल पोस्ट है।

उदाहरण:

इंस्टाग्राम पोस्ट में:

"Check out this amazing product! #Ad #Affiliate"

ट्विटर पोस्ट में:

"Just bought this cool gadget. You can buy it here too! #Sponsored #Affiliate"

3. वीडियो कंटेंट में डिस्क्लोज़र

वीडियो कंटेंट में डिस्क्लोज़र का तरीका थोड़ा अलग हो सकता है, क्योंकि यहां विजुअल और ऑडियो दोनों का इस्तेमाल होता है। यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर डिस्क्लोज़र वीडियो की शुरुआत में ही क्लियर होना चाहिए। इसके अलावा, वीडियो के डिस्क्रिप्शन में भी डिस्क्लोज़र शामिल किया जाना चाहिए।

उदाहरण:

"इस वीडियो में शामिल प्रोडक्ट्स एफिलिएट लिंक के जरिए प्रमोट किए गए हैं। अगर आप इन लिंक के ज़रिए खरीदते हैं, तो मुझे कमीशन मिल सकता है।"

8. एफटीसी गाइडलाइन्स के पालन के चैलेंजेस समझें 

हालांकि एफटीसी गाइडलाइन्स फॉलो करना ज़रूरी है, लेकिन कई एफिलिएट मार्केटर्स को इसमें कुछ चैलेंजेस का सामना करना पड़ सकता है। ये चैलेंजेस ज़्यादातर जानकारी की कमी या सही तरीके से डिस्क्लोज़र न करने की वजह से होते हैं।

1. अवेयरनेस की कमी

कई बार नए एफिलिएट मार्केटर्स को एफटीसी गाइडलाइन्स के बारे में सही जानकारी नहीं होती। वे यह नहीं जानते कि उन्हें किस तरह का डिस्क्लोज़र करना है या डिस्क्लोज़र किस जगह और किस तरीके से देना है।

2. डिस्क्लोज़र का सही प्लेसमेंट

ब्लॉग पोस्ट, वीडियो या सोशल मीडिया पोस्ट में सही जगह पर डिस्क्लोज़र देना हमेशा आसान नहीं होता। कई मार्केटर्स सोचते हैं कि डिस्क्लोज़र पोस्ट के अंत में या डिस्क्रिप्शन में डालना सही है, लेकिन एफटीसी गाइडलाइन्स कहती हैं कि डिस्क्लोज़र को आसानी से विज़िबल और स्पष्ट होना चाहिए।

3. मल्टीपल प्लेटफॉर्म्स पर डिस्क्लोज़र

अगर आप एक से ज़्यादा प्लेटफॉर्म्स पर एफिलिएट मार्केटिंग कर रहे हैं, तो हर प्लेटफॉर्म के लिए डिस्क्लोज़र का तरीका अलग हो सकता है। ब्लॉग पोस्ट, सोशल मीडिया और वीडियो कंटेंट के डिस्क्लोज़र में फर्क होता है, इसलिए यह समझना ज़रूरी है कि हर प्लेटफॉर्म के लिए कौन सा तरीका सही है।

9. एफटीसी गाइडलाइन्स को फॉलो करने के बेस्ट प्रैक्टिसेस अपनाएं 

एफटीसी गाइडलाइन्स का पालन करना अगर आप एफिलिएट मार्केटिंग में सक्सेस पाना चाहते हैं, तो बेहद ज़रूरी है। इसके लिए कुछ बेस्ट प्रैक्टिसेस हैं जिन्हें अपनाकर आप न सिर्फ ट्रांसपेरेंसी बनाए रख सकते हैं, बल्कि अपने ऑडियंस का विश्वास भी जीत सकते हैं।

1. क्लियर और फ्रैंक रहें

जब भी आप कोई एफिलिएट प्रमोशन कर रहे हों, तो इस बात का ध्यान रखें कि आपका डिस्क्लोज़र क्लियर और फ्रैंक हो। कोई भी जटिल या भ्रमित करने वाली भाषा का इस्तेमाल न करें। सीधे और सरल शब्दों में यह बताएं कि आपको कमीशन मिलेगा।

2. हर प्लेटफॉर्म के लिए अलग डिस्क्लोज़र बनाएं

हर प्लेटफॉर्म पर डिस्क्लोज़र का तरीका थोड़ा अलग हो सकता है, इसलिए आपको हर प्लेटफॉर्म के लिए अलग-अलग डिस्क्लोज़र स्ट्रेटेजी बनानी चाहिए। ब्लॉग पोस्ट, सोशल मीडिया और वीडियो कंटेंट के लिए अलग-अलग डिस्क्लोज़र फॉर्मेट का इस्तेमाल करें।

3. एफटीसी गाइडलाइन्स को अपडेट रखें

एफटीसी की गाइडलाइन्स समय-समय पर अपडेट होती रहती हैं। इसलिए यह ज़रूरी है कि आप खुद को हमेशा अपडेट रखें और यह सुनिश्चित करें कि आप लेटेस्ट रूल्स का पालन कर रहे हैं।

4. डिस्क्लोज़र को प्रोमिनेंट रखें

डिस्क्लोज़र को हमेशा ऐसी जगह रखें जहां वह आसानी से विज़िबल हो। इसे पोस्ट के अंत में या छिपी हुई जगह पर रखने से बचें। ऑडियंस को तुरंत यह समझ में आना चाहिए कि यह एक एफिलिएट लिंक है और आपको इससे कमीशन मिल सकता है।

5. डिस्क्लोज़र को नेचुरल तरीके से शामिल करें

डिस्क्लोज़र को अपने कंटेंट में नेचुरली शामिल करें। इसे अचानक से डालने की बजाय, इसे अपने रिव्यू या पोस्ट के साथ सहज तरीके से जोड़ें ताकि ऑडियंस को लगे कि यह कंटेंट का नैचुरल पार्ट है।

10. एफटीसी गाइडलाइन्स और ब्रांड्स की जिम्मेदारी समझें 

सिर्फ एफिलिएट्स को ही नहीं, बल्कि ब्रांड्स को भी एफटीसी गाइडलाइन्स का पालन सुनिश्चित करना होता है। अगर ब्रांड्स अपने एफिलिएट पार्टनर्स को सही जानकारी नहीं देते या उन्हें गाइडलाइन्स का पालन करने के लिए प्रोत्साहित नहीं करते, तो उनके खिलाफ भी लीगल एक्शन लिया जा सकता है।

ब्रांड्स की जिम्मेदारियां:

  • एफिलिएट्स को सही गाइडलाइन्स प्रोवाइड करें: ब्रांड्स को अपने एफिलिएट पार्टनर्स को एफटीसी गाइडलाइन्स के बारे में पूरी जानकारी देनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे सही तरीके से डिस्क्लोज़र कर रहे हैं।
  • एफिलिएट एक्टिविटी की मॉनिटरिंग करें: ब्रांड्स को अपने एफिलिएट्स की एक्टिविटीज को मॉनिटर करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे गाइडलाइन्स का पालन कर रहे हैं।
  • लीगल कॉम्प्लायंस: ब्रांड्स को एफटीसी गाइडलाइन्स के बारे में खुद भी अवेयर रहना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके एफिलिएट्स भी इन्हें सही तरीके से फॉलो कर रहे हैं।

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Table of Contents

  1. एफिलिएट मार्केटिंग क्या है? में कैसे शुरू कर सकता हूँ? 
  2. एफिलिएट मार्केटिंग की हिस्ट्री और एवोलुशन 
  3. बेनिफिट्स एंड पोटेंशियल ऑफ़ एफिलिएट मार्केटिंग 
  4. एफिलिएट मार्केटिंग की प्लेयर्स 
  5. पेमेंट मॉडल्स इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  6. टाइप्स ऑफ़ एफिलिएट प्रोग्राम्स - फिजिकल प्रोडक्ट्स 
  7. टाइप्स ऑफ़ एफिलिएट प्रोग्राम्स - डिजिटल प्रोडक्ट्स 
  8. टाइप्स ऑफ़ एफिलिएट प्रोग्राम्स - सर्विसेज 
  9. इम्पोर्टेंस ऑफ़ Niche सिलेक्शन इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  10. एफिलिएट मार्केटिंग के लिए प्रॉफिटेबल नीचेस (niches) कैसे चुने? 
  11. मार्केट रिसर्च - टूल्स एंड टेक्निक्स फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  12. मार्केट रिसर्च - एनलाइज़िंग कॉम्पिटिटर्स इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  13. सेटिंग अप योर प्लेटफार्म - ब्लॉगस, वेबसाइटस एंड सोशल मीडिया चैनल्स फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  14. सेटिंग अप योर प्लेटफार्म - डोमेन एंड होस्टिंग एसेंशियल फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  15. पॉपुलर एफिलिएट नेटवर्क्स - अमेज़न एसोसिएट, शेयर ए सेल, क्लिक बैंक 
  16. एफिलिएट प्रोग्राम्स में कमीशन रेट क्या है? 
  17. एफिलिएट मार्केटिंग में कुकी डूरेशन क्यों महत्वपूर्ण है? 
  18. सपोर्ट एंड रिसोर्सेज फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  19. टाइप्स ऑफ़ कंटेंट- ब्लोग्स, वीडियोस एंड पोडकास्टस फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  20. कंटेंट स्ट्रेटेजी फॉर डिफरेंट प्लेटफॉर्म्स फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  21. कीवर्ड रिसर्च फॉर एफिलिएट मार्केटिंग - बेसिक एसईओ 
  22. ऑन पेज एंड ऑफ पेज एसईओ फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  23. कंटेंट मार्केटिंग स्ट्रेटेजीज - ब्लॉगिंग, व्लॉगिंग, सोशल मीडिया 
  24. एफिलिएट लिंक प्रमोशन - ईमेल मार्केटिंग 
  25. एफिलिएट लिंक प्रमोशन - सोशल मीडिया मार्केटिंग 
  26. एफिलिएट लिंक प्रमोशन - पेड एडवरटाइजिंग 
  27. बिल्डिंग ऑडियंस - एंगेजिंग विथ योर ऑडियंस - एफिलिएट मार्केटिंग 
  28. बिल्डिंग ऑडियंस - ट्रस्ट एंड क्रेडिबिलिटी - एफिलिएट मार्केटिंग 
  29. ट्रैकिंग परफॉरमेंस इन एफिलिएट मार्केटिंग - सीटीआर, कन्वर्शन रेट, आरओआई 
  30. एफिलिएट मार्केटिंग में परफॉरमेंस ट्रैकिंग और एनालिसिस के लिए टूल्स 
  31. ए/बी टेस्टिंग से एफिलिएट मार्केटिंग कैंपेन को ऑप्टिमाइज़ करना 
  32. एफिलिएट मार्केटिंग में कन्वर्शन रेट सुधारने के तरीके 
  33. एफिलिएट प्रोग्राम पॉलिसीज़ का पालन करना 
  34. एफ टी सी गाइडलाइन्स एंड डिस्क्लोज़रस इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  35. बिल्डिंग ट्रांसपेरेंसी एंड ट्रस्ट इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  36. ऑटोमेटिंग प्रोसेसेस इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  37. आउट सोर्सिंग टास्कस इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  38. इनक्रीज योर एफिलिएट इनकम बाय जोइनिंग मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स 
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