कन्वर्शन रेट सुधारने के तरीके - एफिलिएट मार्केटिंग
एफिलिएट मार्केटिंग आजकल ऑनलाइन पैसे कमाने का एक बहुत ही पॉपुलर तरीका बन गया है। इसमें सक्सेस पाने के लिए सबसे ज़रूरी चीज़ होती है आपका कन्वर्शन रेट। कन्वर्शन रेट से मतलब होता है कि कितने लोग आपके एफिलिएट लिंक पर क्लिक करके एक्चुअली वो प्रोडक्ट खरीद रहे हैं या जो एक्शन आप चाहते हैं, वो कर रहे हैं। अगर आपके पास बहुत ज़्यादा ट्रैफिक है, लेकिन लोग कन्वर्ट नहीं हो रहे, तो आपकी एफर्ट्स उतनी कामयाब नहीं होंगी। इसीलिए, आइए जानते हैं कुछ तरीके जिनकी हेल्प से आप अपना कन्वर्शन रेट सुधार सकते हैं।
1. रिलेवेंट ऑडियंस टार्गेट करें
सबसे पहला और इम्पॉर्टेंट स्टेप है कि आप सही ऑडियंस को टार्गेट करें। अगर आपका प्रोडक्ट हेल्थ से रिलेटेड है और आप किसी टेक्नोलॉजी ब्लॉग पर उसका प्रमोशन कर रहे हैं, तो ज़्यादातर लोग कन्वर्ट नहीं होंगे। आपको हमेशा अपने एफिलिएट लिंक्स उन जगहों पर प्रमोट करने चाहिए जहां आपकी टार्गेट ऑडियंस एक्चुअली अवेलेबल हो।
2. ट्रस्ट बिल्ड करें
लोग तभी कन्वर्ट करेंगे जब उन्हें आप पर और आपके रिकमेंड किए हुए प्रोडक्ट्स पर ट्रस्ट होगा। इसके लिए ज़रूरी है कि आप क्वालिटी कंटेंट प्रोवाइड करें और ट्रांसपेरेंसी मेंटेन करें। अगर आप रेगुलरली अपनी ऑडियंस से जुड़ते हैं और उन्हें रियल वैल्यू देते हैं, तो लोग आपकी रिकमेंडेशन पर ज़्यादा ट्रस्ट करेंगे।
3. रिव्यूज और टेस्टिमोनियल्स का यूज़ करें
जब लोग किसी प्रोडक्ट को खरीदने की सोचते हैं, तो वो ज़्यादातर पहले उसके रिव्यूज पढ़ते हैं। अगर आप अपने एफिलिएट लिंक्स के साथ रियल कस्टमर रिव्यूज और टेस्टिमोनियल्स एड करेंगे, तो इसका इफेक्ट आपकी कन्वर्शन रेट पर पॉजिटिव होगा। रिव्यूज और टेस्टिमोनियल्स लोगों को विश्वास दिलाते हैं कि वो सही डिसीजन ले रहे हैं।
4. कॉल टू एक्शन (CTA) को इम्प्रूव करें
आपका CTA बहुत इम्पॉर्टेंट होता है। यह वो एलीमेंट है जो यूजर को एक्शन लेने के लिए मोटिवेट करता है। अगर आपका CTA क्लियर और स्ट्रॉंग नहीं है, तो यूजर शायद क्लिक ही ना करे। आप ऐसे CTA का यूज़ करें जो डाइरेक्ट, अट्रैक्टिव और यूज़र-फ्रेंडली हो। जैसे कि "अब खरीदें", "सीमित समय के लिए ऑफर", "आज ही बुक करें", वगैरह।
5. स्पेशल ऑफर्स और डिस्काउंट प्रोवाइड करें
लोग अक्सर डिस्काउंट्स और ऑफर्स की तरफ ज़्यादा अट्रैक्ट होते हैं। अगर आप अपने एफिलिएट मार्केटिंग कैम्पेन में कोई स्पेशल ऑफर या डिस्काउंट प्रोवाइड कर सकते हैं, तो इससे कन्वर्शन रेट में बूस्ट आ सकता है। आप लिमिटेड टाइम ऑफर्स या एक्सक्लूसिव डील्स का भी यूज़ कर सकते हैं।
6. प्रोडक्ट की क्लियर इनफार्मेशन दें
आपके एफिलिएट लिंक के साथ दी गई प्रोडक्ट इनफार्मेशन क्लियर और कन्विंसिंग होनी चाहिए। लोग तभी कन्वर्ट करेंगे जब उन्हें प्रोडक्ट की पूरी जानकारी और उसके बेनेफिट्स समझ में आएंगे। अगर आप प्रोडक्ट की इनफार्मेशन अधूरी या कंफ्यूज़िंग देंगे, तो यूजर उस प्रोडक्ट को खरीदने में इंटरेस्ट नहीं दिखाएंगे।
7. पेज स्पीड और मोबाइल फ्रेंडली डिज़ाइन
अगर आपकी वेबसाइट या ब्लॉग स्लो लोड होता है या मोबाइल फ्रेंडली नहीं है, तो यह आपकी कन्वर्शन रेट को नेगेटिवली अफेक्ट कर सकता है। आजकल ज़्यादातर लोग मोबाइल डिवाइसेस का यूज़ करते हैं, इसलिए आपकी वेबसाइट मोबाइल-रेस्पॉन्सिव होनी चाहिए और उसकी लोडिंग स्पीड फास्ट होनी चाहिए।
8. ए/बी टेस्टिंग करें
आप अपनी साइट पर अलग-अलग एलिमेंट्स जैसे कि हेडलाइन्स, CTA, बटन कलर्स, इमेजेज़, वगैरह का ए/बी टेस्ट कर सकते हैं। ए/बी टेस्टिंग से आपको ये पता चलता है कि कौन सा वर्ज़न ज़्यादा एफेक्टिव है और कौन सा एलिमेंट कन्वर्शन रेट को बढ़ाने में हेल्प कर सकता है। इसे आप रेगुलरली कर सकते हैं ताकि आपको अपना बेस्ट परफॉर्मिंग सेटअप मिल सके।
9. कंटेंट को पर्सनलाइज़ करें
आजकल यूज़र्स पर्सनलाइजेशन की बहुत डिमांड करते हैं। अगर आप अपनी कंटेंट और ऑफर्स को यूज़र की पर्सनल प्रेफरेंसेस के हिसाब से कस्टमाइज़ करेंगे, तो आपकी कन्वर्शन रेट इम्प्रूव हो सकती है। उदाहरण के लिए, अगर आप एक न्यूज़लेटर भेज रहे हैं, तो उसमें पर्सनलाइज्ड रिकमेंडेशन और डिस्काउंट ऑफर कर सकते हैं।
10. ट्रैकिंग और एनालिटिक्स
एफिलिएट मार्केटिंग में ट्रैकिंग बहुत इम्पॉर्टेंट होती है। आपको हमेशा अपनी साइट पर आने वाले ट्रैफिक, उनके बिहेवियर, और एफिलिएट लिंक्स पर होने वाले क्लिक्स को ट्रैक करना चाहिए। इससे आपको यह समझने में हेल्प मिलती है कि कौन से एलिमेंट्स काम कर रहे हैं और कौन से नहीं। Google Analytics या अन्य ट्रैकिंग टूल्स का यूज़ करके आप अपनी स्ट्रेटेजी को इम्प्रूव कर सकते हैं।
11. एफिलिएट लिंक्स की प्लेसमेंट इम्प्रूव करें
एफिलिएट मार्केटिंग में सही जगह पर एफिलिएट लिंक्स प्लेस करना बहुत इम्पॉर्टेंट है। अगर आपके एफिलिएट लिंक्स ऐसी जगह पर हैं जहां यूजर का ध्यान नहीं जाता, तो वो कम क्लिक होंगे और कन्वर्शन भी कम होंगे। आपको अपने लिंक्स को आर्टिकल्स के बीच या एंड में प्लेस करना चाहिए, ताकि जब यूजर आपकी जानकारी पढ़ ले, तब उन्हें एक प्रोडक्ट खरीदने के लिए गाइड किया जा सके। हेडिंग के नीचे या इन्फॉर्मेशनल पैरा के बाद एफिलिएट लिंक्स को इंटेलिजेंटली प्लेस करें ताकि यूजर का ध्यान तुरंत जाए।
12. एफिलिएट प्रोडक्ट्स को नैचुरली इंटीग्रेट करें
कई बार एफिलिएट लिंक्स आर्टिफिशियल या फोर्स्ड लग सकते हैं, जो यूजर को डिस्ट्रैक्ट कर सकता है। आपको कोशिश करनी चाहिए कि आप अपने एफिलिएट प्रोडक्ट्स को नैचुरली इंटीग्रेट करें। यूजर को ऐसा फील नहीं होना चाहिए कि आप सिर्फ उन्हें कुछ बेचने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बजाय, आपको प्रोडक्ट की जानकारी और उसके बेनेफिट्स को नैचुरल तरीके से बताना चाहिए ताकि यूजर को लगे कि वो प्रोडक्ट उनके लिए वाकई यूज़फुल है।
13. यूनीक और वैल्यूएबल कंटेंट क्रिएट करें
कन्वर्शन रेट सुधारने के लिए आपको अपना कंटेंट वैल्यूएबल और यूनीक बनाना होगा। जब आप यूनीक कंटेंट क्रिएट करते हैं, तो लोग आपके वेबसाइट पर बार-बार आना चाहेंगे, और इससे आपकी एफिलिएट लिंक्स के कन्वर्ट होने के चांसेज बढ़ जाते हैं। यूज़फुल टिप्स, गाइड्स, ट्यूटोरियल्स या केस स्टडीज के साथ एफिलिएट प्रोडक्ट्स को इंटीग्रेट करना एक अच्छा तरीका हो सकता है।
14. प्रोडक्ट्स के साथ पर्सनल एक्सपीरियंस शेयर करें
लोग उन एफिलिएट मार्केटर्स पर ज़्यादा ट्रस्ट करते हैं जिन्होंने खुद वो प्रोडक्ट यूज़ किया हो। अगर आप किसी प्रोडक्ट का पर्सनल एक्सपीरियंस शेयर कर सकते हैं, तो ये यूजर्स को कन्वर्ट करने में हेल्प कर सकता है। प्रोडक्ट की यूसेज, बेनेफिट्स और उसकी क्वालिटी के बारे में पर्सनल ओपिनियन देने से यूजर को यह महसूस होगा कि आप प्रोडक्ट की रियल वैल्यू को जानते हैं और बस प्रोमोशन नहीं कर रहे हैं।
15. लॉयल्टी प्रोग्राम्स और बोनस ऑफर करें
अगर आप अपने एफिलिएट मार्केटिंग स्ट्रेटेजी में लॉयल्टी प्रोग्राम्स या बोनस एड करते हैं, तो यह यूजर्स को कन्वर्ट करने के लिए मोटिवेट कर सकता है। उदाहरण के लिए, आप अपने रेगुलर विजिटर्स को स्पेशल डिस्काउंट्स या बोनस प्वॉइंट्स दे सकते हैं अगर वो आपके एफिलिएट लिंक से प्रोडक्ट खरीदते हैं। इससे यूजर को ये फील होगा कि उन्हें एक्स्ट्रा बेनेफिट्स मिल रहे हैं।
16. मल्टी-चैनल प्रमोशन स्ट्रेटेजी अपनाएं
केवल एक चैनल पर डिपेंड करने के बजाय, आपको मल्टी-चैनल प्रमोशन स्ट्रेटेजी अपनानी चाहिए। आप ब्लॉग, सोशल मीडिया, ईमेल मार्केटिंग, यूट्यूब और अन्य प्लेटफार्म्स का यूज़ करके अपने एफिलिएट लिंक्स को प्रमोट कर सकते हैं। इस तरह से आपका रीच बढ़ता है और आपको अलग-अलग सोर्सेज से कन्वर्शन मिलते हैं। हर प्लेटफार्म पर अपने कंटेंट को उस प्लेटफार्म के हिसाब से ऑप्टिमाइज करें ताकि हर जगह से बेस्ट रिजल्ट मिले।
17. पॉप-अप्स और ऑप्ट-इन फॉर्म्स का यूज़ करें
कई वेबसाइट्स पॉप-अप्स और ऑप्ट-इन फॉर्म्स का यूज़ करती हैं, जो यूजर का ध्यान खींचने में हेल्प करते हैं। अगर आप एफिलिएट मार्केटिंग में पॉप-अप्स का सही यूज़ करते हैं, तो इससे कन्वर्शन रेट बढ़ सकता है। जैसे कि एक ऑफर या डिस्काउंट पॉप-अप के जरिए शो किया जा सकता है, जिससे यूजर को ये लगे कि उन्हें एक लिमिटेड टाइम ऑफर मिल रहा है और वो जल्दी से एक्शन लें।
18. कमिटमेंट्स और गारंटी ऑफर करें
अगर आप अपने एफिलिएट प्रोडक्ट्स के साथ कोई गारंटी या रिटर्न पॉलिसी का जिक्र करते हैं, तो इससे यूजर के मन में ट्रस्ट बिल्ड होता है। जब लोगों को ये फील होता है कि अगर उन्हें प्रोडक्ट पसंद नहीं आया तो वो रिटर्न कर सकते हैं, तो वो जल्दी कन्वर्ट होते हैं। इससे यूजर को ये फील होता है कि उनका रिस्क कम है, जिससे वो प्रोडक्ट खरीदने का डिसीजन आसानी से लेते हैं।
19. वीडियो मार्केटिंग का यूज़ करें
आजकल वीडियो मार्केटिंग का ट्रेंड काफी बढ़ गया है, और ये एफिलिएट मार्केटिंग में भी काफी एफेक्टिव साबित हो रहा है। आप अपने एफिलिएट प्रोडक्ट्स के बारे में डिटेल्ड वीडियो बना सकते हैं, जिसमें प्रोडक्ट के फीचर्स, यूसेज और बेनेफिट्स को दिखाया जाए। वीडियो में आप पर्सनल एक्सपीरियंस भी शेयर कर सकते हैं और यह भी दिखा सकते हैं कि यूजर को इस प्रोडक्ट से क्या फायदा होगा। इससे यूजर्स को प्रोडक्ट की बेहतर समझ मिलती है और वो ज़्यादा आसानी से कन्वर्ट होते हैं।
20. एफिलिएट प्रोग्राम्स को रेगुलरली रिव्यू करें
एफिलिएट मार्केटिंग में हमेशा यह ज़रूरी नहीं होता कि जो एफिलिएट प्रोग्राम आप यूज़ कर रहे हैं, वो आपके लिए बेस्ट हो। आपको रेगुलरली अपने एफिलिएट प्रोग्राम्स का रिव्यू करना चाहिए और देखना चाहिए कि कौन सा प्रोग्राम आपको बेस्ट कमीशन और बेस्ट प्रोडक्ट्स ऑफर कर रहा है। कई बार एक अच्छा एफिलिएट प्रोग्राम आपकी इनकम को बहुत ज़्यादा बढ़ा सकता है, इसलिए अपने ऑप्शन्स को समय-समय पर चेक करना ज़रूरी है।
21. यूज़र के सवालों का जवाब दें
अगर यूज़र के मन में प्रोडक्ट को लेकर कोई सवाल है, तो आपको उसे अच्छे से जवाब देना चाहिए। कई बार लोग प्रोडक्ट खरीदने से पहले कंफ्यूज होते हैं, और अगर आप उनके सवालों का सही तरीके से जवाब देंगे, तो वो आसानी से कन्वर्ट हो सकते हैं। आप FAQs या कमेंट्स के जरिए यूजर्स के सवालों को अड्रेस कर सकते हैं, जिससे उनका कंफ्यूजन दूर हो सके और वो प्रोडक्ट खरीदने का डिसीजन ले सकें।
22. पेड एड्स का यूज़ करें
अगर आपको अपनी एफिलिएट मार्केटिंग स्ट्रेटेजी में तेज़ रिजल्ट्स चाहिए, तो आप पेड एड्स का यूज़ कर सकते हैं। गूगल एड्स, फेसबुक एड्स, या इंस्टाग्राम प्रमोशन के जरिए आप अपने एफिलिएट लिंक्स को ज्यादा लोगों तक पहुंचा सकते हैं। पेड एड्स से आपका ट्रैफिक तेजी से बढ़ता है और अगर एड्स सही तरीके से टार्गेट किए जाएं, तो कन्वर्शन रेट भी अच्छा हो सकता है। लेकिन ध्यान रखें कि आपको एड्स का बजट और ROI (रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट) हमेशा ध्यान में रखना चाहिए।
23. सीजनल ट्रेंड्स का यूज़ करें
सीजनल ट्रेंड्स और इवेंट्स का यूज़ करके आप अपनी एफिलिएट मार्केटिंग स्ट्रेटेजी को और भी इम्पैक्टफुल बना सकते हैं। जैसे कि त्योहारी सीजन में या किसी बड़े इवेंट के दौरान, लोग ज़्यादा शॉपिंग करते हैं। ऐसे मौकों पर स्पेशल ऑफर्स और डिस्काउंट्स के साथ एफिलिएट प्रोडक्ट्स को प्रमोट करें। इससे आपकी कन्वर्शन रेट में बढ़ोतरी हो सकती है क्योंकि लोग इन टाइम्स में शॉपिंग के लिए ज़्यादा ओपन होते हैं।
24. नेगेटिव एफिलिएट्स से बचें
हर एफिलिएट प्रोग्राम अच्छा नहीं होता। कई बार आपको ऐसे एफिलिएट प्रोग्राम्स मिल सकते हैं जो लो क्वालिटी प्रोडक्ट्स ऑफर करते हैं या जिनका कस्टमर सर्विस खराब होता है। ऐसे प्रोग्राम्स से जुड़ने से आपकी रेप्युटेशन खराब हो सकती है और आपकी ऑडियंस का आप पर ट्रस्ट भी कम हो सकता है। इसलिए हमेशा क्वालिटी प्रोडक्ट्स और विश्वसनीय एफिलिएट प्रोग्राम्स को चुनें।
25. एफिलिएट मार्केटिंग कम्युनिटी से जुड़ें
एफिलिएट मार्केटिंग कम्युनिटी से जुड़ना भी एक अच्छा तरीका हो सकता है अपने कन्वर्शन रेट को बढ़ाने का। इन कम्युनिटीज़ में आप एक्सपर्ट्स के एक्सपीरियंस से सीख सकते हैं और नए टिप्स और स्ट्रेटेजीज़ भी जान सकते हैं। इसके अलावा, आपको नए एफिलिएट प्रोग्राम्स और मार्केटिंग टेक्निक्स के बारे में भी जानकारी मिलती है, जो आपकी एफिलिएट मार्केटिंग स्ट्रेटेजी को और इम्प्रूव कर सकती है।
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Table of Contents
- एफिलिएट मार्केटिंग क्या है? में कैसे शुरू कर सकता हूँ?
- एफिलिएट मार्केटिंग की हिस्ट्री और एवोलुशन
- बेनिफिट्स एंड पोटेंशियल ऑफ़ एफिलिएट मार्केटिंग
- एफिलिएट मार्केटिंग की प्लेयर्स
- पेमेंट मॉडल्स इन एफिलिएट मार्केटिंग
- टाइप्स ऑफ़ एफिलिएट प्रोग्राम्स - फिजिकल प्रोडक्ट्स
- टाइप्स ऑफ़ एफिलिएट प्रोग्राम्स - डिजिटल प्रोडक्ट्स
- टाइप्स ऑफ़ एफिलिएट प्रोग्राम्स - सर्विसेज
- इम्पोर्टेंस ऑफ़ Niche सिलेक्शन इन एफिलिएट मार्केटिंग
- एफिलिएट मार्केटिंग के लिए प्रॉफिटेबल नीचेस (niches) कैसे चुने?
- मार्केट रिसर्च - टूल्स एंड टेक्निक्स फॉर एफिलिएट मार्केटिंग
- मार्केट रिसर्च - एनलाइज़िंग कॉम्पिटिटर्स इन एफिलिएट मार्केटिंग
- सेटिंग अप योर प्लेटफार्म - ब्लॉगस, वेबसाइटस एंड सोशल मीडिया चैनल्स फॉर एफिलिएट मार्केटिंग
- सेटिंग अप योर प्लेटफार्म - डोमेन एंड होस्टिंग एसेंशियल फॉर एफिलिएट मार्केटिंग
- पॉपुलर एफिलिएट नेटवर्क्स - अमेज़न एसोसिएट, शेयर ए सेल, क्लिक बैंक
- एफिलिएट प्रोग्राम्स में कमीशन रेट क्या है?
- एफिलिएट मार्केटिंग में कुकी डूरेशन क्यों महत्वपूर्ण है?
- सपोर्ट एंड रिसोर्सेज फॉर एफिलिएट मार्केटिंग
- टाइप्स ऑफ़ कंटेंट- ब्लोग्स, वीडियोस एंड पोडकास्टस फॉर एफिलिएट मार्केटिंग
- कंटेंट स्ट्रेटेजी फॉर डिफरेंट प्लेटफॉर्म्स फॉर एफिलिएट मार्केटिंग
- कीवर्ड रिसर्च फॉर एफिलिएट मार्केटिंग - बेसिक एसईओ
- ऑन पेज एंड ऑफ पेज एसईओ फॉर एफिलिएट मार्केटिंग
- कंटेंट मार्केटिंग स्ट्रेटेजीज - ब्लॉगिंग, व्लॉगिंग, सोशल मीडिया
- एफिलिएट लिंक प्रमोशन - ईमेल मार्केटिंग
- एफिलिएट लिंक प्रमोशन - सोशल मीडिया मार्केटिंग
- एफिलिएट लिंक प्रमोशन - पेड एडवरटाइजिंग
- बिल्डिंग ऑडियंस - एंगेजिंग विथ योर ऑडियंस - एफिलिएट मार्केटिंग
- बिल्डिंग ऑडियंस - ट्रस्ट एंड क्रेडिबिलिटी - एफिलिएट मार्केटिंग
- ट्रैकिंग परफॉरमेंस इन एफिलिएट मार्केटिंग - सीटीआर, कन्वर्शन रेट, आरओआई
- एफिलिएट मार्केटिंग में परफॉरमेंस ट्रैकिंग और एनालिसिस के लिए टूल्स
- ए/बी टेस्टिंग से एफिलिएट मार्केटिंग कैंपेन को ऑप्टिमाइज़ करना
- एफिलिएट मार्केटिंग में कन्वर्शन रेट सुधारने के तरीके
- एफिलिएट प्रोग्राम पॉलिसीज़ का पालन करना
- एफ टी सी गाइडलाइन्स एंड डिस्क्लोज़रस इन एफिलिएट मार्केटिंग
- बिल्डिंग ट्रांसपेरेंसी एंड ट्रस्ट इन एफिलिएट मार्केटिंग
- ऑटोमेटिंग प्रोसेसेस इन एफिलिएट मार्केटिंग
- आउट सोर्सिंग टास्कस इन एफिलिएट मार्केटिंग
- इनक्रीज योर एफिलिएट इनकम बाय जोइनिंग मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स