सही निश सिलेक्शन का क्या महत्व है - एफिलिएट मार्केटिंग

इम्पोर्टेंस ऑफ़ niche सिलेक्शन इन एफिलिएट मार्केटिंग

एफिलिएट मार्केटिंग में सफलता पाने के लिए निश (niche) सिलेक्शन सबसे महत्वपूर्ण कदमों में से एक है। सही निश चुनने से आपको एक क्लियर टारगेट ऑडियंस मिलेगी, जिससे आपके प्रमोशन एफर्ट्स ज्यादा इफेक्टिव हो सकते हैं। जब आप एफिलिएट मार्केटिंग शुरू करते हैं, तो आपका पहला स्टेप होता है अपने लिए एक ऐसा टॉपिक चुनना जिसमें आपको इंटरेस्ट हो और जिसमें मुनाफा कमाने की पोटेंशियल हो।

1. निश क्या होता है? समझें 

निश एक स्पेसिफिक कैटेगरी या टॉपिक होता है जिस पर आप फोकस करते हैं। एफिलिएट मार्केटिंग में निश का मतलब उस स्पेसिफिक प्रोडक्ट, सर्विस या ऑडियंस से होता है जिसके साथ आप एफिलिएट होते हैं। निश को एक छोटे से टारगेट मार्केट के रूप में देखा जा सकता है, जहां कॉम्पिटिशन कम होता है और आपकी ऑडियंस ज्यादा एंगेज्ड रहती है।

2. निश सिलेक्शन क्यों इम्पोर्टेंट है? जानें 

(A) स्पेशलाइजेशन

सही निश चुनने से आप एक एक्सपर्ट के रूप में दिख सकते हैं। जब आप किसी स्पेसिफिक निश पर फोकस करते हैं, तो आप अपनी ऑडियंस के लिए वैल्यू एड कर सकते हैं, क्योंकि आप उन्हें प्रॉब्लम-सॉल्विंग कंटेंट प्रोवाइड कर रहे हैं। इससे आपकी ब्रांड इमेज मजबूत होती है और ऑडियंस आप पर ट्रस्ट करना शुरू करती है।

(B) टारगेटेड ऑडियंस

अगर आपने एक क्लियर निश चुना है, तो आपकी ऑडियंस भी स्पेसिफिक होगी। यह आपकी मार्केटिंग स्ट्रेटेजीज को ज्यादा एफेक्टिव बनाता है। टारगेटेड ऑडियंस के साथ आप उनके इंटरस्ट्स और पेन पॉइंट्स को समझ सकते हैं और उसी के अनुसार अपने एफिलिएट प्रोडक्ट्स प्रमोट कर सकते हैं।

(C) कॉम्पिटिशन कम करना

अगर आप एक ब्रॉड मार्केट में एफिलिएट मार्केटिंग करते हैं, तो आपका कॉम्पिटिशन बहुत ज्यादा होगा। लेकिन जब आप एक स्पेसिफिक निश चुनते हैं, तो आपको एक छोटे, लेकिन इंटरेस्टेड ऑडियंस तक पहुंचने का मौका मिलता है। इस छोटे मार्केट में आपका कॉम्पिटिशन भी कम होगा, और आपको जल्दी रिजल्ट्स देखने को मिल सकते हैं।

(D) हाई-कन्वर्ज़न रेट

क्योंकि निश सिलेक्शन के बाद आपकी ऑडियंस टारगेटेड होती है, इसलिए कन्वर्ज़न रेट्स भी हाई होते हैं। एक ब्रॉड मार्केट में प्रोडक्ट प्रमोट करने से बेहतर है कि आप एक स्पेसिफिक निश में ज्यादा एंगेज्ड ऑडियंस के साथ काम करें, क्योंकि उनकी प्रॉब्लम्स और ज़रूरतों को आप बेहतर तरीके से समझते हैं।

3. सही निश कैसे चुनें? समझें 

(A) पैशन और इंटरेस्ट

सबसे पहले यह देखिए कि आपको किस चीज़ में इंटरेस्ट है। जिस टॉपिक में आपका पैशन हो, वही आपका निश हो सकता है। अगर आपको उस निश में दिलचस्पी नहीं है, तो लंबे समय तक काम करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए सबसे पहले अपने पैशन को पहचाने।

(B) मार्केट डिमांड

पैशन के साथ-साथ मार्केट डिमांड का ख्याल रखना भी ज़रूरी है। किसी ऐसे निश को चुनें जिसमें पहले से ही लोग इंटरेस्टेड हैं। आप गूगल ट्रेंड्स, क्वोरा, और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करके देख सकते हैं कि किस निश में ज्यादा ट्रेंड चल रहा है।

(C) प्रॉफिटेबिलिटी

यह देखना भी ज़रूरी है कि आपका चुना हुआ निश प्रॉफिटेबल है या नहीं। अगर आपके निश में लोग पैसे खर्च करने के लिए तैयार नहीं हैं, तो एफिलिएट मार्केटिंग से पैसे कमाना मुश्किल होगा। आप डिगीस्टोर24, अमेजन एफिलिएट्स, या अन्य एफिलिएट मार्केटप्लेस पर जाकर देख सकते हैं कि किस निश में प्रोडक्ट्स की ज्यादा सेल्स हो रही है।

(D) कॉम्पिटिशन एनालिसिस

हर निश में कुछ हद तक कॉम्पिटिशन तो होगा ही, लेकिन यह देखना ज़रूरी है कि क्या आप उस निश में अपने लिए जगह बना सकते हैं। अगर कॉम्पिटिशन बहुत ज्यादा है, तो हो सकता है कि आपको ऑडियंस तक पहुंचने में मुश्किल हो। इसलिए अपने कॉम्पिटिटर्स का एनालिसिस करें और देखें कि क्या आप अपनी स्ट्रेटेजी से कुछ अलग कर सकते हैं।

(E) लॉन्ग-टर्म पोटेंशियल

सिर्फ शॉर्ट-टर्म ट्रेंड्स पर फोकस न करें। एक ऐसा निश चुनें जो लॉन्ग-टर्म में ग्रो कर सके। कुछ निश समय के साथ फेड हो सकते हैं, जबकि कुछ निश लंबे समय तक प्रॉफिटेबल बने रहते हैं। लॉन्ग-टर्म ग्रोथ और सस्टेनेबिलिटी को ध्यान में रखकर अपना निश चुनें।

4. निश सिलेक्शन के दौरान कॉमन मिस्टेक्स

(A) ब्रॉड निश चुनना

कई लोग शुरुआत में बहुत ब्रॉड निश चुन लेते हैं, जैसे कि "हेल्थ," "टेक्नोलॉजी," या "फिटनेस।" यह मिस्टेक आपकी एफिलिएट मार्केटिंग जर्नी को काफी चैलेंजिंग बना सकती है, क्योंकि इन निशेस में बहुत ज्यादा कॉम्पिटिशन होता है। बेहतर यह होगा कि आप इन ब्रॉड निशेस के अंदर एक स्पेसिफिक सब-निश चुनें, जैसे कि "केटो डाइट फॉर वेट लॉस," "स्मार्टफोन्स अंडर 20K," या "होम वर्कआउट्स फॉर बिज़ी प्रोफेशनल्स।"

(B) सिर्फ प्रॉफिट के लिए निश चुनना

अगर आप सिर्फ प्रॉफिट के लिए निश चुनते हैं और उसमें आपकी कोई पर्सनल इंटरेस्ट नहीं है, तो लंबे समय तक उस निश में टिक पाना मुश्किल हो सकता है। आपका कंटेंट और प्रमोशन तभी एफेक्टिव होगा जब आपको उस निश में पर्सनल इंटरेस्ट होगा। इसलिए पैशन और प्रॉफिट का बैलेंस जरूरी है।

(C) मार्केट रिसर्च न करना

कई बार लोग बिना मार्केट रिसर्च किए निश चुन लेते हैं। मार्केट रिसर्च यह बताता है कि क्या आपके निश में प्रोडक्ट्स की डिमांड है, क्या आपकी ऑडियंस पैसे खर्च करने के लिए तैयार है, और क्या आपको उस निश में आगे बढ़ने के चांस हैं।

5. निश सिलेक्शन के बाद अगला कदम क्या होना चाहिए?

(A) ऑडियंस रिसर्च

जब आपने अपना निश चुन लिया, तो अगला स्टेप होता है अपनी टारगेट ऑडियंस को डीपली समझना। ऑडियंस रिसर्च के ज़रिए आप उनकी प्रॉब्लम्स, नीड्स, और पेन पॉइंट्स को पहचान सकते हैं। यह जानना बेहद जरूरी है कि आपकी ऑडियंस किन मुद्दों से जूझ रही है और उन्हें किन सॉल्यूशंस की ज़रूरत है। इससे आपको अपना एफिलिएट कंटेंट और मार्केटिंग स्ट्रेटेजी डिजाइन करने में मदद मिलेगी।

आप ऑडियंस रिसर्च के लिए ये टूल्स और टेक्निक्स इस्तेमाल कर सकते हैं

  • क्वोरा और रेडिट: यहां आपको अपने निश से जुड़े सवाल और चर्चाएं मिल सकती हैं। इन प्लेटफॉर्म्स पर लोग अपनी प्रॉब्लम्स के बारे में बात करते हैं, जो आपकी रिसर्च में हेल्पफुल हो सकती हैं।
  • सोशल मीडिया: फेसबुक ग्रुप्स, इंस्टाग्राम, और ट्विटर पर आपकी टारगेट ऑडियंस क्या फॉलो कर रही है, उनके इंटरस्ट्स और बिहेवियर को ट्रैक करें।
  • गूगल ट्रेंड्स और कीवर्ड रिसर्च टूल्स: यह पता लगाने के लिए कि आपकी ऑडियंस क्या सर्च कर रही है, आप गूगल ट्रेंड्स और कीवर्ड रिसर्च टूल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आपको पता चलेगा कि कौन-से टॉपिक्स पॉपुलर हो रहे हैं।

(B) एफिलिएट प्रोडक्ट्स की सिलेक्शन

अब जब आपको अपने निश और टारगेट ऑडियंस के बारे में पूरी समझ हो गई है, तो अब वक्त है एफिलिएट प्रोडक्ट्स चुनने का। आपको ऐसे प्रोडक्ट्स सिलेक्ट करने चाहिए जो आपकी ऑडियंस की ज़रूरतों को पूरा करें और उनके लिए वैल्यू एड करें। सही प्रोडक्ट्स सिलेक्शन आपके एफिलिएट मार्केटिंग सक्सेस का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।

  • क्वालिटी प्रोडक्ट्स: हमेशा ऐसे प्रोडक्ट्स चुनें जिनकी क्वालिटी अच्छी हो। आपकी ऑडियंस का ट्रस्ट तभी बनेगा जब आप उन्हें सही और क्वालिटी प्रोडक्ट्स की सिफारिश करेंगे।
  • रेलेवेंट प्रोडक्ट्स: आपके चुने हुए प्रोडक्ट्स आपके निश और ऑडियंस के लिए रेलेवेंट होने चाहिए। अगर आपके प्रोडक्ट्स का आपकी ऑडियंस की प्रॉब्लम्स से कनेक्शन नहीं है, तो कन्वर्ज़न रेट्स बहुत कम होंगे।
  • हाई-कमीशन प्रोडक्ट्स: अगर आप एफिलिएट मार्केटिंग के ज़रिए अच्छी इनकम जनरेट करना चाहते हैं, तो हाई-कमीशन प्रोडक्ट्स पर फोकस करें। ऐसे प्रोडक्ट्स चुनें जो आपको अच्छा कमीशन ऑफर करें, जैसे डिजिटल प्रोडक्ट्स, सब्सक्रिप्शन सर्विसेज, या हाई-टिकट आइटम्स।

(C) कंटेंट स्ट्रेटेजी

अब आपके पास निश, ऑडियंस रिसर्च, और एफिलिएट प्रोडक्ट्स की जानकारी है, तो अगला स्टेप है एक स्ट्रॉन्ग कंटेंट स्ट्रेटेजी डेवेलप करना। आपका कंटेंट ही आपके एफिलिएट प्रोडक्ट्स को प्रमोट करने का बेस्ट टूल है। कंटेंट को वैल्यू-एडेड, इंफॉर्मेटिव और इंगेजिंग होना चाहिए, ताकि आपकी ऑडियंस उससे कनेक्ट हो सके और आपके एफिलिएट लिंक्स पर क्लिक करे।

  • ब्लॉगिंग: अगर आप एफिलिएट मार्केटिंग में लॉन्ग-टर्म सक्सेस चाहते हैं, तो ब्लॉगिंग एक बेहतरीन स्ट्रेटेजी हो सकती है। आप अपने निश से जुड़े टॉपिक्स पर डीटेल्ड और वैल्यू-एडेड ब्लॉग पोस्ट्स लिख सकते हैं। इससे आपको सर्च इंजन से ऑर्गैनिक ट्रैफिक मिलेगा और आपके एफिलिएट लिंक्स पर ज्यादा क्लिक्स हो सकते हैं।
  • सोशल मीडिया कंटेंट: इंस्टाग्राम, फेसबुक, और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर शॉर्ट और एंगेजिंग कंटेंट क्रिएट करें। वीडियो कंटेंट आज के टाइम में सबसे ज्यादा पॉपुलर है, और यह एफिलिएट मार्केटिंग के लिए एक पॉवरफुल टूल बन सकता है।
  • ईमेल मार्केटिंग: एक स्ट्रॉन्ग ईमेल लिस्ट बनाने से आप अपनी ऑडियंस के साथ डायरेक्ट कनेक्शन बना सकते हैं। रेगुलर ईमेल न्यूज़लेटर्स और प्रमोशनल ईमेल्स भेजकर आप अपनी ऑडियंस को एंगेज्ड रख सकते हैं और एफिलिएट प्रोडक्ट्स प्रमोट कर सकते हैं।

(D) SEO (सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन)

एफिलिएट मार्केटिंग में सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) एक बहुत बड़ा रोल प्ले करता है। जब आपका कंटेंट सर्च इंजन्स में हाई रैंक करेगा, तो आपको ऑर्गैनिक ट्रैफिक मिलेगा। निश सिलेक्शन के बाद सही SEO स्ट्रेटेजी अपनाना बहुत जरूरी है।

  • कीवर्ड रिसर्च: अपने निश से जुड़े रेलेवेंट कीवर्ड्स की रिसर्च करें और उन्हें अपने ब्लॉग पोस्ट्स, वेबपेजेज, और सोशल मीडिया कंटेंट में इनक्लूड करें। सही कीवर्ड्स आपके कंटेंट को सर्च इंजन रिजल्ट्स में ऊपर लाने में मदद करेंगे।
  • ऑन-पेज SEO: यह सुनिश्चित करें कि आपके ब्लॉग या वेबसाइट पर सही ऑन-पेज SEO टेक्निक्स का इस्तेमाल हो। इसमें मेटा डिस्क्रिप्शन, हेडिंग्स, इमेज ऑल्ट टेक्स्ट और इंटरनल लिंकिंग शामिल है।
  • बैकलिंक्स: आपकी वेबसाइट के लिए क्वालिटी बैकलिंक्स जनरेट करने से भी सर्च इंजन रैंकिंग इम्प्रूव होती है। आप गेस्ट पोस्टिंग, सोशल शेयरिंग और पार्टनरशिप के ज़रिए बैकलिंक्स बना सकते हैं।

6. सक्सेस मेजरमेंट और एनालिसिस

(A) परफॉर्मेंस ट्रैकिंग

एफिलिएट मार्केटिंग में सफल होने के लिए रेगुलरली अपनी स्ट्रेटेजीज और परफॉर्मेंस को मॉनिटर करना बेहद जरूरी है। आपको यह देखना होगा कि कौन-से प्रोडक्ट्स और कंटेंट पीसेस बेस्ट परफॉर्म कर रहे हैं और कौन-से नहीं। इसके लिए आप एफिलिएट मार्केटिंग प्लेटफॉर्म्स के एनालिटिक्स टूल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।

  • क्लिक-थ्रू रेट (CTR): यह मापता है कि कितनी बार आपकी ऑडियंस ने आपके एफिलिएट लिंक पर क्लिक किया। अगर CTR कम है, तो यह संकेत हो सकता है कि आपकी कंटेंट स्ट्रेटेजी को इम्प्रूव करने की जरूरत है।
  • कन्वर्ज़न रेट: यह मेट्रिक बताता है कि कितने क्लिक्स ने एक्चुअल सेल्स में कन्वर्ट किया। अगर आपका कन्वर्ज़न रेट कम है, तो आपको अपने प्रोडक्ट सिलेक्शन, कंटेंट या ऑडियंस रिसर्च पर फिर से ध्यान देने की जरूरत हो सकती है।

(B) A/B टेस्टिंग

आपको अपने कंटेंट और प्रोडक्ट्स के अलग-अलग वर्शन ट्राय करने चाहिए ताकि यह पता चल सके कि कौन-सी स्ट्रेटेजी बेस्ट रिजल्ट्स दे रही है। इस प्रोसेस को A/B टेस्टिंग कहा जाता है। उदाहरण के लिए, आप दो अलग-अलग हेडलाइन्स, CTA बटन्स, या कंटेंट फॉर्मेट्स ट्राय कर सकते हैं और देख सकते हैं कि कौन-सा ज्यादा एंगेजमेंट लाता है।

(C) ऑडियंस से फीडबैक

ऑडियंस से डायरेक्ट फीडबैक लेना भी एक बढ़िया तरीका है अपनी एफिलिएट मार्केटिंग स्ट्रेटेजी को इम्प्रूव करने का। आप उन्हें सर्वे भेज सकते हैं या सोशल मीडिया पर उनके कमेंट्स को ध्यान में रख सकते हैं। इससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि आपकी ऑडियंस को क्या पसंद आ रहा है और उन्हें किस चीज़ की ज़रूरत है।

7. एफिलिएट मार्केटिंग में निश के साथ लॉन्ग-टर्म सक्सेस के टिप्स

(A) कंसिस्टेंसी बनाए रखें

एफिलिएट मार्केटिंग में सफलता एक दिन या एक महीने में नहीं मिलती। आपको कंसिस्टेंट रहना होगा और रेगुलरली क्वालिटी कंटेंट प्रोड्यूस करना होगा। चाहे वह ब्लॉग पोस्ट हो, सोशल मीडिया कंटेंट, या ईमेल मार्केटिंग आपको अपनी ऑडियंस को वैल्यू प्रोवाइड करते रहना होगा।

(B) ट्रेंड्स पर नजर रखें

एफिलिएट मार्केटिंग की दुनिया लगातार बदल रही है, और नए ट्रेंड्स और टेक्निक्स रेगुलरली आते रहते हैं। इसलिए आपको अपने निश और इंडस्ट्री में होने वाले चेंजेज पर नजर रखनी चाहिए। अगर आप इन चेंजेज के अनुसार अपनी स्ट्रेटेजी को अपडेट नहीं करते, तो आप पीछे रह सकते हैं।

(C) मल्टीपल इनकम स्ट्रीम्स

सिर्फ एक एफिलिएट प्रोडक्ट या प्लैटफ़ॉर्म पर निर्भर न रहें। अपने निश में मल्टीपल एफिलिएट प्रोग्राम्स से जुड़ें और अलग-अलग प्रोडक्ट्स प्रमोट करें। इससे आपकी इनकम स्ट्रीम्स डाइवर्सिफाई हो जाएंगी और आप एक स्थिर इनकम बना पाएंगे।

(D) ब्रांड बिल्डिंग

लॉन्ग-टर्म सक्सेस के लिए अपने आपको एक ब्रांड के रूप में स्थापित करना बहुत जरूरी है। जब आपकी ऑडियंस आपको एक ट्रस्टेड ब्रांड के रूप में देखेगी, तो वे आपकी सिफारिशों को ज्यादा सीरियसली लेंगे। इसके लिए आपको ट्रस्ट बिल्ड करने और अपनी ऑथेंटिसिटी को मेंटेन करने पर काम करना होगा।

निष्कर्ष:

एफिलिएट मार्केटिंग में सही निश का सिलेक्शन आपकी सक्सेस की कुंजी है। यह न केवल आपके काम को फोकस्ड और ऑर्गनाइज़्ड बनाता है, बल्कि आपकी ऑडियंस को भी एक क्लियर और रेलेवेंट वैल्यू प्रोवाइड करता है। सही निश, टारगेटेड ऑडियंस, और स्ट्रॉन्ग कंटेंट स्ट्रेटेजी के साथ आप एफिलिएट मार्केटिंग में लॉन्ग-टर्म सक्सेस पा सकते हैं।

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Table of Contents

  1. एफिलिएट मार्केटिंग क्या है? में कैसे शुरू कर सकता हूँ? 
  2. एफिलिएट मार्केटिंग की हिस्ट्री और एवोलुशन 
  3. बेनिफिट्स एंड पोटेंशियल ऑफ़ एफिलिएट मार्केटिंग 
  4. एफिलिएट मार्केटिंग की प्लेयर्स 
  5. पेमेंट मॉडल्स इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  6. टाइप्स ऑफ़ एफिलिएट प्रोग्राम्स - फिजिकल प्रोडक्ट्स 
  7. टाइप्स ऑफ़ एफिलिएट प्रोग्राम्स - डिजिटल प्रोडक्ट्स 
  8. टाइप्स ऑफ़ एफिलिएट प्रोग्राम्स - सर्विसेज 
  9. इम्पोर्टेंस ऑफ़ Niche सिलेक्शन इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  10. एफिलिएट मार्केटिंग के लिए प्रॉफिटेबल नीचेस (niches) कैसे चुने? 
  11. मार्केट रिसर्च - टूल्स एंड टेक्निक्स फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  12. मार्केट रिसर्च - एनलाइज़िंग कॉम्पिटिटर्स इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  13. सेटिंग अप योर प्लेटफार्म - ब्लॉगस, वेबसाइटस एंड सोशल मीडिया चैनल्स फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  14. सेटिंग अप योर प्लेटफार्म - डोमेन एंड होस्टिंग एसेंशियल फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  15. पॉपुलर एफिलिएट नेटवर्क्स - अमेज़न एसोसिएट, शेयर ए सेल, क्लिक बैंक 
  16. एफिलिएट प्रोग्राम्स में कमीशन रेट क्या है? 
  17. एफिलिएट मार्केटिंग में कुकी डूरेशन क्यों महत्वपूर्ण है? 
  18. सपोर्ट एंड रिसोर्सेज फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  19. टाइप्स ऑफ़ कंटेंट- ब्लोग्स, वीडियोस एंड पोडकास्टस फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  20. कंटेंट स्ट्रेटेजी फॉर डिफरेंट प्लेटफॉर्म्स फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  21. कीवर्ड रिसर्च फॉर एफिलिएट मार्केटिंग - बेसिक एसईओ 
  22. ऑन पेज एंड ऑफ पेज एसईओ फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  23. कंटेंट मार्केटिंग स्ट्रेटेजीज - ब्लॉगिंग, व्लॉगिंग, सोशल मीडिया 
  24. एफिलिएट लिंक प्रमोशन - ईमेल मार्केटिंग 
  25. एफिलिएट लिंक प्रमोशन - सोशल मीडिया मार्केटिंग 
  26. एफिलिएट लिंक प्रमोशन - पेड एडवरटाइजिंग 
  27. बिल्डिंग ऑडियंस - एंगेजिंग विथ योर ऑडियंस - एफिलिएट मार्केटिंग 
  28. बिल्डिंग ऑडियंस - ट्रस्ट एंड क्रेडिबिलिटी - एफिलिएट मार्केटिंग 
  29. ट्रैकिंग परफॉरमेंस इन एफिलिएट मार्केटिंग - सीटीआर, कन्वर्शन रेट, आरओआई 
  30. एफिलिएट मार्केटिंग में परफॉरमेंस ट्रैकिंग और एनालिसिस के लिए टूल्स 
  31. ए/बी टेस्टिंग से एफिलिएट मार्केटिंग कैंपेन को ऑप्टिमाइज़ करना 
  32. एफिलिएट मार्केटिंग में कन्वर्शन रेट सुधारने के तरीके 
  33. एफिलिएट प्रोग्राम पॉलिसीज़ का पालन करना 
  34. एफ टी सी गाइडलाइन्स एंड डिस्क्लोज़रस इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  35. बिल्डिंग ट्रांसपेरेंसी एंड ट्रस्ट इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  36. ऑटोमेटिंग प्रोसेसेस इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  37. आउट सोर्सिंग टास्कस इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  38. इनक्रीज योर एफिलिएट इनकम बाय जोइनिंग मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स 
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