कीवर्ड्स के लिए रिसर्च करना - एफिलिएट मार्केटिंग
एफिलिएट मार्केटिंग में सफलता पाने के लिए सही कीवर्ड्स का चयन करना सबसे महत्वपूर्ण स्टेप्स में से एक है। अगर आप सही कीवर्ड्स का चयन करते हैं, तो आपके एफिलिएट प्रोडक्ट्स को सही ऑडियंस तक पहुंचाने में मदद मिलती है, जिससे आपकी कमाई बढ़ सकती है। इस पोस्ट में, हम जानेंगे कीवर्ड रिसर्च क्या है, इसका महत्व क्या है, और आप किस तरह से सही कीवर्ड्स का चयन कर सकते हैं।
कीवर्ड रिसर्च क्या है? जानें
कीवर्ड रिसर्च का मतलब है उन शब्दों और फ्रेज़ को ढूंढना जिन्हें लोग सर्च इंजन पर सर्च करते हैं। जब आप एक एफिलिएट मार्केटर होते हैं, तो आपका मकसद उन कीवर्ड्स को ढूंढना होता है जिनके जरिए आप अपनी वेबसाइट, ब्लॉग, या सोशल मीडिया पेज पर ट्रैफिक ला सकते हैं और ज्यादा से ज्यादा कन्वर्ज़न (conversion) कर सकते हैं।
क्यों ज़रूरी है कीवर्ड रिसर्च? समझें
एफिलिएट मार्केटिंग में कीवर्ड्स बहुत अहम भूमिका निभाते हैं क्योंकि ये आपकी ऑडियंस तक पहुंचने का मुख्य तरीका होते हैं। अगर आप उन कीवर्ड्स को टार्गेट करते हैं जिन्हें लोग सर्च कर रहे हैं, तो आपके एफिलिएट लिंक पर क्लिक करने की संभावना बढ़ जाती है।
इसके अलावा, सही कीवर्ड्स का चयन करने से आपकी वेबसाइट की SEO (Search Engine Optimization) में सुधार होता है, जिससे गूगल जैसे सर्च इंजन पर आपकी वेबसाइट की रैंकिंग बेहतर होती है। इससे आपकी वेबसाइट पर ट्रैफिक बढ़ता है और आप अधिक एफिलिएट कमिशन कमा सकते हैं।
कीवर्ड रिसर्च करने के टूल्स प्राप्त करें
कीवर्ड रिसर्च के लिए कई फ्री और पेड टूल्स उपलब्ध हैं, जो आपको सही कीवर्ड्स खोजने में मदद कर सकते हैं। इनमें से कुछ पॉपुलर टूल्स निम्नलिखित हैं:
- गूगल कीवर्ड प्लानर: यह फ्री टूल गूगल का है, जो आपको कीवर्ड्स की सर्च वॉल्यूम और उनके कम्पटीशन के बारे में जानकारी देता है।
- अह्रेफ्स (Ahrefs): यह एक पेड टूल है, जो आपको कीवर्ड्स के साथ-साथ आपकी वेबसाइट के बैकलिंक्स और SEO में भी मदद करता है।
- यूबरसजेस्ट: नील पटेल का यह फ्री टूल कीवर्ड रिसर्च के लिए बहुत अच्छा है और इसके जरिए आप किसी भी कीवर्ड की सर्च वॉल्यूम और कम्पटीशन का पता लगा सकते हैं।
- SEMrush: यह भी एक पेड टूल है, जो कीवर्ड रिसर्च के साथ-साथ आपकी वेबसाइट के एनालिटिक्स, कॉम्पिटिटर्स के कीवर्ड्स और अन्य कई फीचर्स में मदद करता है।
- मोज़ (Moz): यह टूल SEO और कीवर्ड रिसर्च के लिए जाना जाता है। इसका यूजर-फ्रेंडली इंटरफेस है जो नए यूजर्स के लिए मददगार होता है।
सही कीवर्ड्स का चयन कैसे करें? समझें
ऑडियंस को समझें: सबसे पहले, आपको यह समझना होगा कि आपकी टार्गेट ऑडियंस कौन है और वे किस तरह के कीवर्ड्स का उपयोग कर रहे हैं। क्या वे इंफॉर्मेशनल सर्च कर रहे हैं या वे कुछ खरीदने का इरादा रखते हैं? इससे आपको बेहतर तरीके से कीवर्ड्स चुनने में मदद मिलेगी।
- लो कम्पटीशन कीवर्ड्स को टार्गेट करें: शुरुआती एफिलिएट मार्केटर्स को सलाह दी जाती है कि वे कम कम्पटीशन वाले कीवर्ड्स को टार्गेट करें। इसके लिए आप "लो कम्पटीशन कीवर्ड्स" का उपयोग कर सकते हैं, ताकि आपकी वेबसाइट या ब्लॉग जल्दी रैंक करे और आप आसानी से ट्रैफिक ला सकें।
- लॉन्ग-टेल कीवर्ड्स पर फोकस करें: लॉन्ग-टेल कीवर्ड्स वे कीवर्ड्स होते हैं जो 3-4 शब्दों से मिलकर बने होते हैं और इनका सर्च वॉल्यूम कम होता है लेकिन कन्वर्ज़न रेट ज्यादा होता है। उदाहरण के लिए, अगर आप "वजन घटाने की टिप्स" कीवर्ड की जगह "कैसे तेजी से वजन घटाएं बिना डाइटिंग के" जैसे लॉन्ग-टेल कीवर्ड्स टार्गेट करते हैं, तो आपको ज्यादा कन्वर्ज़न मिल सकते हैं।
- कीवर्ड्स की सर्च इंटेंट को समझें: हर कीवर्ड के पीछे यूजर का एक इंटेंट होता है। कुछ लोग सिर्फ जानकारी हासिल करने के लिए सर्च करते हैं, तो कुछ लोग खरीदारी करने का मन बना चुके होते हैं। इसलिए आपको ऐसे कीवर्ड्स को टार्गेट करना चाहिए, जिनमें यूजर का इंटेंट खरीदारी का हो, जैसे "बेस्ट प्रोटीन सप्लीमेंट्स ऑनलाइन खरीदें"।
कीवर्ड रिसर्च की प्रक्रिया (स्टेप-बाय-स्टेप) जानें
अब हम स्टेप-बाय-स्टेप कीवर्ड रिसर्च की प्रक्रिया को देखेंगे ताकि आपको आसानी हो।
प्राइमरी कीवर्ड चुनें
सबसे पहले आपको एक प्राइमरी कीवर्ड चुनना होगा, जो आपकी निच (niche) और प्रोडक्ट के अनुसार हो। उदाहरण के लिए, अगर आप फिटनेस निच में हैं, तो आपका प्राइमरी कीवर्ड हो सकता है "फिटनेस सप्लीमेंट्स"।
कीवर्ड आइडियाज जनरेट करें
अब आप टूल्स की मदद से इस प्राइमरी कीवर्ड से जुड़े आइडियाज निकाल सकते हैं। आप गूगल कीवर्ड प्लानर, अह्रेफ्स, यूबरसजेस्ट जैसे टूल्स का उपयोग करके सैकड़ों कीवर्ड्स जनरेट कर सकते हैं।
कीवर्ड्स की सर्च वॉल्यूम चेक करें
हर कीवर्ड की सर्च वॉल्यूम को चेक करें ताकि आपको पता चले कि उस कीवर्ड को कितने लोग सर्च कर रहे हैं। ऐसे कीवर्ड्स चुनें जिनकी सर्च वॉल्यूम अच्छी हो लेकिन कम्पटीशन कम हो।
कीवर्ड्स का कम्पटीशन चेक करें
कम्पटीशन को चेक करना बहुत ज़रूरी है क्योंकि अगर कोई कीवर्ड बहुत ज्यादा कम्पटीटिव है, तो उस पर रैंक करना मुश्किल हो सकता है। हमेशा लो कम्पटीशन वाले कीवर्ड्स को प्राथमिकता दें।
लॉन्ग-टेल कीवर्ड्स का उपयोग करें
लॉन्ग-टेल कीवर्ड्स को अपनी कंटेंट स्ट्रैटेजी में शामिल करें। ये कीवर्ड्स न सिर्फ सर्च वॉल्यूम में कम होते हैं, बल्कि इनका कन्वर्ज़न रेट भी ज्यादा होता है, जिससे आपकी एफिलिएट मार्केटिंग स्ट्रैटेजी सफल हो सकती है।
कीवर्ड रिसर्च के टिप्स सीखें
सीजनल कीवर्ड्स पर ध्यान दें
कुछ कीवर्ड्स सीजनल होते हैं, जैसे "क्रिसमस गिफ्ट आइडियाज" या "न्यू ईयर रिज़ॉल्यूशन टिप्स"। इनकी मदद से आप सीजनल ट्रैफिक को टार्गेट कर सकते हैं और उस दौरान एफिलिएट कमिशन कमा सकते हैं।
लोकल कीवर्ड्स पर फोकस करें
अगर आप किसी विशेष जगह के ऑडियंस को टार्गेट कर रहे हैं, तो लोकल कीवर्ड्स का उपयोग करें। जैसे "मुंबई में बेस्ट जिम इक्विपमेंट्स" या "दिल्ली में बेस्ट फिटनेस सप्लीमेंट्स"। इससे आपकी वेबसाइट उस क्षेत्र के यूजर्स को ज्यादा आकर्षित करेगी।
लोगों के सवालों का जवाब दें
ऐसे कीवर्ड्स ढूंढें जो लोगों के सवालों का जवाब देते हों। उदाहरण के लिए, "कैसे तेजी से वजन घटाएं?" या "बेस्ट प्रोटीन सप्लीमेंट्स कौनसे हैं?"। ऐसे कीवर्ड्स का उपयोग करके आप इंफॉर्मेशनल आर्टिकल्स लिख सकते हैं, जो ज्यादा ट्रैफिक और एफिलिएट सेल्स लाएंगे।
कीवर्ड रिसर्च के एडवांस्ड टिप्स सीखें
जब आप बेसिक कीवर्ड रिसर्च कर लेते हैं, तो इसके बाद एडवांस्ड कीवर्ड स्ट्रैटेजी को अपनाना ज़रूरी हो जाता है। एडवांस्ड कीवर्ड्स आपकी एफिलिएट मार्केटिंग स्ट्रैटेजी को और भी मजबूत बना सकते हैं और लंबे समय में ज्यादा से ज्यादा ट्रैफिक और कन्वर्ज़न में मदद कर सकते हैं।
LSI कीवर्ड्स का उपयोग
LSI कीवर्ड्स वे कीवर्ड्स होते हैं जो आपके मुख्य कीवर्ड से जुड़े हुए होते हैं। ये गूगल को आपकी वेबसाइट के बारे में बेहतर समझने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आपका प्राइमरी कीवर्ड "प्रोटीन सप्लीमेंट्स" है, तो LSI कीवर्ड्स हो सकते हैं "वजन घटाने के लिए प्रोटीन", "बेस्ट प्रोटीन पाउडर", आदि।
कन्वर्ज़न कीवर्ड्स का चयन
कुछ कीवर्ड्स को यूजर्स तब सर्च करते हैं जब वे खरीदारी करने के लिए पूरी तरह तैयार होते हैं। इन कीवर्ड्स को "कन्वर्ज़न कीवर्ड्स" कहा जाता है। उदाहरण के लिए, "बेस्ट प्रोटीन सप्लीमेंट्स ऑनलाइन खरीदें" या "डिस्काउंटेड प्रोटीन पाउडर डील्स"। ऐसे कीवर्ड्स का इस्तेमाल आपकी सेल्स को काफी बढ़ा सकता है।
कॉम्पिटिटर कीवर्ड्स को एनालाइज़ करें
अपने कॉम्पिटिटर्स की वेबसाइट पर जाकर यह देखें कि वे किन कीवर्ड्स को टार्गेट कर रहे हैं। इसके लिए आप अह्रेफ्स या SEMrush जैसे टूल्स का उपयोग कर सकते हैं। कॉम्पिटिटर कीवर्ड्स को समझने से आपको आइडिया मिलेगा कि कौन से कीवर्ड्स पर आपको फोकस करना चाहिए और कौन से कीवर्ड्स आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
फीचर्ड स्निपेट्स के लिए ऑप्टिमाइज़ करें
गूगल के फीचर्ड स्निपेट्स (Featured Snippets) में आना आज के समय में काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये यूजर्स को सीधे जवाब देते हैं और आपकी वेबसाइट को सर्च रिजल्ट्स के टॉप पर लाते हैं। ऐसे कीवर्ड्स चुनें जिन पर फीचर्ड स्निपेट्स की संभावना हो और अपनी कंटेंट को ऐसे ऑप्टिमाइज़ करें कि वो सवालों के जवाब दे।
कीवर्ड्स के साथ सोशल मीडिया पर भी ध्यान दें
कीवर्ड रिसर्च सिर्फ सर्च इंजन के लिए नहीं होती। आपको सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी ध्यान देना चाहिए। इंस्टाग्राम, यूट्यूब, और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर ट्रेंडिंग कीवर्ड्स को समझने की कोशिश करें। इससे आपको वहां की ऑडियंस को टार्गेट करने में मदद मिलेगी।
कीवर्ड रिसर्च करते समय होने वाली सामान्य गलतियाँ
अब तक हमने जाना कि कीवर्ड रिसर्च कैसे करनी है और उसके क्या फायदे हैं। लेकिन कुछ सामान्य गलतियाँ होती हैं जिन्हें ज्यादातर नए एफिलिएट मार्केटर्स करते हैं। आइए जानते हैं उन गलतियों के बारे में और कैसे उन्हें अवॉइड करें:
सिर्फ हाई-सर्च वॉल्यूम कीवर्ड्स पर फोकस करना
नए एफिलिएट मार्केटर्स अक्सर सिर्फ हाई-सर्च वॉल्यूम वाले कीवर्ड्स पर ध्यान देते हैं। हालांकि ये कीवर्ड्स आकर्षक लगते हैं, लेकिन इनका कम्पटीशन भी उतना ही ज्यादा होता है। हमेशा बैलेंस्ड कीवर्ड्स चुनें जो मीडियम सर्च वॉल्यूम के साथ लो कम्पटीशन वाले हों।
सर्च इंटेंट को नजरअंदाज करना
सर्च इंटेंट को समझना बहुत जरूरी है। अगर आप किसी इंफॉर्मेशनल कीवर्ड को टार्गेट कर रहे हैं लेकिन आपकी कंटेंट प्रमोशनल है, तो यूजर आपकी साइट से जल्दी बाउंस कर जाएगा। इसलिए सर्च इंटेंट के अनुसार कीवर्ड्स का चयन करें।
लॉन्ग-टेल कीवर्ड्स को इग्नोर करना
कुछ लोग लॉन्ग-टेल कीवर्ड्स को नजरअंदाज कर देते हैं क्योंकि उनकी सर्च वॉल्यूम कम होती है। लेकिन ये कीवर्ड्स आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकते हैं क्योंकि इन पर कम्पटीशन कम होता है और कन्वर्ज़न रेट ज्यादा।
कीवर्ड्स को ओवरऑप्टिमाइज करना
कीवर्ड्स का बार-बार उपयोग करना, जिसे कीवर्ड स्टफिंग कहा जाता है, आपकी साइट की रैंकिंग को नुकसान पहुंचा सकता है। गूगल इस तरह की साइट्स को पेनल्टी देता है। इसलिए कीवर्ड्स को नेचुरल तरीके से इस्तेमाल करें और कंटेंट की क्वालिटी पर ध्यान दें।
कीवर्ड रिसर्च के बेसिक और एडवांस्ड टूल्स जानें
अब हम कुछ ऐसे टूल्स की बात करेंगे जिनका उपयोग करके आप अपनी कीवर्ड रिसर्च को और बेहतर बना सकते हैं। ये टूल्स आपको न सिर्फ सही कीवर्ड्स चुनने में मदद करेंगे, बल्कि आपके कम्पटीटिव एनालिसिस और SEO स्ट्रैटेजी में भी सहायक होंगे।
गूगल कीवर्ड प्लानर
यह गूगल का ऑफिशियल टूल है और इसका उपयोग आप फ्री में कर सकते हैं। इसमें आप कीवर्ड्स की सर्च वॉल्यूम, कम्पटीशन और संबंधित कीवर्ड्स के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह खासतौर पर नए मार्केटर्स के लिए उपयोगी है जो एडवर्टाइजिंग प्लान बना रहे हैं।
एच् रेफ्स
यह एक पेड टूल है, लेकिन यह आपको बहुत गहराई से कीवर्ड्स की एनालिसिस करने में मदद करता है। इसकी मदद से आप अपने कॉम्पिटिटर्स की वेबसाइट्स के कीवर्ड्स और बैकलिंक्स को ट्रैक कर सकते हैं। यह आपको यह भी बताता है कि किस कीवर्ड पर किस तरह की साइट्स रैंक कर रही हैं।
SEMrush:
SEMrush भी एक पेड टूल है जो कीवर्ड रिसर्च, SEO ऑडिट, और कॉम्पिटिटिव एनालिसिस के लिए बहुत अच्छा है। यह आपको उन कीवर्ड्स की जानकारी देता है जिन पर आपके कॉम्पिटिटर्स रैंक कर रहे हैं और साथ ही आपको बैकलिंक्स, सर्च ट्रेंड्स और अन्य कई फीचर्स प्रदान करता है।
मोज़ (Moz):
Moz एक और पॉपुलर टूल है जो कीवर्ड रिसर्च और SEO के लिए इस्तेमाल होता है। इसमें आपको कीवर्ड्स की सर्च वॉल्यूम, कम्पटीशन, और SERP एनालिसिस जैसी सुविधाएं मिलती हैं। यह भी एक पेड टूल है, लेकिन इसका यूजर इंटरफेस काफी आसान और समझने में सरल है।
यूबरसजेस्ट
नील पटेल द्वारा विकसित यूबरसजेस्ट एक फ्री टूल है जो कीवर्ड रिसर्च के लिए बहुत अच्छा है। इसमें आप कीवर्ड्स की सर्च वॉल्यूम, कम्पटीशन, और संबंधित कीवर्ड्स के सुझाव प्राप्त कर सकते हैं। यह खासतौर पर उन लोगों के लिए अच्छा है जो फ्री टूल्स का इस्तेमाल करना चाहते हैं।
कीवर्ड रिसर्च के भविष्य के ट्रेंड्स समझें
कीवर्ड रिसर्च की दुनिया लगातार बदल रही है, और जो लोग इन नए ट्रेंड्स के अनुसार खुद को ढालते हैं, वे आगे बढ़ते हैं। यहां कुछ ऐसे ट्रेंड्स हैं जो भविष्य में कीवर्ड रिसर्च को प्रभावित कर सकते हैं:
वॉइस सर्च का बढ़ता उपयोग
जैसे-जैसे वॉइस असिस्टेंट्स (जैसे गूगल असिस्टेंट, एलेक्सा, सिरी) का उपयोग बढ़ रहा है, वैसे-वैसे वॉइस सर्च कीवर्ड्स का महत्व भी बढ़ रहा है। वॉइस सर्च में लोग अक्सर लंबी और नेचुरल फ्रेज़ का उपयोग करते हैं। इसलिए वॉइस सर्च को ध्यान में रखते हुए लॉन्ग-टेल कीवर्ड्स का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग का प्रभाव
गूगल और अन्य सर्च इंजन AI और मशीन लर्निंग का उपयोग करके सर्च रिजल्ट्स को और बेहतर बना रहे हैं। इसका मतलब यह है कि सर्च इंजन अब सिर्फ कीवर्ड्स पर ही नहीं, बल्कि यूजर की इंटेंट पर भी ध्यान देते हैं। इसलिए अब सिर्फ कीवर्ड्स भरने से काम नहीं चलेगा, आपको यूजर की इंटेंट को भी समझना होगा।
वीडियो कंटेंट का महत्व
वीडियो कंटेंट तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, और गूगल भी वीडियो को प्रायोरिटी दे रहा है। अगर आप वीडियो कंटेंट क्रिएट कर रहे हैं, तो आपको वीडियो के लिए सही कीवर्ड्स का चयन करना चाहिए। यूट्यूब SEO के लिए कीवर्ड्स का सही चयन बहुत महत्वपूर्ण है।
लोकल SEO और कीवर्ड्स का उभार
जैसे-जैसे लोकल सर्च का उपयोग बढ़ रहा है, वैसे-वैसे लोकल कीवर्ड्स का महत्व भी बढ़ता जा रहा है। अगर आप किसी लोकल मार्केट को टार्गेट कर रहे हैं, तो लोकल कीवर्ड्स का उपयोग आपकी एफिलिएट मार्केटिंग स्ट्रैटेजी में महत्वपूर्ण हो सकता है।
निष्कर्ष
कीवर्ड रिसर्च एफिलिएट मार्केटिंग की नींव है। सही कीवर्ड्स का चयन करके आप न सिर्फ अपने ब्लॉग या वेबसाइट पर ट्रैफिक बढ़ा सकते हैं, बल्कि अपनी सेल्स और एफिलिएट कमिशन को भी बढ़ा सकते हैं। आपको हमेशा अपने ऑडियंस की सर्च इंटेंट को समझकर, सही टूल्स का उपयोग करके और लॉन्ग-टेल कीवर्ड्स पर ध्यान देकर अपनी कीवर्ड रिसर्च को बेहतर बनाना चाहिए।
भविष्य में आने वाले ट्रेंड्स को ध्यान में रखते हुए, आपको अपनी कीवर्ड रिसर्च स्ट्रैटेजी को समय-समय पर अपडेट करना चाहिए, ताकि आप लगातार सर्च इंजन में बेहतर रैंक कर सकें और ज्यादा से ज्यादा एफिलिएट कमिशन कमा सकें।
Table of Contents
- एफिलिएट मार्केटिंग क्या है? में कैसे शुरू कर सकता हूँ?
- एफिलिएट मार्केटिंग की हिस्ट्री और एवोलुशन
- बेनिफिट्स एंड पोटेंशियल ऑफ़ एफिलिएट मार्केटिंग
- एफिलिएट मार्केटिंग की प्लेयर्स
- पेमेंट मॉडल्स इन एफिलिएट मार्केटिंग
- टाइप्स ऑफ़ एफिलिएट प्रोग्राम्स - फिजिकल प्रोडक्ट्स
- टाइप्स ऑफ़ एफिलिएट प्रोग्राम्स - डिजिटल प्रोडक्ट्स
- टाइप्स ऑफ़ एफिलिएट प्रोग्राम्स - सर्विसेज
- इम्पोर्टेंस ऑफ़ Niche सिलेक्शन इन एफिलिएट मार्केटिंग
- एफिलिएट मार्केटिंग के लिए प्रॉफिटेबल नीचेस (niches) कैसे चुने?
- मार्केट रिसर्च - टूल्स एंड टेक्निक्स फॉर एफिलिएट मार्केटिंग
- मार्केट रिसर्च - एनलाइज़िंग कॉम्पिटिटर्स इन एफिलिएट मार्केटिंग
- सेटिंग अप योर प्लेटफार्म - ब्लॉगस, वेबसाइटस एंड सोशल मीडिया चैनल्स फॉर एफिलिएट मार्केटिंग
- सेटिंग अप योर प्लेटफार्म - डोमेन एंड होस्टिंग एसेंशियल फॉर एफिलिएट मार्केटिंग
- पॉपुलर एफिलिएट नेटवर्क्स - अमेज़न एसोसिएट, शेयर ए सेल, क्लिक बैंक
- एफिलिएट प्रोग्राम्स में कमीशन रेट क्या है?
- एफिलिएट मार्केटिंग में कुकी डूरेशन क्यों महत्वपूर्ण है?
- सपोर्ट एंड रिसोर्सेज फॉर एफिलिएट मार्केटिंग
- टाइप्स ऑफ़ कंटेंट- ब्लोग्स, वीडियोस एंड पोडकास्टस फॉर एफिलिएट मार्केटिंग
- कंटेंट स्ट्रेटेजी फॉर डिफरेंट प्लेटफॉर्म्स फॉर एफिलिएट मार्केटिंग
- कीवर्ड रिसर्च फॉर एफिलिएट मार्केटिंग - बेसिक एसईओ
- ऑन पेज एंड ऑफ पेज एसईओ फॉर एफिलिएट मार्केटिंग
- कंटेंट मार्केटिंग स्ट्रेटेजीज - ब्लॉगिंग, व्लॉगिंग, सोशल मीडिया
- एफिलिएट लिंक प्रमोशन - ईमेल मार्केटिंग
- एफिलिएट लिंक प्रमोशन - सोशल मीडिया मार्केटिंग
- एफिलिएट लिंक प्रमोशन - पेड एडवरटाइजिंग
- बिल्डिंग ऑडियंस - एंगेजिंग विथ योर ऑडियंस - एफिलिएट मार्केटिंग
- बिल्डिंग ऑडियंस - ट्रस्ट एंड क्रेडिबिलिटी - एफिलिएट मार्केटिंग
- ट्रैकिंग परफॉरमेंस इन एफिलिएट मार्केटिंग - सीटीआर, कन्वर्शन रेट, आरओआई
- एफिलिएट मार्केटिंग में परफॉरमेंस ट्रैकिंग और एनालिसिस के लिए टूल्स
- ए/बी टेस्टिंग से एफिलिएट मार्केटिंग कैंपेन को ऑप्टिमाइज़ करना
- एफिलिएट मार्केटिंग में कन्वर्शन रेट सुधारने के तरीके
- एफिलिएट प्रोग्राम पॉलिसीज़ का पालन करना
- एफ टी सी गाइडलाइन्स एंड डिस्क्लोज़रस इन एफिलिएट मार्केटिंग
- बिल्डिंग ट्रांसपेरेंसी एंड ट्रस्ट इन एफिलिएट मार्केटिंग
- ऑटोमेटिंग प्रोसेसेस इन एफिलिएट मार्केटिंग
- आउट सोर्सिंग टास्कस इन एफिलिएट मार्केटिंग
- इनक्रीज योर एफिलिएट इनकम बाय जोइनिंग मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स