कंटेंट मार्केटिंग स्ट्रेटेजीज - ब्लॉगिंग, व्लॉगिंग, सोशल मीडिया - एफिलिएट मार्केटिंग

कंटेंट मार्केटिंग स्ट्रेटेजीज - ब्लॉगिंग, व्लॉगिंग, सोशल मीडिया

कंटेंट मार्केटिंग आज के डिजिटल युग में एक बहुत ही पावरफुल टूल है, खासकर जब बात आती है एफिलिएट मार्केटिंग की। कंटेंट मार्केटिंग के जरिए एफिलिएट मार्केटर अपने ऑडियंस तक सही जानकारी पहुंचाते हैं और उन्हें प्रोडक्ट या सर्विस खरीदने के लिए प्रेरित करते हैं। इसमें ब्लॉगिंग, व्लॉगिंग, और सोशल मीडिया जैसे प्लेटफार्म्स का बहुत बड़ा रोल है। चलिए जानते हैं कि इन स्ट्रेटेजीज को कैसे इफेक्टिवली यूज़ करके एफिलिएट मार्केटिंग में सक्सेस हासिल की जा सकती है।

1. ब्लॉगिंग इन एफिलिएट मार्केटिंग

ब्लॉगिंग, एफिलिएट मार्केटिंग के लिए एक बहुत ही पॉपुलर और इफेक्टिव तरीका है। ब्लॉग पोस्ट्स के जरिए आप अपने रीडर्स को वैल्यू दे सकते हैं, और साथ ही एफिलिएट लिंक्स के माध्यम से प्रोडक्ट्स या सर्विसेस प्रमोट कर सकते हैं।

ब्लॉगिंग का स्ट्रक्चर और फॉर्मेट

  • इंट्रोडक्शन: हमेशा एक कैची इंट्रोडक्शन लिखें जो आपके रीडर्स का ध्यान आकर्षित करे। इसमें आप उस प्रॉब्लम का जिक्र करें जिसे आपका ब्लॉग सॉल्व करेगा।
  • डिटेल्ड इनफार्मेशन: ब्लॉग का मैन कंटेंट डिटेल्ड और वैल्यू-ड्रिवन होना चाहिए। आप जिस प्रोडक्ट या सर्विस को प्रमोट कर रहे हैं, उसके बारे में ट्रांसपेरेंट और ऑथेंटिक इंफॉर्मेशन दें।
  • कॉल टू एक्शन (CTA): ब्लॉग के एंड में एक स्ट्रॉन्ग CTA जरूर होना चाहिए। जैसे, "अगर आप इस प्रोडक्ट को ट्राय करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।"

ब्लॉगिंग के फायदे

  • SEO के जरिए ऑर्गेनिक ट्रैफिक: अगर आप सही कीवर्ड्स का इस्तेमाल करते हैं और क्वालिटी कंटेंट क्रिएट करते हैं, तो आपका ब्लॉग सर्च इंजिन्स में हाई रैंक करेगा, जिससे ऑर्गेनिक ट्रैफिक मिलेगा।
  • लॉन्ग-टर्म रिजल्ट्स: एक बार आपका ब्लॉग पोस्ट पब्लिश हो जाता है, तो यह लंबे समय तक काम करता है। जब तक आपके ब्लॉग पर कंटेंट वैलिड रहता है, तब तक आपको ट्रैफिक और सेल्स मिलती रहती हैं।
  • ट्रस्ट बिल्डिंग: ब्लॉगिंग से आप अपने ऑडियंस के साथ ट्रस्ट और रिलेशनशिप बिल्ड कर सकते हैं, जिससे वे आपके एफिलिएट लिंक्स के जरिए प्रोडक्ट्स खरीदने में कंफर्टेबल महसूस करेंगे।

ब्लॉगिंग स्ट्रेटेजीज

  • निश-ओरिएंटेड कंटेंट: ब्लॉगिंग में आपको हमेशा अपने निश (Niche) को ध्यान में रखते हुए कंटेंट क्रिएट करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी ऑडियंस ज्यादा इंगेज होगी और आपके एफिलिएट लिंक्स पर क्लिक करने के चांस बढ़ जाएंगे।
  • कीवर्ड रिसर्च: अच्छे कीवर्ड्स ढूंढें जो आपके टार्गेट ऑडियंस के बीच पॉपुलर हों। ये कीवर्ड्स आपको सर्च रिजल्ट्स में ऊपर आने में मदद करेंगे।
  • कंसिस्टेंसी: ब्लॉगिंग में सक्सेस हासिल करने के लिए आपको रेगुलर पोस्टिंग की आदत डालनी होगी। कंसिस्टेंसी से आपका ऑडियंस इंगेज रहेगा और आपके ब्लॉग पर बार-बार आएगा।

2. व्लॉगिंग इन एफिलिएट मार्केटिंग

व्लॉगिंग यानी वीडियो ब्लॉगिंग, आजकल बहुत तेजी से ग्रो कर रहा है। खासकर यूट्यूब और अन्य वीडियो प्लेटफार्म्स के पॉपुलर होने के बाद, व्लॉग्स एक बहुत इफेक्टिव टूल बन गए हैं एफिलिएट मार्केटिंग के लिए।

व्लॉगिंग के फायदे:

  • विजुअल और ऑडियो इंगेजमेंट: वीडियो कंटेंट ज्यादा एंगेजिंग होता है क्योंकि इसमें ऑडियंस विजुअली और ऑडिटोरिली इंगेज हो सकती है। इसका असर ज्यादा पावरफुल होता है, खासकर जब आप किसी प्रोडक्ट का डेमो दिखाते हैं।
  • ऑडियंस के साथ कनेक्शन: वीडियो के जरिए आप अपनी पर्सनालिटी और ब्रांड को ज्यादा अच्छे से पेश कर सकते हैं, जिससे आपके और आपके ऑडियंस के बीच एक मजबूत कनेक्शन बनता है।
  • यूट्यूब SEO और वीडियो सर्च इंजन: यूट्यूब आज दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सर्च इंजन है। अगर आप अपने व्लॉग्स को सही से ऑप्टिमाइज करते हैं, तो आप यूट्यूब सर्च रिजल्ट्स में ऊपर आ सकते हैं और ऑर्गेनिक ट्रैफिक हासिल कर सकते हैं।

व्लॉगिंग स्ट्रेटेजीज:

  • हाई क्वालिटी कंटेंट: वीडियो की क्वालिटी पर खास ध्यान दें। वीडियो क्लियर, अच्छी रेजोल्यूशन में और ऑडियो क्रिस्प होनी चाहिए। वीडियो एडिटिंग भी अच्छी होनी चाहिए ताकि ऑडियंस एंगेज्ड रहे।
  • कंसिस्टेंसी और ब्रांडिंग: व्लॉग्स में भी रेगुलरिटी जरूरी है। आप अपने चैनल पर किस तरह का कंटेंट डालते हैं, ये आपके ब्रांड के साथ कनेक्ट होना चाहिए।
  • CTA और एफिलिएट लिंक्स: हर व्लॉग के एंड में एक क्लियर CTA रखें। साथ ही वीडियो डिस्क्रिप्शन में एफिलिएट लिंक्स जरूर ऐड करें ताकि ऑडियंस आसानी से उस प्रोडक्ट या सर्विस को खरीद सके जो आप प्रमोट कर रहे हैं।

3. सोशल मीडिया इन एफिलिएट मार्केटिंग

सोशल मीडिया आज एफिलिएट मार्केटिंग के लिए एक जरूरी टूल बन गया है। इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर, और लिंक्डइन जैसे प्लेटफार्म्स पर आप अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेस को बड़े पैमाने पर प्रमोट कर सकते हैं।

सोशल मीडिया के फायदे:

  • वायरलिटी और फास्ट स्प्रेडिंग: सोशल मीडिया पर कंटेंट बहुत तेजी से फैलता है। यदि आपका कंटेंट वायरल हो जाता है, तो आपको बहुत कम समय में लाखों लोगों तक पहुंचने का मौका मिलता है। यह आपके एफिलिएट लिंक्स पर क्लिक करने के अवसरों को भी बढ़ाता है।
  • डायरेक्ट ऑडियंस इंटरैक्शन: सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर आप सीधे अपने फॉलोअर्स और कस्टमर्स से बातचीत कर सकते हैं। इससे आपको उनकी आवश्यकताओं और इच्छाओं को बेहतर समझने में मदद मिलती है। जब आप अपनी ऑडियंस के साथ खुलकर संवाद करते हैं, तो वे आपके साथ ज्यादा जुड़ते हैं।
  • ब्रांड अवेयरनेस और ट्रस्ट बिल्डिंग: सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने से आप अपने ब्रांड को प्रमोट कर सकते हैं और लोगों के बीच ट्रस्ट स्थापित कर सकते हैं। जब लोग आपको सोशल मीडिया पर फॉलो करते हैं, तो वे आपके एफिलिएट लिंक्स पर भी ज्यादा भरोसा करते हैं।

सोशल मीडिया स्ट्रेटेजीज:

  • विजुअल कंटेंट का उपयोग: सोशल मीडिया पर विजुअल कंटेंट ज्यादा प्रभावी होता है। इमेजेस, वीडियोस, और इन्फोग्राफिक्स के जरिए आप अपने ऑडियंस को ज्यादा अच्छे से एंगेज कर सकते हैं। आपके पोस्ट्स में आकर्षक ग्राफिक्स और फोटो शामिल करने से लोग आपके कंटेंट की ओर आकर्षित होते हैं।
  • इंस्टाग्राम और फेसबुक एड्स: सोशल मीडिया पर ऑर्गेनिक रीच के साथ-साथ पेड एड्स भी बहुत कारगर साबित होती हैं। आप इंस्टाग्राम या फेसबुक पर टार्गेटेड एड्स चला सकते हैं, ताकि आपका एफिलिएट कंटेंट सही लोगों तक पहुंचे। इस तरह, आप अपने प्रोडक्ट्स को उन लोगों के सामने लाते हैं, जो पहले से ही आपकी टार्गेट ऑडियंस का हिस्सा हैं।
  • इंफ्लुएंसर मार्केटिंग: अगर आपके पास खुद का बड़ा फॉलोइंग नहीं है, तो आप इंफ्लुएंसर के साथ कोलैब कर सकते हैं। इंफ्लुएंसर मार्केटिंग के जरिए आप उनके ऑडियंस को भी टार्गेट कर सकते हैं। जब एक विश्वसनीय इंफ्लुएंसर आपके एफिलिएट प्रोडक्ट को प्रमोट करता है, तो यह आपके ब्रांड की विश्वसनीयता को बढ़ा देता है और लोगों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित करता है।

4. कंटेंट मार्केटिंग के लिए प्लानिंग और एनालिसिस

जब आप कंटेंट मार्केटिंग में प्रवेश करते हैं, तो सही प्लानिंग और एनालिसिस बेहद जरूरी हो जाता है। आपकी स्ट्रेटेजीज को सही दिशा देने के लिए एक ठोस प्लान बनाना चाहिए।

कंटेंट कैलेंडर:

कंटेंट कैलेंडर बनाना आपकी कंटेंट मार्केटिंग स्ट्रेटेजी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इससे आप ये ट्रैक कर सकते हैं कि कब और कौन सा कंटेंट पोस्ट करना है।

  • रेगुलर पोस्टिंग: कैलेंडर के जरिए आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि आप रेगुलरली कंटेंट पोस्ट कर रहे हैं। इससे आपकी ऑडियंस हमेशा आपकी वेबसाइट या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आती रहेगी।
  • विविधता: कैलेंडर का उपयोग करके आप विभिन्न प्रकार के कंटेंट, जैसे ब्लॉग, व्लॉग, और सोशल मीडिया पोस्ट्स का बैलेंस बना सकते हैं। इससे आपके ऑडियंस के लिए कंटेंट में विविधता बनी रहती है।

एनालिटिक्स और ट्रैकिंग:

कंटेंट मार्केटिंग में सफलता की कुंजी एनालिटिक्स में निहित है।

  • गूगल एनालिटिक्स: यह टूल आपको बताता है कि आपके कंटेंट पर कितना ट्रैफिक आ रहा है, कौन से कीवर्ड्स काम कर रहे हैं, और आपकी ऑडियंस किस प्रकार की जानकारी पसंद कर रही है।
  • सोशल मीडिया एनालिटिक्स: विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर आपके कंटेंट की परफॉरमेंस को ट्रैक करने के लिए इनबिल्ट एनालिटिक्स टूल्स का उपयोग करें। इससे आप समझ सकते हैं कि कौन सा कंटेंट सबसे ज्यादा एंगेजिंग है।

कस्टमर फीडबैक:

अपने ऑडियंस से फीडबैक लेना भी बहुत महत्वपूर्ण है। इससे आप जान सकते हैं कि आपकी कंटेंट स्ट्रेटेजी में क्या काम कर रहा है और क्या नहीं।

  • सर्वे और पोल्स: आप अपने ब्लॉग या सोशल मीडिया के माध्यम से सर्वे और पोल्स करवा सकते हैं। इससे आपको डायरेक्ट जानकारी मिलती है कि आपकी ऑडियंस क्या चाहती है।
  • कमेंट्स और रिव्यूज: अपने कंटेंट के प्रति ऑडियंस के कमेंट्स और रिव्यूज पर ध्यान दें। ये आपको बताते हैं कि आपके कंटेंट में कौन से एरियाज को बेहतर बनाने की आवश्यकता है।

5. अफिलिएट मार्केटिंग में SEO का महत्व

SEO (सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन) कंटेंट मार्केटिंग और एफिलिएट मार्केटिंग का एक अभिन्न हिस्सा है। सही SEO तकनीकें अपनाने से आप अपने कंटेंट की विज़िबिलिटी को बढ़ा सकते हैं।

कीवर्ड रिसर्च:

  • लॉन्ग-टेल कीवर्ड्स: लॉन्ग-टेल कीवर्ड्स का उपयोग करना अधिक लाभकारी हो सकता है। ये अधिक स्पेसिफिक होते हैं और इनकी प्रतियोगिता कम होती है।
  • कीवर्ड टूल्स: गूगल कीवर्ड प्लानर, SEMrush, या Ahrefs जैसे टूल्स का उपयोग करके आप सही कीवर्ड्स ढूंढ सकते हैं।

ऑन-पेज SEO:

  • मेटा टैग्स: अपने ब्लॉग पोस्ट्स के लिए उचित मेटा टाइटल और मेटा डिस्क्रिप्शन लिखें। ये सर्च इंजिन्स को बताता है कि आपके कंटेंट में क्या है।
  • इमेज ऑप्टिमाइजेशन: इमेजेस को भी ऑप्टिमाइज करें। फाइल नाम और ALT टैग्स में कीवर्ड्स शामिल करें।

ऑफ-पेज SEO:

  • बैकलिंक्स: अन्य वेबसाइट्स से बैकलिंक्स प्राप्त करना आपके SEO के लिए महत्वपूर्ण है। आप गेस्ट पोस्टिंग या सहयोग के जरिए बैकलिंक्स प्राप्त कर सकते हैं।
  • सोशल मीडिया शेयरिंग: अपने कंटेंट को सोशल मीडिया पर शेयर करें। जब लोग आपके कंटेंट को शेयर करते हैं, तो इससे आपकी वेबसाइट की ऑथोरिटी बढ़ती है।

6. कंटेंट मार्केटिंग और ईमेल मार्केटिंग का समन्वय

ईमेल मार्केटिंग कंटेंट मार्केटिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जब आप अपने ब्लॉग या व्लॉग पर कंटेंट पब्लिश करते हैं, तो उसे प्रमोट करने के लिए ईमेल मार्केटिंग का उपयोग करें।

ईमेल लिस्ट बिल्डिंग:

  • ऑफर्स और लीड मैग्नेट्स: अपने विजिटर्स को ईमेल लिस्ट में शामिल होने के लिए आकर्षित करें। जैसे कि, "फ्री ईबुक डाउनलोड करें" या "स्पेशल डिस्काउंट" का ऑफर दें।
  • साइन-अप फॉर्म: अपने ब्लॉग पर एक साइन-अप फॉर्म लगाएं, जिससे लोग आसानी से आपकी ईमेल लिस्ट में जुड़ सकें।

ईमेल कंटेंट स्ट्रेटेजी:

  • रेगुलर न्यूज़लेटर: ईमेल न्यूज़लेटर के जरिए अपने सब्सक्राइबर्स को नए ब्लॉग पोस्ट्स, व्लॉग्स, और स्पेशल ऑफर्स की जानकारी दें।
  • पर्सनलाइजेशन: ईमेल्स को पर्सनलाइज करें। सब्सक्राइबर्स के नाम का उपयोग करें और उनके इंटरेस्ट के अनुसार कंटेंट भेजें।

परफॉरमेंस ट्रैकिंग:

  • ओपन रेट और क्लिक-थ्रू रेट: अपने ईमेल कैंपेन की सफलता को मापने के लिए ओपन रेट और क्लिक-थ्रू रेट ट्रैक करें। इससे आपको समझ में आएगा कि किस प्रकार का कंटेंट आपकी ऑडियंस को ज्यादा पसंद आ रहा है।
  • ए/बी टेस्टिंग: ईमेल सब्जेक्ट लाइन्स और कंटेंट में ए/बी टेस्टिंग करें। इससे आप ये जान सकते हैं कि कौन सी स्ट्रेटेजी आपके लिए बेहतर काम कर रही है।

7. कंटेंट मार्केटिंग में ट्रेंड्स और अपडेट्स

डिजिटल मार्केटिंग का क्षेत्र हमेशा बदलता रहता है, इसलिए आपके लिए यह जरूरी है कि आप लेटेस्ट ट्रेंड्स और अपडेट्स के साथ अपडेट रहें।

विजुअल कंटेंट का बढ़ता ट्रेंड

इन्फोग्राफिक्स और वीडियो: आजकल लोग टेक्स्ट की बजाय विजुअल कंटेंट को ज्यादा पसंद करते हैं। इसलिए, अपने ब्लॉग्स और व्लॉग्स में इन्फोग्राफिक्स और वीडियो का इस्तेमाल करें।

कंटेंट ऑटोमेशन

सोशल मीडिया शेड्यूलिंग टूल्स: टूल्स जैसे Hootsuite या Buffer का इस्तेमाल करें, जिससे आप अपने सोशल मीडिया पोस्ट्स को पहले से शेड्यूल कर सकें।

इंटरएक्टिव कंटेंट

पोल्स, क्विज़, और लाइव वीडियो: इंटरएक्टिव कंटेंट के जरिए अपने ऑडियंस के साथ जुड़ने की कोशिश करें। ये न केवल एंगेजिंग होते हैं, बल्कि ऑडियंस की फीडबैक भी प्राप्त करने में मदद करते हैं।

8. निष्कर्ष

कंटेंट मार्केटिंग स्ट्रेटेजीज, जैसे ब्लॉगिंग, व्लॉगिंग, और सोशल मीडिया, एफिलिएट मार्केटिंग में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन सभी टूल्स को सही तरीके से अपनाकर आप अपनी मार्केटिंग स्ट्रेटेजी को मजबूत बना सकते हैं और अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं।

याद रखें, कंटेंट क्वालिटी और वैल्यू सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। अपने ऑडियंस को हमेशा वैल्यू प्रदान करें, और उन्हें अपनी यात्रा में शामिल करें। जब आप अपने कंटेंट के माध्यम से अपनी ऑडियंस के साथ जुड़ते हैं, तो एफिलिएट मार्केटिंग में आपकी सफलता की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं।

इस तरह, सही रणनीतियों और प्लानिंग के साथ, आप अपनी कंटेंट मार्केटिंग को एफिलिएट मार्केटिंग में एक सफल और प्रभावशाली टूल बना सकते हैं।

Table of Contents

  1. एफिलिएट मार्केटिंग क्या है? में कैसे शुरू कर सकता हूँ? 
  2. एफिलिएट मार्केटिंग की हिस्ट्री और एवोलुशन 
  3. बेनिफिट्स एंड पोटेंशियल ऑफ़ एफिलिएट मार्केटिंग 
  4. एफिलिएट मार्केटिंग की प्लेयर्स 
  5. पेमेंट मॉडल्स इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  6. टाइप्स ऑफ़ एफिलिएट प्रोग्राम्स - फिजिकल प्रोडक्ट्स 
  7. टाइप्स ऑफ़ एफिलिएट प्रोग्राम्स - डिजिटल प्रोडक्ट्स 
  8. टाइप्स ऑफ़ एफिलिएट प्रोग्राम्स - सर्विसेज 
  9. इम्पोर्टेंस ऑफ़ Niche सिलेक्शन इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  10. एफिलिएट मार्केटिंग के लिए प्रॉफिटेबल नीचेस (niches) कैसे चुने? 
  11. मार्केट रिसर्च - टूल्स एंड टेक्निक्स फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  12. मार्केट रिसर्च - एनलाइज़िंग कॉम्पिटिटर्स इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  13. सेटिंग अप योर प्लेटफार्म - ब्लॉगस, वेबसाइटस एंड सोशल मीडिया चैनल्स फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  14. सेटिंग अप योर प्लेटफार्म - डोमेन एंड होस्टिंग एसेंशियल फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  15. पॉपुलर एफिलिएट नेटवर्क्स - अमेज़न एसोसिएट, शेयर ए सेल, क्लिक बैंक 
  16. एफिलिएट प्रोग्राम्स में कमीशन रेट क्या है? 
  17. एफिलिएट मार्केटिंग में कुकी डूरेशन क्यों महत्वपूर्ण है? 
  18. सपोर्ट एंड रिसोर्सेज फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  19. टाइप्स ऑफ़ कंटेंट- ब्लोग्स, वीडियोस एंड पोडकास्टस फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  20. कंटेंट स्ट्रेटेजी फॉर डिफरेंट प्लेटफॉर्म्स फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  21. कीवर्ड रिसर्च फॉर एफिलिएट मार्केटिंग - बेसिक एसईओ 
  22. ऑन पेज एंड ऑफ पेज एसईओ फॉर एफिलिएट मार्केटिंग 
  23. कंटेंट मार्केटिंग स्ट्रेटेजीज - ब्लॉगिंग, व्लॉगिंग, सोशल मीडिया 
  24. एफिलिएट लिंक प्रमोशन - ईमेल मार्केटिंग 
  25. एफिलिएट लिंक प्रमोशन - सोशल मीडिया मार्केटिंग 
  26. एफिलिएट लिंक प्रमोशन - पेड एडवरटाइजिंग 
  27. बिल्डिंग ऑडियंस - एंगेजिंग विथ योर ऑडियंस - एफिलिएट मार्केटिंग 
  28. बिल्डिंग ऑडियंस - ट्रस्ट एंड क्रेडिबिलिटी - एफिलिएट मार्केटिंग 
  29. ट्रैकिंग परफॉरमेंस इन एफिलिएट मार्केटिंग - सीटीआर, कन्वर्शन रेट, आरओआई 
  30. एफिलिएट मार्केटिंग में परफॉरमेंस ट्रैकिंग और एनालिसिस के लिए टूल्स 
  31. ए/बी टेस्टिंग से एफिलिएट मार्केटिंग कैंपेन को ऑप्टिमाइज़ करना 
  32. एफिलिएट मार्केटिंग में कन्वर्शन रेट सुधारने के तरीके 
  33. एफिलिएट प्रोग्राम पॉलिसीज़ का पालन करना 
  34. एफ टी सी गाइडलाइन्स एंड डिस्क्लोज़रस इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  35. बिल्डिंग ट्रांसपेरेंसी एंड ट्रस्ट इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  36. ऑटोमेटिंग प्रोसेसेस इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  37. आउट सोर्सिंग टास्कस इन एफिलिएट मार्केटिंग 
  38. इनक्रीज योर एफिलिएट इनकम बाय जोइनिंग मल्टीप्ल एफिलिएट प्रोग्राम्स 
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